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*तालगुण्ड से कदम्ब शासक काकुस्थवर्मन का एक वृहत स्तम्भ लेख प्राप्त हुआ है। यह शिलालेख वंश परम्पराओं की एक मूल्यवान प्रशस्ति है। | *यह शिलालेख वंश परम्पराओं की एक मूल्यवान प्रशस्ति है। | ||
*कदम्ब राज्य उन प्राचीन राज्यों में से था, जो आंध्र साम्राज्य के पतन के बाद दक्षिण [[भारत]] में उदित हुआ। | *कदम्ब राज्य उन प्राचीन राज्यों में से था, जो आंध्र साम्राज्य के पतन के बाद दक्षिण [[भारत]] में उदित हुआ। | ||
*काकुस्थवर्मन (चतुर्थ शताब्दी ई.) के समय में कदम्ब राज्य का विस्तार हुआ और उसकी शक्ति और प्रभाव बढ़ा। | *काकुस्थवर्मन (चतुर्थ शताब्दी ई.) के समय में कदम्ब राज्य का विस्तार हुआ और उसकी शक्ति और प्रभाव बढ़ा। | ||
*तालकुण्ड लेख के अनुसार उसने अपनी कन्याओं का विवाह गुप्त तथा वाकाटक वंशों में किया था। तालकुण्ड में उसने एक विशाल सरोवर भी खुदवाया था। | *तालकुण्ड लेख के अनुसार उसने अपनी कन्याओं का विवाह गुप्त तथा [[वाकाटक वंश|वाकाटक वंशों]] में किया था। | ||
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13:53, 6 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
तालगुण्ड कर्नाटक के शिमोगा ज़िले में स्थित है।
- तालगुण्ड से कदम्ब शासक काकुस्थवर्मन का एक वृहत स्तम्भ लेख प्राप्त हुआ है।
- यह शिलालेख वंश परम्पराओं की एक मूल्यवान प्रशस्ति है।
- कदम्ब राज्य उन प्राचीन राज्यों में से था, जो आंध्र साम्राज्य के पतन के बाद दक्षिण भारत में उदित हुआ।
- काकुस्थवर्मन (चतुर्थ शताब्दी ई.) के समय में कदम्ब राज्य का विस्तार हुआ और उसकी शक्ति और प्रभाव बढ़ा।
- तालकुण्ड लेख के अनुसार उसने अपनी कन्याओं का विवाह गुप्त तथा वाकाटक वंशों में किया था।
- तालकुण्ड में उसने एक विशाल सरोवर भी खुदवाया था।
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