"मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये": अवतरणों में अंतर
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|+ संक्षिप्त परिचय | |||
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* फ़िल्म : बॉर्डर (1997) | |||
* संगीतकार : अनु मलिक | |||
* गायक : हरिहरन | |||
* रचनाकार : जावेद अख़्तर | |||
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जंग तो चंद रोज होती है, | जंग तो चंद रोज होती है, ज़िन्दगी बरसों तलक रोती है | ||
बारूद से बोझल सारी | बारूद से बोझल सारी फ़िज़ा, है मौत की बू फैलाती हवा | ||
जख्मों पे है छाई लाचारी, | जख्मों पे है छाई लाचारी, ये मरते बच्चे हाथों में, | ||
ये मरते बच्चे हाथों में, ये माओं का रोना रातों में | ये माओं का रोना रातों में, मुर्दा बस्ती मुर्दा है नगर, | ||
मुर्दा बस्ती मुर्दा है नगर, चेहरे पत्थर हैं दिल पत्थर | चेहरे पत्थर हैं दिल पत्थर | ||
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये | मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये | ||
मुझसे तुझसे, हम दोनों से, सुन ये पत्थर कुछ कहते हैं | |||
बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं | बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं | ||
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये | मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये | ||
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सन्नाटे की गहरी छाँव, ख़ामोशी से जलते गाँव | सन्नाटे की गहरी छाँव, ख़ामोशी से जलते गाँव | ||
ये नदियों पर टूटे हुए पुल, धरती घायल और व्याकुल | ये नदियों पर टूटे हुए पुल, धरती घायल और व्याकुल | ||
ये खेत ग़मों से झुलसे हुए, ये | ये खेत ग़मों से झुलसे हुए, ये ख़ाली रस्ते सहमे हुए | ||
ये मातम करता सारा समां, ये जलते घर ये काला धुआं | ये मातम करता सारा समां, | ||
ये जलते घर, ये काला धुआं | |||
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये | मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये | ||
मुझसे तुझसे, हम दोनों से ये जलते घर कुछ कहते हैं | |||
बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं | बर्बादी के सारे मंजर कुछ कहते हैं | ||
मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए | मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाए | ||
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चेहरों के, दिलों के ये पत्थर, ये जलते घर | चेहरों के, दिलों के ये पत्थर, ये जलते घर | ||
बर्बादी के सारे मंजर, सब तेरे नगर सब मेरे नगर, ये कहते हैं | बर्बादी के सारे मंजर, सब तेरे नगर सब मेरे नगर, ये कहते हैं | ||
इस सरहद पर फुन्कारेगा कब तक | इस सरहद पर फुन्कारेगा कब तक नफ़रत का ये अज़गर | ||
हम अपने अपने | हम अपने अपने खेतों में, गेहूँ की जगह चावल की जगह | ||
ये | ये बन्दूकें क्यों बोते हैं | ||
जब दोनों ही की गलियों में, कुछ भूखे बच्चे रोते हैं | जब दोनों ही की गलियों में, कुछ भूखे बच्चे रोते हैं | ||
आ खाएं कसम अब जंग नहीं होने पाए | आ खाएं कसम अब जंग नहीं होने पाए | ||
और उस दिन का रास्ता देखें, | |||
जब खिल उठे तेरा भी चमन, जब खिल उठे मेरा भी चमन | जब खिल उठे तेरा भी चमन, जब खिल उठे मेरा भी चमन | ||
तेरा भी वतन मेरा भी वतन, मेरा भी वतन तेरा भी वतन | तेरा भी वतन मेरा भी वतन, मेरा भी वतन तेरा भी वतन | ||
पंक्ति 36: | पंक्ति 46: | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://www.youtube.com/watch?v=HY-o6Po6lIE मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये (यू-ट्यूब)] | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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12:28, 14 मई 2013 के समय का अवतरण
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जंग तो चंद रोज होती है, ज़िन्दगी बरसों तलक रोती है |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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