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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| { 'मृदंग केसरी' किसे कहा जाता है? | | {निम्नलिखित में से कौन सा तंत्री वाद्ययंत्र है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -ठाकुर भीकम सिंह | | -[[मृदंग]] |
| -पालधार रघु | | -[[तबला]] |
| -सखा राम | | +[[संतूर]] |
| +नान साहब पानसे
| | -[[शहनाई]] |
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| { [[संगीत]] में प्रयुक्त 'धैवत स्वर' से किस [[देवता]] का बोध होता है? | | {[[इस्लाम धर्म]] के प्रवर्तक [[मुहम्मद|पैगम्बर मुहम्मद]] का जन्म कहाँ हुआ था? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[अग्नि]] | | -[[मदीना]] में |
| +[[गणेश]] | | +[[मक्का]] में |
| -[[लक्ष्मी]] | | -[[बग़दाद]] में |
| -[[सरस्वती]] | | -तेहरान में |
| ||[[चित्र:Ganesha.jpg|right|120px|गणेश]]गणेश और [[हनुमान]] ही [[कलि युग]] के ऐसे [[देवता]] हैं, जो अपने [[भक्त|भक्तों]] से कभी रुठते नहीं, अत: इनकी आराधना करने वालों से ग़लतियाँ भी होती हैं, तो वह क्षम्य होती हैं। भगवान [[गणेश]] [[संगीत]] के [[स्वर (संगीत)|स्वर]] 'धैवत' से भी मुख्य रूप से जुड़े हुए हैं। गणेश जी ही ऐसे देवता हैं, जिनकी [[पूजा]] घास-फूस अपितु पेड़-पौधों की पत्तियों से भी करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। इनकी [[पूजा]] के लिए इनके प्रधान 21 नामों से 21 पत्ते अर्पण करने का विधान मिलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गणेश]] | | ||मक्का [[अरब देश|साउदी अरब]] के हेजाज़ प्रांत की राजधानी एवं [[मुहम्मद|मुहम्मद साहब]] का जन्म स्थान होने के कारण [[मुस्लिम]] जनता का विश्वविख्यात तीर्थस्थान है। यह जिद्दा से 45 मील पूर्व में स्थित है। प्राचीन काल से ही [[धर्म]] तथा व्यापार का केंद्र रहा है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मक्का]] |
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| { पंडित विश्व मोहन भट्ट ने किस [[वाद्य यंत्र]] की खोज की है? | | {[[राजस्थान]] का प्रमुख लोक नृत्य है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[वीणा]] | | -[[गरबा नृत्य|गरबा]] |
| -[[सितार]] | | -[[गिद्दा नृत्य|गिद्दा]] |
| -सरोद | | +[[घूमर नृत्य|घूमर]] |
| +मोहन वीणा
| | -[[बिहू नृत्य|बिहू]] |
| | ||[[चित्र:Ghoomar-Dance.jpg|घूमर नृत्य, राजस्थान|100px|right]] [[भारत]] में प्रचलित कुछ प्रमुख [[लोक नृत्य]] शैलियों में से एक घूमर नृत्य है। यह [[राजस्थान]] में प्रचलित अत्यंत लोकप्रिय नृत्य है जिसे केवल स्त्रियाँ करती हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[घूमर नृत्य|घूमर]] |
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| { [[बिहार]] के प्रसिद्ध [[तबला]] वादक 'निदेश पाण्डेय' के गुरु का नाम क्या है? | | {'झाल', 'विणाई', 'दमामा', 'मुरयो', क्या है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[उस्ताद ज़ाकिर हुसैन]] | | -उत्तराखण्ड की नदियाँ |
| +पंडित कपिल देव सिंह | | +कुमायूँ के वाद्य यंत्र |
| -[[भीमसेन जोशी]] | | -लद्दाख की पहाड़ी चोटियाँ |
| -[[बिरजू महाराज]] | | -गढ़वाल के मन्दिर |
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| { [[संगीत]] में पंचम [[स्वर (संगीत)|स्वर]] किस पशु/पक्षी का द्योतक है? | | {सर्वाधिक लोकप्रिय [[पुराण]] है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[मयूर]] | | -[[विष्णु पुराण]] |
| -[[हाथी]]
| | +[[भागवत पुराण]] |
| -[[बाघ]]
| | -[[मत्स्य पुराण]] |
| +कोयल
| | -[[मार्कण्डेय पुराण]] |
| | | ||[[चित्र:Cover-Bhagavata-Purana.jpg|श्रीमद्भागवत|100px|right]] 'श्रीमद्भागवत पुराण' हिन्दू समाज का सर्वाधिक आदरणीय [[पुराण]] है। यह [[वैष्णव सम्प्रदाय]] का प्रमुख ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में [[वेद|वेदों]], [[उपनिषद|उपनिषदों]] तथा [[दर्शन शास्त्र]] के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भागवत पुराण]] |
| { प्रसिद्ध पुस्तक 'राग विबोध' के रचयिता कौन हैं?
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| |type="()"}
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| -पंडित अहोबल
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| +पंडित सोमनाथ | |
| -पंडित व्यंकटमुखी
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| -पंडित ओंकारनाथ ठाकुर
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| { ‘संगीत भारती’ नामक [[संगीत]] शिक्षण संस्थान कहाँ पर है?
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| |type="()"}
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| -[[अजमेर]] | |
| -[[जयपुर]] | |
| +[[बीकानेर]]
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| -[[दिल्ली]]
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| ||[[चित्र:Junagarh-Fort-Bikaner.jpg|right|120px|जूनागढ़ क़िला, बीकानेर]]बीकानेर [[जोधपुर]], [[जयपुर]], [[दिल्ली]], [[नागौर]] और [[गंगानगर]] से रेलमार्ग और सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। ज़िले की सीमा जहाँ चूरू, नागौर, गंगानगर, [[हनुमानगढ़]], जोधपुर व [[जैसलमेर]] की सीमा को छूती है। [[बीकानेर]] के महाविद्यालय (मेडिकल स्कूल और शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान सहित) 'राजस्थान विश्वविद्यालय' से संबद्ध हैं। यहाँ का 'संगीत भारती' नामक शिक्षण संस्थान मुख्य रूप से उल्लेखनीय है। जिसके द्वारा प्रतिवर्ष हज़ारों विद्यार्थियों को [[संगीत]] की शिक्षा दी जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बीकानेर]] | |
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| { [[भारत]] का राष्ट्रीय [[वाद्य यंत्र]] कौन-सा है?
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| |type="()"}
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| -[[वीणा]]
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| +[[सितार]]
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| -[[बाँसुरी]]
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| -[[तबला]]
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| ||[[चित्र:Sitar.jpg|right|120px|सितार]][[सितार]] परंपरिक [[वाद्य यंत्र]] होने के साथ ही सबसे अधिक लोकप्रिय भी है, और सितार ऐसा वाद्य यंत्र है, जिसने पूरी दुनिया में [[भारत]] का नाम लोकप्रिय किया है। सितार को भारत का राष्ट्रीय '''वाद्य यंत्र''' होने का गौरव भी प्राप्त है। सितार बहुआयामी साज होने के साथ ही एक ऐसा वाद्य यंत्र है, जिसके ज़रिये भावनाओं को प्रकट किया जाता हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गणेश]]
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| { [[सितार]] में कितने तार होते हैं?
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| |type="()"}
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| -पाँच
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| -छ:
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| +सात
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| -चार
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| { '[[तानपुरा]]' के बीच के स्टील से बने दोनों तारों को क्या कहा जाता है?
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| |type="()"} | |
| -षड़ज का तार
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| -तरब का तार
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| -चिकारी का तार
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| +जोड़ी का तार
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| { [[सितार]] में उपस्थित प्रथम तार को क्या कहा जाता है?
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| |type="()"}
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| +बोल तार या बाज का तार
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| -लरज का तार
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| -जोड़ी का तार
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| -चिकारी का तार
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| { [[अरब]] देशों में वायलिन का नाम किस रूप में प्रचलित था?
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| |type="()"}
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| -[[सारंगी]]
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| +रबाब
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| -बाहुलिन
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| -लीरा
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| { [[चण्डीगढ़]] में कौन-सा [[संगीत]] शिक्षण संस्थान विद्यमान है?
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| |type="()"}
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| +प्राचीन कला केन्द्र
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| -प्रयाग संगीत समिति
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| -गन्धर्व महाविद्यालय
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| -कला संस्थान
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| { किस [[वाद्य यंत्र]] के प्रयोग में 'शीशम' की लकड़ी का अधिक प्रयोग होता है?
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| |type="()"} | |
| -[[हारमोनियम]]
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| +[[तबला]]
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| -गिटार
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| -[[तानपुरा]]
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| ||[[चित्र:Zakir-Hussain.jpg|right|100px|ज़ाकिर हुसैन]]आधुनिक काल में गायन, वादन तथा [[नृत्य कला|नृत्य]] की संगति में तबले का प्रयोग होता है। तबले के दो भागों को क्रमशः '[[तबला]]' तथा 'डग्गा' या 'डुग्गी' कहा जाता है। अधिकांशत: तबले का निर्माण शीशम की लकड़ी से किया जाता है, क्योंकि शीशम की लकड़ी अत्यधिक मजबूत होती है। तबले को बजाने के लिये हथेलियों तथा हाथ की उंगलियों का प्रयोग किया जाता है। तबले के द्वारा अनेकों प्रकार के बोल निकाले जाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तबला]]
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| { [[भारत]] में मुख्यत: कितने प्रकार की [[स्वर (संगीत)|स्वर]] [[लिपि]] पद्धतियाँ प्रचलित हैं?
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| |type="()"}
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| -एक
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| +दो
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| -तीन
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| -चार
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| </quiz> | | </quiz> |
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