"महात्मा जी के प्रति -सुमित्रानंदन पंत": अवतरणों में अंतर
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|मृत्यु=[[28 दिसंबर]], 1977 | |मृत्यु=[[28 दिसंबर]], 1977 | ||
|मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | |मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | ||
|मुख्य रचनाएँ=वीणा, पल्लव, चिदंबरा, युगवाणी, लोकायतन, हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, युगपथ, स्वर्णकिरण, कला और बूढ़ा चाँद आदि | |मुख्य रचनाएँ=[[वीणा -सुमित्रानन्दन पंत|वीणा]], [[पल्लव -सुमित्रानन्दन पंत|पल्लव]], चिदंबरा, [[युगवाणी -सुमित्रानन्दन पंत|युगवाणी]], [[लोकायतन -सुमित्रानन्दन पंत|लोकायतन]], हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, [[युगपथ -सुमित्रानन्दन पंत|युगपथ]], [[स्वर्णकिरण -सुमित्रानन्दन पंत|स्वर्णकिरण]], कला और बूढ़ा चाँद आदि | ||
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वृद्ध विश्व सामंत काल का था केवल जड़ खँडहर! | वृद्ध विश्व सामंत काल का था केवल जड़ खँडहर! | ||
हे भारत के हृदय! तुम्हारे साथ आज नि:संशय | हे भारत के हृदय! तुम्हारे साथ आज नि:संशय | ||
चूर्ण हो गया विगत सांस्कृतिक हृदय | चूर्ण हो गया विगत सांस्कृतिक हृदय जगत् का जर्जर! | ||
गत संस्कृतियों का आदर्शों का था नियत पराभव, | गत संस्कृतियों का आदर्शों का था नियत पराभव, | ||
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देख रहे मानव भविष्य तुम मनश्चक्षु बन अपलक, | देख रहे मानव भविष्य तुम मनश्चक्षु बन अपलक, | ||
धन्य, तुम्हारे श्री चरणों से धरा आज चिर पावन! | धन्य, तुम्हारे श्री चरणों से धरा आज चिर पावन! | ||
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13:53, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
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निर्वाणोन्मुख आदर्शों के अंतिम दीप शिखोदय!-- |
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