"कर चले हम फ़िदा": अवतरणों में अंतर
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|+ संक्षिप्त परिचय | |||
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* फ़िल्म : हक़ीक़त (1964) | |||
* संगीतकार : [[मदन मोहन]] | |||
* गायक : [[मोहम्मद रफ़ी]] | |||
* गीतकार : [[कैफ़ी आज़मी]] | |||
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(कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों | (कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों | ||
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों ) - (2) | अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों) - (2) | ||
साँस थमती गई नब्ज़ जमती गई | साँस थमती गई नब्ज़ जमती गई | ||
फिर भी बढ़ते | फिर भी बढ़ते क़दम को न रुकने दिया | ||
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं | कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं | ||
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया | सर हिमालय का हमने न झुकने दिया | ||
मरते मरते रहा | मरते मरते रहा बाँकपन साथियों, अब तुम्हारे ... | ||
ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर | ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर | ||
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हुस्न और इश्क़ दोनों को रुसवा करे | हुस्न और इश्क़ दोनों को रुसवा करे | ||
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं | वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं | ||
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों, अब तुम्हारे ... | |||
राह क़ुर्बानियों की न वीरान हो | राह क़ुर्बानियों की न वीरान हो | ||
पंक्ति 21: | पंक्ति 29: | ||
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है | फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है | ||
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले | ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले | ||
बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियों, अब तुम्हारे ... | |||
खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर | खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर | ||
पंक्ति 30: | पंक्ति 38: | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://www.youtube.com/watch?v=n6yTCblgAQQ कर चले हम फ़िदा (यू-ट्यूब)] | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{देश भक्ति गीत}} | {{देश भक्ति गीत}} |
09:35, 5 नवम्बर 2012 के समय का अवतरण
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(कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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