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*प्रसेनजित महात्मा [[गौतम बुद्ध]] तथा [[वर्धमान|वर्धमान महावीर]] का समसामयिक था।  
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प्रसेनजित महात्मा [[गौतम बुद्ध]] तथा [[वर्धमान|वर्धमान महावीर]] का समसामयिक था।
 
*कोसल नरेश प्रसेनजित ने [[मगध]] के राजा बिम्बिसार की बहिन से विवाह किया था और उसकी बहिन राजा बिम्बिसार को ब्याही थी।
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*[[काशी]] का राज्य जो इस समय कोसल के अंतर्गत था, राजकुमारी को दहेज में उसकी प्रसाधन सामग्री के व्यय के लिए दिया गया था।
*[[काशी]] का राज्य जो इस समय कोसल के अंतर्गत था, राजकुमारी को दहेज में उसकी प्रसाधन सामग्री के व्यय के लिए दिया गया था।
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प्रसेनजित एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- प्रसेनजित (बहुविकल्पी)

प्रसेनजित छठी शताब्दी ई. पू. में मध्यकाल के आस-पास कोसल का राजा था। प्रसेनजित की बहन 'कौशल देवी' राजा बिम्बिसार की पत्नी थी। कौशल देवी के गर्भ से ही अजातशत्रु का जन्म हुआ था, जिसने आगे चलकर अपने पिता बिम्बिसार की हत्या कर दी और राजगद्दी प्राप्त की।

  • प्रसेनजित महात्मा गौतम बुद्ध तथा वर्धमान महावीर का समसामयिक था।
  • बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार में इनका सराहनीय योगदान था। इनकी पत्नी रानी मल्लिका बुद्ध की उपासिका थीं। [1]
  • कोसल नरेश प्रसेनजित ने मगध के राजा बिम्बिसार की बहिन से विवाह किया था और उसकी बहिन राजा बिम्बिसार को ब्याही थी।
  • काशी का राज्य जो इस समय कोसल के अंतर्गत था, राजकुमारी को दहेज में उसकी प्रसाधन सामग्री के व्यय के लिए दिया गया था।
  • इस विवाह सम्बन्ध के बावजूद प्रसेनजित को बिम्बिसार तथा उसके पुत्र एवं उत्तराधिकारी तथा पितृघाती अजातशत्रु से युद्ध करना पड़ा।
  • अजातशत्रु ने उससे काशी ग्राम छीन लिया, जो बिम्बिसार की रानी कौशल देवी को स्नानचूर्ण मूल्य के रूप में मिला था।
  • इसके कुछ समय बाद ही प्रसेनजित की मृत्यु हो गई और कौशल राज्य का अपकर्ष आरम्भ हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 250 |

  1. दीक्षा की भारतीय परम्पराएँ (हिंदी), 87।

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