"खाल वाद्य": अवतरणों में अंतर
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इसका निर्माण लोहे या लकड़ी के गोल घेरे पर दोनों तरफ चमड़ा मढ़ कर किया जाता है। ढोल पर प्राय: बकरे की खाल चढ़ाई जाती है। ढोल पर लगी रस्सियों को कड़ियों के सहारे खींचकर कस दिया जाता है। वादक ढोल को गले में डालकर लकड़ी के डंडे से बजाता है। यह एक मांगलिक वाद्य माना जाता है इसलिए विवाह के प्रारंभ में इस पर स्वस्तिक का निशान बना दिया जाता है। यह राजस्थान के अधिकांश लोक नृत्यों में बजाया जाता है। | इसका निर्माण लोहे या लकड़ी के गोल घेरे पर दोनों तरफ चमड़ा मढ़ कर किया जाता है। ढोल पर प्राय: बकरे की खाल चढ़ाई जाती है। ढोल पर लगी रस्सियों को कड़ियों के सहारे खींचकर कस दिया जाता है। वादक ढोल को गले में डालकर लकड़ी के डंडे से बजाता है। यह एक मांगलिक वाद्य माना जाता है इसलिए [[विवाह]] के प्रारंभ में इस पर [[स्वस्तिक]] का निशान बना दिया जाता है। यह [[राजस्थान]] के अधिकांश [[लोक नृत्य|लोक नृत्यों]] में बजाया जाता है। | ||
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यह होली पर बजाया जाने वाला प्रमुख ताल वाद्य है। इसका गोल घेरा लकड़ी से बनाया जाता है तथा इसके एक तरफ बकरे की खाल मढ़ दी जाती है। इस वाद्य यंत्र को वादक कन्धे पर रखकर बजाता है। होली के अवसर पर इस वाद्य पर धमाल तथा चलत के गीत गाये जाते हैं। | यह होली पर बजाया जाने वाला प्रमुख ताल वाद्य है। इसका गोल घेरा लकड़ी से बनाया जाता है तथा इसके एक तरफ बकरे की खाल मढ़ दी जाती है। इस वाद्य यंत्र को वादक कन्धे पर रखकर बजाता है। [[होली]] के अवसर पर इस वाद्य पर धमाल तथा चलत के गीत गाये जाते हैं। | ||
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06:16, 23 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
पशुओं की खाल से बनाये गये वाद्य यंत्रों को खाल कहा जाता है।
ढोल
इसका निर्माण लोहे या लकड़ी के गोल घेरे पर दोनों तरफ चमड़ा मढ़ कर किया जाता है। ढोल पर प्राय: बकरे की खाल चढ़ाई जाती है। ढोल पर लगी रस्सियों को कड़ियों के सहारे खींचकर कस दिया जाता है। वादक ढोल को गले में डालकर लकड़ी के डंडे से बजाता है। यह एक मांगलिक वाद्य माना जाता है इसलिए विवाह के प्रारंभ में इस पर स्वस्तिक का निशान बना दिया जाता है। यह राजस्थान के अधिकांश लोक नृत्यों में बजाया जाता है।
चंग
यह होली पर बजाया जाने वाला प्रमुख ताल वाद्य है। इसका गोल घेरा लकड़ी से बनाया जाता है तथा इसके एक तरफ बकरे की खाल मढ़ दी जाती है। इस वाद्य यंत्र को वादक कन्धे पर रखकर बजाता है। होली के अवसर पर इस वाद्य पर धमाल तथा चलत के गीत गाये जाते हैं।
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