"दे दी हमें आज़ादी": अवतरणों में अंतर
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आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल | आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल | ||
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | ||
धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई | धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई | ||
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वाह रे फ़कीर खूब क़रामात दिखाई | वाह रे फ़कीर खूब क़रामात दिखाई | ||
चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल | चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल | ||
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | |||
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल | |||
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | ||
रघुपति राघव राजा राम | रघुपति राघव राजा राम | ||
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पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना | पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना | ||
मारा वो कस के दाँव के उल्टी सभी की चाल | मारा वो कस के दाँव के उल्टी सभी की चाल | ||
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | |||
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल | |||
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | ||
रघुपति राघव राजा राम | रघुपति राघव राजा राम | ||
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क़दमों में तेरी कोटि-कोटि प्राण चल पड़े | क़दमों में तेरी कोटि-कोटि प्राण चल पड़े | ||
फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल | फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल | ||
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | |||
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल | |||
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | ||
रघुपति राघव राजा राम | रघुपति राघव राजा राम | ||
मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी | मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी | ||
लाखों में | लाखों में घूमता था लिए सत्य की सोंटी | ||
वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी | वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी | ||
लेकिन तुझी | लेकिन तुझी झुकती थी हिमालय की चोटी | ||
दुनिया में तू बेजोड़ था इन्सान बेमिसाल | दुनिया में तू बेजोड़ था इन्सान बेमिसाल | ||
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | |||
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल | |||
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल | ||
रघुपति राघव राजा राम | रघुपति राघव राजा राम | ||
जग में कोई जिया है तो बापू | जग में कोई जिया है तो बापू तूही जिया | ||
तूने वतन की राह में सब कुछ लुटा दिया | तूने वतन की राह में सब कुछ लुटा दिया | ||
मांगा न कोई तख़्त न तो ताज ही लिया | मांगा न कोई तख़्त न तो ताज ही लिया | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
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==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://www.youtube.com/watch?v=w999fBZs8MY दे दी हमें आज़ादी] | |||
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13:46, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
दे दी हमें आज़ादी
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विवरण | दे दी हमें आज़ादी एक प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत है। |
रचनाकार | कवि प्रदीप |
फ़िल्म | जाग्रति (1954) |
संगीतकार | हेमंत कुमार |
गायक/गायिका | लता मंगेशकर |
अन्य जानकारी | कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप हिंदी साहित्य जगत् और हिंदी फ़िल्म जगत् के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं। |
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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