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[[मिजोरम]]
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! '''मिजोरम प्रदेश के ज़िले'''
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[[District::आइजोल ज़िला]] '''.'''
[[District::चम्फाई ज़िला]] '''.'''
[[District::कोलासिब ज़िला]] '''.'''
[[District::ममित ज़िला]] '''.'''
[[District::लुंगलेई ज़िला]] '''.'''
[[District::लॉन्ग्तलाई ज़िला]] '''.'''
[[District::सइहा ज़िला]] '''.'''
[[District::सेरछिप ज़िला]]
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|-
 
!कहावत लोकोक्ति मुहावरे
====================
!अर्थ
 
|-
 
| style="width:30%"|
 
1-अजगर करे ना चाकरी पंछी करे ना काम,<br />
 
दास मलूका कह गए सब के दाता राम ..।
==हिंदी विश्वकोश पर बने लेखों की सूची==
| style="width:70%"|
<poem>
अर्थ -  अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है !
अंग्रेज़ी भाषा
|-
अक्षरअनन्य
|2-असाढ़ जोतो लड़के ढार, सावन भादों हरवा है<br />
अज्ञेय, सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन
क्वार जोतो घर का बैल, तब ऊंचे उनहारे।
अतिशयोक्ति अलंकार
|
अनुप्रास अलंकार
अर्थ -किसान को आषाढ माह में साधारण जुताई करनी चाहिए, सावन भादों में अधिक, परन्तु क्वार में बहुत अधिक जुताई करें कि दिन-रात का ध्यान ना रहे, तभी अच्छी और ज़्यादा उपज होगी।
अनूप शर्मा
|-
अपभ्रंश भाषा
|3-अधजल गगरी छलकत जाय
अमरेश
|
अमीर ख़ुसरो
अर्थ - जो व्यक्ति बहुत कम जानता, वह विद्वान ही होने का दिखावा ज्यादा करता है।
अमृता प्रीतम
|-
अयोध्याप्रसाद खत्री
|4-अति ऊंचे भू-धारन पर भुजगन के स्थान<br />
अयोध्यासिंह उपाध्याय
तुलसी अति नीचे सुखद उंख अन्न असपान।
अरबिंदो घोष
|
अरबी भाषा
अर्थ - तुलसीदास जी कहते हैं कि खेती ऐसे ऊंचे स्थानों पर करनी चाहिए जहां पर सांप रहते हों, पहाड़ों के ढाल पर उंख हो, वहीं पर अन्न और पान की अच्छी फसल होती है।
अर्जुनदास केडिया
|-
अर्थालंकार
|5-असाढ़ जोतो लड़के ढार, सावन भादों हरवा है<br />
अलंकार
क्वार जोतो घर का बैल, तब ऊंचे उनहारे।
अली मुहिब खाँ
|
अवधी भाषा
अर्थ -किसान को आषाढ माह में साधारण जुताई करनी चाहिए, सावन भादों में अधिक, परन्तु क्वार में बहुत अधिक जुताई करें कि दिन-रात का ध्यान ना रहे, तभी अच्छी और ज़्यादा उपज होगी।
अवहट्ट
|-
अविकारी शब्द
|6-अद्रा भद्रा कृत्तिका, अद्र रेख जु मघाहि।<br />
अश्वघोष
चंदा ऊगै दूज को सुख से नरा अघाहि।।
अष्टछाप कवि
|
असमिया भाषा
अर्थ - यदि द्वितीया का चन्द्रमा, आर्द्रा नक्षत्र, कृत्तिका, श्लेषा या मघा में अथवा भद्रा में उगे तो मनुष्य सुखी रहते हैं।
आंडाल
|-
आठवीं अनुसूची
|-7- अखै तीज तिथि के दिना, गुरु होवे संजूत।<br />
आदि शंकराचार्य
तो भाखैं यों भड्डरी, उपजै नाज बहूत।।
आधुनिक हिंदी
|
आरमाइक भाषा
अर्थ - अगर वैशाख में अक्षय तृतीया को गुरुवार पड़े तो खूब अन्न पैदा होगा।
आरमाइक लिपि
|-
आरसी प्रसाद सिंह
|8-असुनी नलिया अन्त विनासै। गली रेवती जल को नासै।।<br />
आलम
भरनी नासै तृनौ सहूतो। कृतिका बरसै अन्त बहूतो।।
उड़िया भाषा
|
उत्प्रेक्षा अलंकार
अर्थ - अगर चैत माह में अश्विनी नक्षत्र में बारिश हो तो वर्षा ऋतु के अन्त में झुरा पड़ेगा; रेतवी नक्षत्र बरसे तो वर्षा नाम मात्र की होगी;  भरणी नक्षत्र बरसे तो घास भी सूख जाएगी और कृतिका नक्षत्र बरसे तो अच्छी वर्षा होगी।
उदय प्रकाश
|-
उद्धरण चिह्न
|9-असाढ़ मास आठें अंधियारी। जो निकले बादर जल धारी।।<br />
उपमा अलंकार
चन्दा निकले बादर फोड़। साढ़े तीन मास वर्षा का जोग।।
उपमेयोपमा अलंकार
|
उपवाक्य
अर्थ - अगर आषाढ़ माह की अष्टमी को अन्धकार छाया हुआ हो और चन्द्रमा बादलों से निकले तो बहुत आनन्ददायी वर्षा होगी और पृथ्वी पर आनन्द की बारिश सी होगी।
उपसर्ग
|-
उर्दू भाषा
|10- असाढ़ मास पूनो दिवस, बादल घेरे चन्द्र।<br />
उल्लेख अलंकार
तो भड्डरी जोसी कहैं, होवे परम अनन्द।।
उसमान
|
कन्नड़ भाषा
अर्थ - अगर आषाढ़ माह की पूर्णिमा को चन्द्रमा बादलों से ढ़का रहे तो भड्डरी ज्योतिषी कहते हैं कि उस वर्ष आनन्द ही आनन्द रहेगा।
कन्नौजी बोली
|-
कबीर
|11- अंधा बाँटे रेवड़ी (शीरनी), फिर-फिर अपनों को दे।
कलकतिया हिंदी
|
कलिंग लिपि
अर्थ - अपने अधिकार का लाभ सिर्फ अपनों को ही पहुँचाना।
कल्हण
|-
कवींद्र
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कश्मीरी भाषा
क़ादिर बख्श
काका हाथरसी सम्मान
कारक
काल
कालिदास
कालिदास त्रिवेदी
कासिमशाह
कुतबन
कुमायूँनी बोली
कुमार मणिभट्ट
कुम्भनदास
कुरुख भाषा
कुलपति मिश्र
कृपाराम
कृष्ण (कवि)
कृष्णदास
केशव
कोंकणी भाषा
कोष्ठक चिह्न
कौरवी बोली
क्रिया
क्रियाविशेषण
खड़ी बोली
खरोष्ठी
गंग
गंजन
गढ़वाली बोली
गदाधर भट्ट
गुजराती भाषा
गुयानी हिंदी
गुरुमुखी लिपि
गोविंदस्वामी
ग्रन्थ लिपि
घनानन्द
चंदबरदाई
चतुर्भुजदास
चिंतामणि त्रिपाठी
चौपाई
छत्तीसगढ़ी बोली
छन्द
छीतस्वामी
छीहल
जगजीवनदास
जमाल
जयदेव
जयशंकर प्रसाद
टोडरमल
डिंगल
डोगरी भाषा
तमिल भाषा
तमिल लिपि
ताजुज़्बेकी हिंदी
तुकाराम
तुलसीदास
तेलुगु एवं कन्नड़ लिपि
तेलुगु भाषा
तोरु दत्त
तोषनिधि
त्रिनिदादी हिंदी
त्रुटिबोधक चिह्न
दंडी
दक्खिनी हिंदी
दक्षिण अफ़्रीक़ी हिंदी
दलपतराम
दलपति राय
दशकुमारचरित
दूलह
दृष्टान्त अलंकार
देव
देवनागरी लिपि
देवनागरी लिपि का विकास
देवनागरी लिपि के गुण और दोष
दोहा
धर्मदास
धर्मवीर भारती
ध्रुवदास
नंददास
नरोत्तमदास
नवोदित लेखक पुरस्कार
नागरीप्रचारिणी सभा
नागार्जुन
नाभादास
निरर्थक शब्द (व्याकरण)
निर्मल वर्मा
नूर मुहम्मद
नेपाली भाषा
नेपाली हिंदी
नेवाज
पंजाबी भाषा
परमानंद दास
पश्चिमी पहाड़ी बोली
पहलवी भाषा
पहाड़ी बोली
पालि भाषा
पुल्लिंग
पुष्पदंत
पुहकर कवि
प्रत्यय
प्रश्नवाचक चिह्न
प्राकृत भाषा
प्राणचंद चौहान
प्रेमचन्द
फणीश्वरनाथ रेणु
फ़ारसी भाषा
फिजी हिंदी
बंसीधर
बघेली बोली
बनारसी दास
बलभद्र मिश्र
बांग्ला भाषा
बांग्ला लिपि
बाणभट्ट
बाल भारत
बालकृष्ण शर्मा नवीन
बिहारी भाषा
बिहारी लाल
बीर
बीरबल
बुन्देली बोली
बेनी
बैरीसाल
बैसवाड़ी बोली
बोडो भाषा
ब्रजभाषा
ब्राह्मी लिपि
भक्तिकाल
भगवतीचरण वर्मा
भट्टोजिदीक्षित
भवभूति
भारत रत्न
भारतेन्दु हरिश्चंद्र
भारवि
भास
भिखारी दास
भूपति राज गुरुदत्त सिंह
भूषण
भोजपुरी भाषा
मंखक
मंझन
मंडन
मगही बोली
मणिपुरी भाषा
मतिराम
मनोहर
मराठी भाषा
मलयालम भाषा
मलूकदास
महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय
महादेवी वर्मा
महापात्र नरहरि बंदीजन
महावीर प्रसाद द्विवेदी
माखन लाल चतुर्वेदी
मागधी भाषा
माघ कवि
मारवाड़ी बोली
मीरां
मुक्तिबोध गजानन माधव
मुम्बईया हिंदी
मृच्छकटिकम
मैथिली भाषा
मैथिलीशरण गुप्त
मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ
मॉरिशसी हिंदी
मोहन राकेश
यमक अलंकार
यशपाल
योजक चिह्न
रंगलाल बनर्जी
रघुनाथ (कवि)
रघुवीर सहाय
रस
रसखान
रसलीन
रसिक सुमति
रहीम
राजभाषा हिंदी
राजशेखर
राजस्थानी भाषा
राजेश जोशी
राम (कवि)
रामकुमार वर्मा
रामचन्द्र शुक्ल
रामधारी सिंह दिनकर
रामनरेश त्रिपाठी
रामविलास शर्मा
राय कृष्णदास
राष्ट्रभाषा हिंदी
रूपक अलंकार
रूपसाहि
रेखांकन चिह्न
रैदास
लाघव चिह्न
लालच दास
लालचंद
लिंग
लिपि
लोप चिह्न
वचन (हिंदी)
वट्टेळुत्तु लिपि
वर्णमाला (व्याकरण)
वर्तनी (हिंदी)
विकारी शब्द
विद्यालय हिन्दी शिक्षक सम्मान
विराम चिह्न
विरोधाभास अलंकार
विशाखदत्त
विशेषण
विश्व हिंदी दिवस
विष्णु प्रभाकर
विस्मयसूचक चिह्न
विस्मयादिबोधक
व्यंजन (व्याकरण)
व्याकरण
व्यास जी
शंकरदेव
शंभुनाथ मिश्र
शती
शब्द (व्याकरण)
शलाका सम्मान
शारदा लिपि
शिलांगी हिंदी
शिवसहाय दास
शूद्रक
शेख नबी
शौरसेनी
श्रीधर
श्रीपति (कवि)
श्रीभट्ट
श्रीलाल शुक्ल
श्रीहर्ष
श्लेष अलंकार
संज्ञा
संथाली भाषा
संधि
संवत
संस्कृत भाषा
समुच्यबोधक
सम्बन्धबोधक
सरोजिनी नायडू
सर्वनाम
सार्थक शब्द (व्याकरण)
साहित्यकार सम्मान
साहित्यिक कृति सम्मान
सिंधी भाषा
सिंहली
सिन्धु लिपि
सुंदर दास
सुखदेव मिश्र
सुन्दरदास खण्डेलवाल
सुभद्रा कुमारी चौहान
सुमित्रानंदन पंत
सूरति मिश्र
सूरदास
सूरदास मदनमोहन
सूरीनामी हिंदी
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सेनापति
सैय्यद मुबारक़ अली बिलग्रामी
सोमनाथ माथुर
स्त्रीलिंग
स्वयंभू देव
स्वर (व्याकरण)
स्वामी अग्रदास
स्वामी हरिदास
हड़प्पा लिपि
हरियाणवी बोली
हरिवंश राय बच्चन
हरिषेण
हिंदी
हिंदी अकादमी
हिंदी अकादमी की संचालन समिति
हिंदी अकादमी के सम्मान और पुरस्कार
हिंदी अकादमी: योजनाएँ एवं कार्यक्रम
हिंदी का मानकीकरण
हिंदी की अखिल भारतीयता का इतिहास
हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ
हिंदी के अर्थ और नाम
हिंदी दिवस
हिंदी वर्णमाला (व्याकरण)
हिंदी साहित्य
हितहरिवंश
हृदयराम
हॉलैंडी हिंदी
</poem>
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पेज - 117
 
* महाभारत का फारसी अनुवाद अकबर के काल में हुआ जिसे 'रज्मनामा' के नाम से जाना गया।
* रामचरितमानस को ग्रियर्सन ने  'करोड़ों लोगों की बाइबिल' कहा है।
* कॉबेल ने मुकुंद राम को ' बंगाल का क्रेव' कहा है।
* अकबर ने  बीरबल को 'कविप्रिय' कहा है।
* नरहरि को 'महापात्र' की उपाधि दी गयी थी।
* मीर सैयद अली व ख्वाजा अब्दुस्समद कोप 'सिरिकलम' की उपाधि से विभूषित किया गया था।
* मुहम्मद हुसैन को 'जरींकलम' की उपाधि से विभूषित किया गया था।
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
 
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06:11, 27 नवम्बर 2024 के समय का अवतरण


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हिंदी विश्वकोश पर बने लेखों की सूची

अंग्रेज़ी भाषा
अक्षरअनन्य
अज्ञेय, सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन
अतिशयोक्ति अलंकार
अनुप्रास अलंकार
अनूप शर्मा
अपभ्रंश भाषा
अमरेश
अमीर ख़ुसरो
अमृता प्रीतम
अयोध्याप्रसाद खत्री
अयोध्यासिंह उपाध्याय
अरबिंदो घोष
अरबी भाषा
अर्जुनदास केडिया
अर्थालंकार
अलंकार
अली मुहिब खाँ
अवधी भाषा
अवहट्ट
अविकारी शब्द
अश्वघोष
अष्टछाप कवि
असमिया भाषा
आंडाल
आठवीं अनुसूची
आदि शंकराचार्य
आधुनिक हिंदी
आरमाइक भाषा
आरमाइक लिपि
आरसी प्रसाद सिंह
आलम
उड़िया भाषा
उत्प्रेक्षा अलंकार
उदय प्रकाश
उद्धरण चिह्न
उपमा अलंकार
उपमेयोपमा अलंकार
उपवाक्य
उपसर्ग
उर्दू भाषा
उल्लेख अलंकार
उसमान
कन्नड़ भाषा
कन्नौजी बोली
कबीर
कलकतिया हिंदी
कलिंग लिपि
कल्हण
कवींद्र
कश्मीरी भाषा
क़ादिर बख्श
काका हाथरसी सम्मान
कारक
काल
कालिदास
कालिदास त्रिवेदी
कासिमशाह
कुतबन
कुमायूँनी बोली
कुमार मणिभट्ट
कुम्भनदास
कुरुख भाषा
कुलपति मिश्र
कृपाराम
कृष्ण (कवि)
कृष्णदास
केशव
कोंकणी भाषा
कोष्ठक चिह्न
कौरवी बोली
क्रिया
क्रियाविशेषण
खड़ी बोली
खरोष्ठी
गंग
गंजन
गढ़वाली बोली
गदाधर भट्ट
गुजराती भाषा
गुयानी हिंदी
गुरुमुखी लिपि
गोविंदस्वामी
ग्रन्थ लिपि
घनानन्द
चंदबरदाई
चतुर्भुजदास
चिंतामणि त्रिपाठी
चौपाई
छत्तीसगढ़ी बोली
छन्द
छीतस्वामी
छीहल
जगजीवनदास
जमाल
जयदेव
जयशंकर प्रसाद
टोडरमल
डिंगल
डोगरी भाषा
तमिल भाषा
तमिल लिपि
ताजुज़्बेकी हिंदी
तुकाराम
तुलसीदास
तेलुगु एवं कन्नड़ लिपि
तेलुगु भाषा
तोरु दत्त
तोषनिधि
त्रिनिदादी हिंदी
त्रुटिबोधक चिह्न
दंडी
दक्खिनी हिंदी
दक्षिण अफ़्रीक़ी हिंदी
दलपतराम
दलपति राय
दशकुमारचरित
दूलह
दृष्टान्त अलंकार
देव
देवनागरी लिपि
देवनागरी लिपि का विकास
देवनागरी लिपि के गुण और दोष
दोहा
धर्मदास
धर्मवीर भारती
ध्रुवदास
नंददास
नरोत्तमदास
नवोदित लेखक पुरस्कार
नागरीप्रचारिणी सभा
नागार्जुन
नाभादास
निरर्थक शब्द (व्याकरण)
निर्मल वर्मा
नूर मुहम्मद
नेपाली भाषा
नेपाली हिंदी
नेवाज
पंजाबी भाषा
परमानंद दास
पश्चिमी पहाड़ी बोली
पहलवी भाषा
पहाड़ी बोली
पालि भाषा
पुल्लिंग
पुष्पदंत
पुहकर कवि
प्रत्यय
प्रश्नवाचक चिह्न
प्राकृत भाषा
प्राणचंद चौहान
प्रेमचन्द
फणीश्वरनाथ रेणु
फ़ारसी भाषा
फिजी हिंदी
बंसीधर
बघेली बोली
बनारसी दास
बलभद्र मिश्र
बांग्ला भाषा
बांग्ला लिपि
बाणभट्ट
बाल भारत
बालकृष्ण शर्मा नवीन
बिहारी भाषा
बिहारी लाल
बीर
बीरबल
बुन्देली बोली
बेनी
बैरीसाल
बैसवाड़ी बोली
बोडो भाषा
ब्रजभाषा
ब्राह्मी लिपि
भक्तिकाल
भगवतीचरण वर्मा
भट्टोजिदीक्षित
भवभूति
भारत रत्न
भारतेन्दु हरिश्चंद्र
भारवि
भास
भिखारी दास
भूपति राज गुरुदत्त सिंह
भूषण
भोजपुरी भाषा
मंखक
मंझन
मंडन
मगही बोली
मणिपुरी भाषा
मतिराम
मनोहर
मराठी भाषा
मलयालम भाषा
मलूकदास
महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय
महादेवी वर्मा
महापात्र नरहरि बंदीजन
महावीर प्रसाद द्विवेदी
माखन लाल चतुर्वेदी
मागधी भाषा
माघ कवि
मारवाड़ी बोली
मीरां
मुक्तिबोध गजानन माधव
मुम्बईया हिंदी
मृच्छकटिकम
मैथिली भाषा
मैथिलीशरण गुप्त
मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ
मॉरिशसी हिंदी
मोहन राकेश
यमक अलंकार
यशपाल
योजक चिह्न
रंगलाल बनर्जी
रघुनाथ (कवि)
रघुवीर सहाय
रस
रसखान
रसलीन
रसिक सुमति
रहीम
राजभाषा हिंदी
राजशेखर
राजस्थानी भाषा
राजेश जोशी
राम (कवि)
रामकुमार वर्मा
रामचन्द्र शुक्ल
रामधारी सिंह दिनकर
रामनरेश त्रिपाठी
रामविलास शर्मा
राय कृष्णदास
राष्ट्रभाषा हिंदी
रूपक अलंकार
रूपसाहि
रेखांकन चिह्न
रैदास
लाघव चिह्न
लालच दास
लालचंद
लिंग
लिपि
लोप चिह्न
वचन (हिंदी)
वट्टेळुत्तु लिपि
वर्णमाला (व्याकरण)
वर्तनी (हिंदी)
विकारी शब्द
विद्यालय हिन्दी शिक्षक सम्मान
विराम चिह्न
विरोधाभास अलंकार
विशाखदत्त
विशेषण
विश्व हिंदी दिवस
विष्णु प्रभाकर
विस्मयसूचक चिह्न
विस्मयादिबोधक
व्यंजन (व्याकरण)
व्याकरण
व्यास जी
शंकरदेव
शंभुनाथ मिश्र
शती
शब्द (व्याकरण)
शलाका सम्मान
शारदा लिपि
शिलांगी हिंदी
शिवसहाय दास
शूद्रक
शेख नबी
शौरसेनी
श्रीधर
श्रीपति (कवि)
श्रीभट्ट
श्रीलाल शुक्ल
श्रीहर्ष
श्लेष अलंकार
संज्ञा
संथाली भाषा
संधि
संवत
संस्कृत भाषा
समुच्यबोधक
सम्बन्धबोधक
सरोजिनी नायडू
सर्वनाम
सार्थक शब्द (व्याकरण)
साहित्यकार सम्मान
साहित्यिक कृति सम्मान
सिंधी भाषा
सिंहली
सिन्धु लिपि
सुंदर दास
सुखदेव मिश्र
सुन्दरदास खण्डेलवाल
सुभद्रा कुमारी चौहान
सुमित्रानंदन पंत
सूरति मिश्र
सूरदास
सूरदास मदनमोहन
सूरीनामी हिंदी
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सेनापति
सैय्यद मुबारक़ अली बिलग्रामी
सोमनाथ माथुर
स्त्रीलिंग
स्वयंभू देव
स्वर (व्याकरण)
स्वामी अग्रदास
स्वामी हरिदास
हड़प्पा लिपि
हरियाणवी बोली
हरिवंश राय बच्चन
हरिषेण
हिंदी
हिंदी अकादमी
हिंदी अकादमी की संचालन समिति
हिंदी अकादमी के सम्मान और पुरस्कार
हिंदी अकादमी: योजनाएँ एवं कार्यक्रम
हिंदी का मानकीकरण
हिंदी की अखिल भारतीयता का इतिहास
हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ
हिंदी के अर्थ और नाम
हिंदी दिवस
हिंदी वर्णमाला (व्याकरण)
हिंदी साहित्य
हितहरिवंश
हृदयराम
हॉलैंडी हिंदी

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पेज - 117

  • महाभारत का फारसी अनुवाद अकबर के काल में हुआ जिसे 'रज्मनामा' के नाम से जाना गया।
  • रामचरितमानस को ग्रियर्सन ने 'करोड़ों लोगों की बाइबिल' कहा है।
  • कॉबेल ने मुकुंद राम को ' बंगाल का क्रेव' कहा है।
  • अकबर ने बीरबल को 'कविप्रिय' कहा है।
  • नरहरि को 'महापात्र' की उपाधि दी गयी थी।
  • मीर सैयद अली व ख्वाजा अब्दुस्समद कोप 'सिरिकलम' की उपाधि से विभूषित किया गया था।
  • मुहम्मद हुसैन को 'जरींकलम' की उपाधि से विभूषित किया गया था।

टीका टिप्पणी और संदर्भ


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