"अवधान शैली": अवतरणों में अंतर
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'''अवधान शैली''' [[तेलुगू भाषा|तेलगु]] की एक अनुपम साहित्यिक विशेषता है। इसमें [[कवि]] की विद्वत्ता, काव्यशक्ति और कठोर साधना से प्राप्त चित्त की एकाग्रता और चमत्कारी धारणा शक्ति की परीक्षा होती है। | |||
*अवधान शैली में 'अष्टावधान' और 'शतावधान' अधिक प्रचलित हैं परंतु 'सहस्रावधान' भी होता है। | *अवधान शैली में 'अष्टावधान' और 'शतावधान' अधिक प्रचलित हैं परंतु 'सहस्रावधान' भी होता है। | ||
* 'अष्टावधान' में अष्टावधानी व्यक्ति के चारों ओर आठ व्यक्ति बैठते हैं और भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रश्न पूछते हैं या समस्या उत्पन्न करते हैं जिनमें अनेक का [[साहित्य|साहित्यिक]] रूप होता है। अष्टावधानी उन्हें ध्यान में रखकर बाद में ठीक क्रम से कविता में उत्तर देता है जिसमें आठ [[छन्द]] होते हैं। | *'अष्टावधान' में अष्टावधानी व्यक्ति के चारों ओर आठ व्यक्ति बैठते हैं और भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रश्न पूछते हैं या समस्या उत्पन्न करते हैं, जिनमें अनेक का [[साहित्य|साहित्यिक]] रूप होता है। | ||
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12:27, 18 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण
अवधान शैली तेलगु की एक अनुपम साहित्यिक विशेषता है। इसमें कवि की विद्वत्ता, काव्यशक्ति और कठोर साधना से प्राप्त चित्त की एकाग्रता और चमत्कारी धारणा शक्ति की परीक्षा होती है।
- अवधान शैली में 'अष्टावधान' और 'शतावधान' अधिक प्रचलित हैं परंतु 'सहस्रावधान' भी होता है।
- 'अष्टावधान' में अष्टावधानी व्यक्ति के चारों ओर आठ व्यक्ति बैठते हैं और भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रश्न पूछते हैं या समस्या उत्पन्न करते हैं, जिनमें अनेक का साहित्यिक रूप होता है।
- अष्टावधानी उन्हें ध्यान में रखकर बाद में ठीक क्रम से कविता में उत्तर देता है, जिसमें आठ छन्द होते हैं।
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