"पतंजलि": अवतरणों में अंतर
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- पतंजलि (महाभाष्यकार)- ‘व्याकरण-महाभाष्य’ के रचयिता।
- पतंजलि (योगसूत्रकार)- योगसूत्र के रचनाकार।
विशेष
पतजंलि महाभाष्यकार और योगसूत्रकार दोनों एक हैं अथवा नहीं; ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता, परंतु दोनों एक हो सकते हैं। महाभाष्यकार पतंजलि दूसरी शती ई. पू. के प्रारम्भ में हुए थे। सूत्रशैली की रचनाएँ प्राय: इस काल तक और इसके आगे भी होती रही। अत: भाष्यकार, योगसूत्रकार भी हो सकते हैं।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ |पृष्ठ संख्या: 384 |