"प्रयोग:Asha": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(7 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 143 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{| class="bottomtemplate"   
<caption>
[[मिजोरम]]
</caption>
! '''मिजोरम प्रदेश के ज़िले'''
|
[[District::आइजोल ज़िला]] '''.'''
[[District::चम्फाई ज़िला]] '''.'''
[[District::कोलासिब ज़िला]] '''.'''
[[District::ममित ज़िला]] '''.'''
[[District::लुंगलेई ज़िला]] '''.'''
[[District::लॉन्ग्तलाई ज़िला]] '''.'''
[[District::सइहा ज़िला]] '''.'''
[[District::सेरछिप ज़िला]]
|}
--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}


{| class="wikitable"
 
|-
 
!कहावत लोकोक्ति मुहावरे
====================
!अर्थ
 
|-
 
| style="width:30%"|
 
1-अजगर करे ना चाकरी पंछी करे ना काम,<br />
 
दास मलूका कह गए सब के दाता राम ..।
==हिंदी विश्वकोश पर बने लेखों की सूची==
| style="width:70%"|
<poem>
अर्थ -  अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है !
अंग्रेज़ी भाषा
|-
अक्षरअनन्य
|53- अपनी चिलम भरने को मेरा झोपड़ा जलाते हो।
अज्ञेय, सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन
|
अतिशयोक्ति अलंकार
अर्थ - अपने ज़रा से लाभ के लिए किसी दूसरे की बड़ी हानि करना।
अनुप्रास अलंकार
|-
अनूप शर्मा
|54- अपनी छाछ को कोई खट्टा नहीं कहता।
अपभ्रंश भाषा
|
अमरेश
अर्थ - अपनी चीज़ को कोई बुरा नहीं बताता।
अमीर ख़ुसरो
|-
अमृता प्रीतम
|55- अपनी टाँग उघारिए, आपहि मरिए लाज।
अयोध्याप्रसाद खत्री
|
अयोध्यासिंह उपाध्याय
अर्थ -  अपने घर की बात दूसरों से कहने से व्यक्ति की खुद की ही बदनामी होती है।
अरबिंदो घोष
|-
अरबी भाषा
|56- अपनी नींद सोना, अपनी नींद जागना।
अर्जुनदास केडिया
|
अर्थालंकार
अर्थ -  पूर्ण रूप से स्वतंत्र होना।
अलंकार
|-
अली मुहिब खाँ
57- अपनी नाक कटे तो कटे दूसरों का सगुन तो बिगड़े।
अवधी भाषा
|
अवहट्ट
अर्थ - दुष्ट लोग दूसरों का नुकसान करते ही हैं, भले ही उनका अपना भी कितना ही नुकसान हो जाए।
अविकारी शब्द
|-
अश्वघोष
|58- अपनी पगड़ी अपने हाथ,
अष्टछाप कवि
|
असमिया भाषा
अर्थ - अपनी इज्जत अपने हाथ होना।
आंडाल
|-
आठवीं अनुसूची
|59- अपने किए का क्या इलाज।
आदि शंकराचार्य
|
आधुनिक हिंदी
अर्थ - अपने कर्म का फल खुद भोगना ही पड़ता है।
आरमाइक भाषा
|-
आरमाइक लिपि
|60- अपने झोपड़े की खैर मनाओ।
आरसी प्रसाद सिंह
|
आलम
अर्थ -  अपनी कुशल देखो या अपनी भलाई देखो।
उड़िया भाषा
|-
उत्प्रेक्षा अलंकार
|61- अपने पूत को कोई काना नहीं कहता।
उदय प्रकाश
|
उद्धरण चिह्न
अर्थ - अपनी खराब चीज़ को भी कोई खराब नहीं कहता है।
उपमा अलंकार
|-
उपमेयोपमा अलंकार
|62- अपने मुँह मिया मिट्ठू बनाना।
उपवाक्य
|
उपसर्ग
अर्थ - अपनी बड़ाई खुद ही करना।
उर्दू भाषा
|-
उल्लेख अलंकार
|63- अब की अब के साथ, जब की जब के साथ।
उसमान
|
कन्नड़ भाषा
अर्थ - सदा वर्तमान में ही रहना चाहिए और आज की ही चिंता करनी चाहिए।
कन्नौजी बोली
|-
कबीर
|64- अब सतवंती होकर बैठी, लूट लिया सारा संसार।
कलकतिया हिंदी
|
कलिंग लिपि
अर्थ - सारी उम्र तो व्यक्ति बुरे काम करता रहा और बाद में  संत बनकर बैठ जाए।
कल्हण
|-
कवींद्र
|65-  अभी तो तुम्हारे दूध के दाँत भी नहीं टूटे।
कश्मीरी भाषा
|
क़ादिर बख्श
अर्थ - अभी तो तुम्हारी उम्र कम है और अभी तुम बच्चे हो और नादान और अनजान हो।
काका हाथरसी सम्मान
|-
कारक
|66- अभी दिल्ली दूर है।
काल
|
कालिदास
अर्थ - अभी कसर बाकी है,अभी काम पूरा नहीं हुआ।
कालिदास त्रिवेदी
|-
कासिमशाह
|67- अमरी की जान प्यारी, गरीब को दम भारी।
कुतबन
|
कुमायूँनी बोली
अर्थ - गरीब की जान के लाले पड़े हैं।
कुमार मणिभट्ट
|-
कुम्भनदास
|68- अरहर की टट्टी, गुजराती ताला।
कुरुख भाषा
|
कुलपति मिश्र
अर्थ -  मामूली वस्तु की रक्षा के लिए इतना बड़ा इन्तज़ाम ।
कृपाराम
|-
कृष्ण (कवि)
|69- अलख पुरूष की माया, कहीं धूप कहीं छाया।
कृष्णदास
|
केशव
अर्थ - ईश्वर की लीला देखिए- कोई सुखी है और कोई दु:खी है।
कोंकणी भाषा
|-
कोष्ठक चिह्न
|70- अशर्फियाँ लुटें और कोयलों पर मोहर।
कौरवी बोली
|
क्रिया
अर्थ - मूल्यवान वस्तु भले ही दे दें पर छोटी-छोटी चीज़ों को बचा-बचा कर रखने की आदत।
क्रियाविशेषण
|-
खड़ी बोली
खरोष्ठी
गंग
गंजन
गढ़वाली बोली
गदाधर भट्ट
गुजराती भाषा
गुयानी हिंदी
गुरुमुखी लिपि
गोविंदस्वामी
ग्रन्थ लिपि
घनानन्द
चंदबरदाई
चतुर्भुजदास
चिंतामणि त्रिपाठी
चौपाई
छत्तीसगढ़ी बोली
छन्द
छीतस्वामी
छीहल
जगजीवनदास
जमाल
जयदेव
जयशंकर प्रसाद
टोडरमल
डिंगल
डोगरी भाषा
तमिल भाषा
तमिल लिपि
ताजुज़्बेकी हिंदी
तुकाराम
तुलसीदास
तेलुगु एवं कन्नड़ लिपि
तेलुगु भाषा
तोरु दत्त
तोषनिधि
त्रिनिदादी हिंदी
त्रुटिबोधक चिह्न
दंडी
दक्खिनी हिंदी
दक्षिण अफ़्रीक़ी हिंदी
दलपतराम
दलपति राय
दशकुमारचरित
दूलह
दृष्टान्त अलंकार
देव
देवनागरी लिपि
देवनागरी लिपि का विकास
देवनागरी लिपि के गुण और दोष
दोहा
धर्मदास
धर्मवीर भारती
ध्रुवदास
नंददास
नरोत्तमदास
नवोदित लेखक पुरस्कार
नागरीप्रचारिणी सभा
नागार्जुन
नाभादास
निरर्थक शब्द (व्याकरण)
निर्मल वर्मा
नूर मुहम्मद
नेपाली भाषा
नेपाली हिंदी
नेवाज
पंजाबी भाषा
परमानंद दास
पश्चिमी पहाड़ी बोली
पहलवी भाषा
पहाड़ी बोली
पालि भाषा
पुल्लिंग
पुष्पदंत
पुहकर कवि
प्रत्यय
प्रश्नवाचक चिह्न
प्राकृत भाषा
प्राणचंद चौहान
प्रेमचन्द
फणीश्वरनाथ रेणु
फ़ारसी भाषा
फिजी हिंदी
बंसीधर
बघेली बोली
बनारसी दास
बलभद्र मिश्र
बांग्ला भाषा
बांग्ला लिपि
बाणभट्ट
बाल भारत
बालकृष्ण शर्मा नवीन
बिहारी भाषा
बिहारी लाल
बीर
बीरबल
बुन्देली बोली
बेनी
बैरीसाल
बैसवाड़ी बोली
बोडो भाषा
ब्रजभाषा
ब्राह्मी लिपि
भक्तिकाल
भगवतीचरण वर्मा
भट्टोजिदीक्षित
भवभूति
भारत रत्न
भारतेन्दु हरिश्चंद्र
भारवि
भास
भिखारी दास
भूपति राज गुरुदत्त सिंह
भूषण
भोजपुरी भाषा
मंखक
मंझन
मंडन
मगही बोली
मणिपुरी भाषा
मतिराम
मनोहर
मराठी भाषा
मलयालम भाषा
मलूकदास
महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय
महादेवी वर्मा
महापात्र नरहरि बंदीजन
महावीर प्रसाद द्विवेदी
माखन लाल चतुर्वेदी
मागधी भाषा
माघ कवि
मारवाड़ी बोली
मीरां
मुक्तिबोध गजानन माधव
मुम्बईया हिंदी
मृच्छकटिकम
मैथिली भाषा
मैथिलीशरण गुप्त
मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ
मॉरिशसी हिंदी
मोहन राकेश
यमक अलंकार
यशपाल
योजक चिह्न
रंगलाल बनर्जी
रघुनाथ (कवि)
रघुवीर सहाय
रस
रसखान
रसलीन
रसिक सुमति
रहीम
राजभाषा हिंदी
राजशेखर
राजस्थानी भाषा
राजेश जोशी
राम (कवि)
रामकुमार वर्मा
रामचन्द्र शुक्ल
रामधारी सिंह दिनकर
रामनरेश त्रिपाठी
रामविलास शर्मा
राय कृष्णदास
राष्ट्रभाषा हिंदी
रूपक अलंकार
रूपसाहि
रेखांकन चिह्न
रैदास
लाघव चिह्न
लालच दास
लालचंद
लिंग
लिपि
लोप चिह्न
वचन (हिंदी)
वट्टेळुत्तु लिपि
वर्णमाला (व्याकरण)
वर्तनी (हिंदी)
विकारी शब्द
विद्यालय हिन्दी शिक्षक सम्मान
विराम चिह्न
विरोधाभास अलंकार
विशाखदत्त
विशेषण
विश्व हिंदी दिवस
विष्णु प्रभाकर
विस्मयसूचक चिह्न
विस्मयादिबोधक
व्यंजन (व्याकरण)
व्याकरण
व्यास जी
शंकरदेव
शंभुनाथ मिश्र
शती
शब्द (व्याकरण)
शलाका सम्मान
शारदा लिपि
शिलांगी हिंदी
शिवसहाय दास
शूद्रक
शेख नबी
शौरसेनी
श्रीधर
श्रीपति (कवि)
श्रीभट्ट
श्रीलाल शुक्ल
श्रीहर्ष
श्लेष अलंकार
संज्ञा
संथाली भाषा
संधि
संवत
संस्कृत भाषा
समुच्यबोधक
सम्बन्धबोधक
सरोजिनी नायडू
सर्वनाम
सार्थक शब्द (व्याकरण)
साहित्यकार सम्मान
साहित्यिक कृति सम्मान
सिंधी भाषा
सिंहली
सिन्धु लिपि
सुंदर दास
सुखदेव मिश्र
सुन्दरदास खण्डेलवाल
सुभद्रा कुमारी चौहान
सुमित्रानंदन पंत
सूरति मिश्र
सूरदास
सूरदास मदनमोहन
सूरीनामी हिंदी
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सेनापति
सैय्यद मुबारक़ अली बिलग्रामी
सोमनाथ माथुर
स्त्रीलिंग
स्वयंभू देव
स्वर (व्याकरण)
स्वामी अग्रदास
स्वामी हरिदास
हड़प्पा लिपि
हरियाणवी बोली
हरिवंश राय बच्चन
हरिषेण
हिंदी
हिंदी अकादमी
हिंदी अकादमी की संचालन समिति
हिंदी अकादमी के सम्मान और पुरस्कार
हिंदी अकादमी: योजनाएँ एवं कार्यक्रम
हिंदी का मानकीकरण
हिंदी की अखिल भारतीयता का इतिहास
हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ
हिंदी के अर्थ और नाम
हिंदी दिवस
हिंदी वर्णमाला (व्याकरण)
हिंदी साहित्य
हितहरिवंश
हृदयराम
हॉलैंडी हिंदी
</poem>
=================
पेज - 117
 
* महाभारत का फारसी अनुवाद अकबर के काल में हुआ जिसे 'रज्मनामा' के नाम से जाना गया।
* रामचरितमानस को ग्रियर्सन ने 'करोड़ों लोगों की बाइबिल' कहा है।
* कॉबेल ने मुकुंद राम को ' बंगाल का क्रेव' कहा है।
* अकबर ने  बीरबल को 'कविप्रिय' कहा है।
* नरहरि को 'महापात्र' की उपाधि दी गयी थी।
* मीर सैयद अली व ख्वाजा अब्दुस्समद कोप 'सिरिकलम' की उपाधि से विभूषित किया गया था।
* मुहम्मद हुसैन को 'जरींकलम' की उपाधि से विभूषित किया गया था।
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
 
=====================

06:11, 27 नवम्बर 2024 के समय का अवतरण


========

हिंदी विश्वकोश पर बने लेखों की सूची

अंग्रेज़ी भाषा
अक्षरअनन्य
अज्ञेय, सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन
अतिशयोक्ति अलंकार
अनुप्रास अलंकार
अनूप शर्मा
अपभ्रंश भाषा
अमरेश
अमीर ख़ुसरो
अमृता प्रीतम
अयोध्याप्रसाद खत्री
अयोध्यासिंह उपाध्याय
अरबिंदो घोष
अरबी भाषा
अर्जुनदास केडिया
अर्थालंकार
अलंकार
अली मुहिब खाँ
अवधी भाषा
अवहट्ट
अविकारी शब्द
अश्वघोष
अष्टछाप कवि
असमिया भाषा
आंडाल
आठवीं अनुसूची
आदि शंकराचार्य
आधुनिक हिंदी
आरमाइक भाषा
आरमाइक लिपि
आरसी प्रसाद सिंह
आलम
उड़िया भाषा
उत्प्रेक्षा अलंकार
उदय प्रकाश
उद्धरण चिह्न
उपमा अलंकार
उपमेयोपमा अलंकार
उपवाक्य
उपसर्ग
उर्दू भाषा
उल्लेख अलंकार
उसमान
कन्नड़ भाषा
कन्नौजी बोली
कबीर
कलकतिया हिंदी
कलिंग लिपि
कल्हण
कवींद्र
कश्मीरी भाषा
क़ादिर बख्श
काका हाथरसी सम्मान
कारक
काल
कालिदास
कालिदास त्रिवेदी
कासिमशाह
कुतबन
कुमायूँनी बोली
कुमार मणिभट्ट
कुम्भनदास
कुरुख भाषा
कुलपति मिश्र
कृपाराम
कृष्ण (कवि)
कृष्णदास
केशव
कोंकणी भाषा
कोष्ठक चिह्न
कौरवी बोली
क्रिया
क्रियाविशेषण
खड़ी बोली
खरोष्ठी
गंग
गंजन
गढ़वाली बोली
गदाधर भट्ट
गुजराती भाषा
गुयानी हिंदी
गुरुमुखी लिपि
गोविंदस्वामी
ग्रन्थ लिपि
घनानन्द
चंदबरदाई
चतुर्भुजदास
चिंतामणि त्रिपाठी
चौपाई
छत्तीसगढ़ी बोली
छन्द
छीतस्वामी
छीहल
जगजीवनदास
जमाल
जयदेव
जयशंकर प्रसाद
टोडरमल
डिंगल
डोगरी भाषा
तमिल भाषा
तमिल लिपि
ताजुज़्बेकी हिंदी
तुकाराम
तुलसीदास
तेलुगु एवं कन्नड़ लिपि
तेलुगु भाषा
तोरु दत्त
तोषनिधि
त्रिनिदादी हिंदी
त्रुटिबोधक चिह्न
दंडी
दक्खिनी हिंदी
दक्षिण अफ़्रीक़ी हिंदी
दलपतराम
दलपति राय
दशकुमारचरित
दूलह
दृष्टान्त अलंकार
देव
देवनागरी लिपि
देवनागरी लिपि का विकास
देवनागरी लिपि के गुण और दोष
दोहा
धर्मदास
धर्मवीर भारती
ध्रुवदास
नंददास
नरोत्तमदास
नवोदित लेखक पुरस्कार
नागरीप्रचारिणी सभा
नागार्जुन
नाभादास
निरर्थक शब्द (व्याकरण)
निर्मल वर्मा
नूर मुहम्मद
नेपाली भाषा
नेपाली हिंदी
नेवाज
पंजाबी भाषा
परमानंद दास
पश्चिमी पहाड़ी बोली
पहलवी भाषा
पहाड़ी बोली
पालि भाषा
पुल्लिंग
पुष्पदंत
पुहकर कवि
प्रत्यय
प्रश्नवाचक चिह्न
प्राकृत भाषा
प्राणचंद चौहान
प्रेमचन्द
फणीश्वरनाथ रेणु
फ़ारसी भाषा
फिजी हिंदी
बंसीधर
बघेली बोली
बनारसी दास
बलभद्र मिश्र
बांग्ला भाषा
बांग्ला लिपि
बाणभट्ट
बाल भारत
बालकृष्ण शर्मा नवीन
बिहारी भाषा
बिहारी लाल
बीर
बीरबल
बुन्देली बोली
बेनी
बैरीसाल
बैसवाड़ी बोली
बोडो भाषा
ब्रजभाषा
ब्राह्मी लिपि
भक्तिकाल
भगवतीचरण वर्मा
भट्टोजिदीक्षित
भवभूति
भारत रत्न
भारतेन्दु हरिश्चंद्र
भारवि
भास
भिखारी दास
भूपति राज गुरुदत्त सिंह
भूषण
भोजपुरी भाषा
मंखक
मंझन
मंडन
मगही बोली
मणिपुरी भाषा
मतिराम
मनोहर
मराठी भाषा
मलयालम भाषा
मलूकदास
महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय
महादेवी वर्मा
महापात्र नरहरि बंदीजन
महावीर प्रसाद द्विवेदी
माखन लाल चतुर्वेदी
मागधी भाषा
माघ कवि
मारवाड़ी बोली
मीरां
मुक्तिबोध गजानन माधव
मुम्बईया हिंदी
मृच्छकटिकम
मैथिली भाषा
मैथिलीशरण गुप्त
मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ
मॉरिशसी हिंदी
मोहन राकेश
यमक अलंकार
यशपाल
योजक चिह्न
रंगलाल बनर्जी
रघुनाथ (कवि)
रघुवीर सहाय
रस
रसखान
रसलीन
रसिक सुमति
रहीम
राजभाषा हिंदी
राजशेखर
राजस्थानी भाषा
राजेश जोशी
राम (कवि)
रामकुमार वर्मा
रामचन्द्र शुक्ल
रामधारी सिंह दिनकर
रामनरेश त्रिपाठी
रामविलास शर्मा
राय कृष्णदास
राष्ट्रभाषा हिंदी
रूपक अलंकार
रूपसाहि
रेखांकन चिह्न
रैदास
लाघव चिह्न
लालच दास
लालचंद
लिंग
लिपि
लोप चिह्न
वचन (हिंदी)
वट्टेळुत्तु लिपि
वर्णमाला (व्याकरण)
वर्तनी (हिंदी)
विकारी शब्द
विद्यालय हिन्दी शिक्षक सम्मान
विराम चिह्न
विरोधाभास अलंकार
विशाखदत्त
विशेषण
विश्व हिंदी दिवस
विष्णु प्रभाकर
विस्मयसूचक चिह्न
विस्मयादिबोधक
व्यंजन (व्याकरण)
व्याकरण
व्यास जी
शंकरदेव
शंभुनाथ मिश्र
शती
शब्द (व्याकरण)
शलाका सम्मान
शारदा लिपि
शिलांगी हिंदी
शिवसहाय दास
शूद्रक
शेख नबी
शौरसेनी
श्रीधर
श्रीपति (कवि)
श्रीभट्ट
श्रीलाल शुक्ल
श्रीहर्ष
श्लेष अलंकार
संज्ञा
संथाली भाषा
संधि
संवत
संस्कृत भाषा
समुच्यबोधक
सम्बन्धबोधक
सरोजिनी नायडू
सर्वनाम
सार्थक शब्द (व्याकरण)
साहित्यकार सम्मान
साहित्यिक कृति सम्मान
सिंधी भाषा
सिंहली
सिन्धु लिपि
सुंदर दास
सुखदेव मिश्र
सुन्दरदास खण्डेलवाल
सुभद्रा कुमारी चौहान
सुमित्रानंदन पंत
सूरति मिश्र
सूरदास
सूरदास मदनमोहन
सूरीनामी हिंदी
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
सेनापति
सैय्यद मुबारक़ अली बिलग्रामी
सोमनाथ माथुर
स्त्रीलिंग
स्वयंभू देव
स्वर (व्याकरण)
स्वामी अग्रदास
स्वामी हरिदास
हड़प्पा लिपि
हरियाणवी बोली
हरिवंश राय बच्चन
हरिषेण
हिंदी
हिंदी अकादमी
हिंदी अकादमी की संचालन समिति
हिंदी अकादमी के सम्मान और पुरस्कार
हिंदी अकादमी: योजनाएँ एवं कार्यक्रम
हिंदी का मानकीकरण
हिंदी की अखिल भारतीयता का इतिहास
हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ
हिंदी के अर्थ और नाम
हिंदी दिवस
हिंदी वर्णमाला (व्याकरण)
हिंदी साहित्य
हितहरिवंश
हृदयराम
हॉलैंडी हिंदी

=====

पेज - 117

  • महाभारत का फारसी अनुवाद अकबर के काल में हुआ जिसे 'रज्मनामा' के नाम से जाना गया।
  • रामचरितमानस को ग्रियर्सन ने 'करोड़ों लोगों की बाइबिल' कहा है।
  • कॉबेल ने मुकुंद राम को ' बंगाल का क्रेव' कहा है।
  • अकबर ने बीरबल को 'कविप्रिय' कहा है।
  • नरहरि को 'महापात्र' की उपाधि दी गयी थी।
  • मीर सैयद अली व ख्वाजा अब्दुस्समद कोप 'सिरिकलम' की उपाधि से विभूषित किया गया था।
  • मुहम्मद हुसैन को 'जरींकलम' की उपाधि से विभूषित किया गया था।

टीका टिप्पणी और संदर्भ


=========