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*[[पश्चिम बंगाल]] के धार्मिक गायकों के एक संप्रदाय के सदस्य, जो अपने अपारंपरित व्यवहार तथा रहस्यात्मक गीतों की सहजता एवं उन्मुक्तता के लिए जाने जाते है। | *[[पश्चिम बंगाल]] के धार्मिक गायकों के एक संप्रदाय के सदस्य, जो अपने अपारंपरित व्यवहार तथा रहस्यात्मक गीतों की सहजता एवं उन्मुक्तता के लिए जाने जाते है। | ||
*बाउल में [[हिंदू]]<ref>मूल रूप से [[वैष्णव संप्रदाय|वैष्णव]]</ref> और [[मुसलमान]]<ref>आमतौर पर सूफ़ी</ref> | *बाउल में [[हिंदू]]<ref>मूल रूप से [[वैष्णव संप्रदाय|वैष्णव]]</ref> और [[मुसलमान]]<ref>आमतौर पर सूफ़ी</ref> दोनों है। | ||
*बाउल के गीत अक्सर मनुष्य एवं उसके भीतर बसे इष्टदेव के बीच प्रेम से संबंधित होते हैं। | *बाउल के गीत अक्सर मनुष्य एवं उसके भीतर बसे इष्टदेव के बीच प्रेम से संबंधित होते हैं। | ||
*बाउल संप्रदाय के विकास के बारे में बहुत कम जानकारी है, क्योंकि इनके गीतों का संकलन एवं लेखन 20 वीं सदी में ही शुरू हुआ। | *बाउल संप्रदाय के विकास के बारे में बहुत कम जानकारी है, क्योंकि इनके गीतों का संकलन एवं लेखन 20 वीं सदी में ही शुरू हुआ। | ||
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12:51, 12 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण
- पश्चिम बंगाल के धार्मिक गायकों के एक संप्रदाय के सदस्य, जो अपने अपारंपरित व्यवहार तथा रहस्यात्मक गीतों की सहजता एवं उन्मुक्तता के लिए जाने जाते है।
- बाउल में हिंदू[1] और मुसलमान[2] दोनों है।
- बाउल के गीत अक्सर मनुष्य एवं उसके भीतर बसे इष्टदेव के बीच प्रेम से संबंधित होते हैं।
- बाउल संप्रदाय के विकास के बारे में बहुत कम जानकारी है, क्योंकि इनके गीतों का संकलन एवं लेखन 20 वीं सदी में ही शुरू हुआ।
- रबींद्रनाथ ठाकुर उन कई बांग्ला लेखकों में से एक थे, जिन्होंने बाउल गीतों से प्रेरणा लिए जाने की बात स्वीकार की।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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