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*मस्की [[कर्नाटक]] के [[रायचूर कर्नाटक|रायचूर]] का एक छोटा सा गाँव है। यहाँ से एक पुरातात्त्विक साक्ष्य भी मिला है, जो [[अशोक]] की [[धम्म]] यात्रा का साक्षी है।
'''मस्की''' या 'मास्की' [[आन्ध्र प्रदेश]], [[कर्नाटक]] के [[रायचूर कर्नाटक|रायचूर]] का एक छोटा-सा गाँव है। यहाँ से एक पुरातात्त्विक शिलालेख साक्ष्य मिला है, जो [[अशोक]] की [[धम्म]] यात्रा का साक्षी है।
*यह मस्की नदी के तट पर स्थित है।
*मस्की नदी [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] की एक सहायक नदी है।
*मस्की में सम्राट अशोक महान के शिलालेख प्राप्त हुए थे।


*मस्की अपने ही नाम की एक नदी 'मस्की' के तट पर स्थित है।
*यह नदी [[भारत]] की मुख्य नदियों में से एक [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] की सहायक नदी है।
*सम्राट [[अशोक]] के प्रथम लघु शिलालेख की एक प्रति 1919 ई. में मस्की में मिली थी।
*अशोक का मस्की शिलालेख इसलिए महत्त्वपूर्ण है कि यह एकमात्र शिलालेख है, जिसमें दूसरे शिलालेखों की भाँति उसका नाम 'देवानांप्रिय' के साथ-साथ अशोक भी दिया हुआ है।
*इस शिलालेख से प्रमाणित हो जाता है कि राजा देवानांप्रिय प्रियदर्शी तीसरा [[मौर्य]] सम्राट अशोक था।
*जॉर्ज टर्नोर ने 1837 ई. में केवल अनुमान से प्रियदर्शी की पहचान अशोक से की थी।


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12:53, 10 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

मस्की या 'मास्की' आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक के रायचूर का एक छोटा-सा गाँव है। यहाँ से एक पुरातात्त्विक शिलालेख साक्ष्य मिला है, जो अशोक की धम्म यात्रा का साक्षी है।

  • मस्की अपने ही नाम की एक नदी 'मस्की' के तट पर स्थित है।
  • यह नदी भारत की मुख्य नदियों में से एक तुंगभद्रा की सहायक नदी है।
  • सम्राट अशोक के प्रथम लघु शिलालेख की एक प्रति 1919 ई. में मस्की में मिली थी।
  • अशोक का मस्की शिलालेख इसलिए महत्त्वपूर्ण है कि यह एकमात्र शिलालेख है, जिसमें दूसरे शिलालेखों की भाँति उसका नाम 'देवानांप्रिय' के साथ-साथ अशोक भी दिया हुआ है।
  • इस शिलालेख से प्रमाणित हो जाता है कि राजा देवानांप्रिय प्रियदर्शी तीसरा मौर्य सम्राट अशोक था।
  • जॉर्ज टर्नोर ने 1837 ई. में केवल अनुमान से प्रियदर्शी की पहचान अशोक से की थी।

इन्हें भी देखें: अशोक के शिलालेख


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख