"संवर्धित उपग्रह प्रमोचन यान": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "महत्वपूर्ण" to "महत्त्वपूर्ण")
No edit summary
 
पंक्ति 14: पंक्ति 14:


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{प्रक्षेपण यान}}
[[Category:अंतरिक्ष विज्ञान]]
[[Category:अंतरिक्ष विज्ञान]]
[[Category:अंतरिक्ष]]
[[Category:अंतरिक्ष]]

14:26, 14 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण

विभिन्न प्रमोचन यान

संवर्धित उपग्रह प्रमोचन यान (एएसएलवी) भारत का एक महत्त्वपूर्ण प्रमोचन यान है जो प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित और उनके वैधीकरण के लिए कम लागत के मध्यवर्ती यान के रूप में कार्य करने हेतु विकसित किया गया।

  • 40 टन के उत्थापन भार सहित 23.8 मी. लंबे एएसएलवी को एक पांच चरण संपूर्णतः ठोस नोदक यान के रूप में, 400 कि.मी. वृत्तीय कक्षाओं में परिक्रमा करते 150 कि.ग्रा. भारवाली श्रेणी के उपग्रहों के मिशन के साथ संरूपित किया गया।
  • स्ट्रैप-ऑन चरण में 1 मी. व्यास के दो समान ठोस नोदन मोटर शामिल थे। एएसएलवी कार्यक्रम के अंतर्गत चार विकासात्मक उड़ानें आयोजित की गईं।
  • पहली विकासात्मक उड़ान 24 मार्च, 1987 को और दूसरी 13 जुलाई 1988 को संपन्न हुई।
  • 20 मई, 1992 को एएसएलवी-डी3 को सफलतापूर्वक तब प्रमोचित किया गया जब श्रोस-सी (106 कि.ग्रा.) को 255 x 430 कि.मी. की कक्षा में स्थापित किया गया।
  • 4 मई, 1994 को प्रमोचित एएसएलवी-डी4, 106 कि.ग्रा. वाले श्रोस-सी2 की परिक्रमा की। इसमें दो नीतभार थे, गामा किरण प्रस्फोट (जीआरबी) परीक्षण और मंदन विभव विश्लेषक (आरपीए) और इसने सात साल के लिए कार्य किया।
  • एएसएलवी ने उच्चतर विकास के लिए बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख