"दन्तेवाड़ा": अवतरणों में अंतर
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*यहाँ मिले [[शिलालेख|शिलालेखों]] के अनुसार पहले इसका नाम तरलापाल और दंतावली | *यहाँ मिले [[शिलालेख|शिलालेखों]] के अनुसार पहले इसका नाम तरलापाल और दंतावली था बाद में यह दन्तेवाड़ा हो गया। | ||
*दन्तेवाड़ा में [[दंतेश्वरी मंदिर]] है जो [[भारत]] के प्रमुख [[शक्तिपीठ|शक्तिपीठों]] में से एक है। स्थानीय निवासियों में इसके प्रति बहुत श्रद्धा है और वह पूजा करने के लिए प्रतिदिन | *दन्तेवाड़ा में [[दंतेश्वरी मंदिर]] है जो [[भारत]] के प्रमुख [[शक्तिपीठ|शक्तिपीठों]] में से एक है। | ||
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*[[शंखनी नदी]] और [[डंकनी नदी]] के संगम स्थल पर स्थित दांतेवाड़ा शक्तिपीठ का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में किया गया है। | *[[शंखनी नदी]] और [[डंकनी नदी]] के संगम स्थल पर स्थित दांतेवाड़ा शक्तिपीठ का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में किया गया है। | ||
*दन्तेवाड़ा में शक्तिपीठ के दर्शन के बाद भैरम बाबा के मन्दिर के दर्शन भी किए जा सकते हैं। | *दन्तेवाड़ा में शक्तिपीठ के दर्शन के बाद भैरम बाबा के मन्दिर के दर्शन भी किए जा सकते हैं। | ||
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11:31, 14 जनवरी 2012 के समय का अवतरण
दन्तेवाड़ा अथवा दांतेवाड़ा छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित एक नगर है जो दांतेवाड़ा ज़िले का मुख्यालय है।
- दन्तेवाड़ा अपनी लोहे की खदानों के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है।
- इन खदानों से पूरे विश्व में निकाले जाने वाले लोहे का 68 प्रतिशत भाग निकाला जाता है।
- यहाँ मिले शिलालेखों के अनुसार पहले इसका नाम तरलापाल और दंतावली था बाद में यह दन्तेवाड़ा हो गया।
- दन्तेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर है जो भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है।
- स्थानीय निवासियों में इसके प्रति बहुत श्रद्धा है और वह पूजा करने के लिए प्रतिदिन यहाँ आते हैं।
- शंखनी नदी और डंकनी नदी के संगम स्थल पर स्थित दांतेवाड़ा शक्तिपीठ का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में किया गया है।
- दन्तेवाड़ा में शक्तिपीठ के दर्शन के बाद भैरम बाबा के मन्दिर के दर्शन भी किए जा सकते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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