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*'इमं' में गंगे यमुने सरस्वति शुतुद्रि स्तोमं सचता परुप्ण्या असिवन्या मरुदवृधे वितस्तयार्जीकीये श्रृगुह्मा सुपोमया'। | *'इमं' में गंगे यमुने सरस्वति शुतुद्रि स्तोमं सचता परुप्ण्या असिवन्या मरुदवृधे वितस्तयार्जीकीये श्रृगुह्मा सुपोमया'। | ||
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*रेगोजिन' <ref>वैदिक इंडिया, पृष्ठ 451</ref> इसे झेलम चिनाव की संयुक्त धारा का नाम मानते हैं। | *रेगोजिन'<ref>वैदिक इंडिया, पृष्ठ 451</ref> इसे झेलम चिनाव की संयुक्त धारा का नाम मानते हैं। | ||
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मरुद्वृधा नदी पंजाब की एक नदी जिसका नामोल्लेख ऋग्वेद[1] में है।
- 'इमं' में गंगे यमुने सरस्वति शुतुद्रि स्तोमं सचता परुप्ण्या असिवन्या मरुदवृधे वितस्तयार्जीकीये श्रृगुह्मा सुपोमया'।
- श्रीमद्भागवत[2] में भी मरुदवृधा का विस्तता (झेलम) तथा, असिविनी' चिनाव के साथ उल्लेख है- चंद्रभागा मरुदवृधा विस्तता असिक्नी।
- रेगोजिन'[3] इसे झेलम चिनाव की संयुक्त धारा का नाम मानते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऋग्वेद 10,75,5-6 (नदीसूक्त)
- ↑ श्रीमद्भागवत 5,19,18
- ↑ वैदिक इंडिया, पृष्ठ 451
बाहरी कड़ियाँ
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