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'''तिरुक्कलिकुंदरम''' एक प्रसिद्ध [[तीर्थ स्थान]] है। यह [[मद्रास]] से 30 मील की दूरी पर स्थित है।
[[चित्र:Vedagiriswarar-Temple-Tirukalukundram.jpg|thumb|वेदागिरिस्वरार मंदिर, तिरुक्कलिकुंदरम]]
 
'''तिरुक्कलिकुंदरम''' [[तमिलनाडु]] राज्य के [[कांचीपुरम ज़िला|कांचीपुरम ज़िले]] में स्थित एक नगर है।
*इसे 'पक्षितीर्थ' भी कहा जाता है।
*तिरुक्कलिकुंदरम को 'पक्षितीर्थ' भी कहा जाता है।  यह एक प्रसिद्ध [[तीर्थ स्थान]] है।
*500 फुट ऊँची पहाड़ी पर बने मंदिर में प्राचीन काल से दो पक्षी (क्षेमकरी) नित्य भोजनार्थ निश्चित समय पर यहाँ आते हैं।
*500 फुट ऊँची पहाड़ी पर बने मंदिर में प्राचीन काल से दो पक्षी (क्षेमकरी) नित्य भोजनार्थ निश्चित समय पर यहाँ आते हैं।
*इन पक्षियों के विषय में अनेक कपोल कल्पित कथाएँ प्रचलित हैं।
*इन पक्षियों के विषय में अनेक कपोल कल्पित कथाएँ प्रचलित हैं।
*यह स्थल कम से कम 18वीं शती में भी इसी प्रकार से प्रख्यात था, क्योंकि तत्कालीन उल्लेखों से यह बात प्रमाणित होती है।
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06:56, 20 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण

वेदागिरिस्वरार मंदिर, तिरुक्कलिकुंदरम

तिरुक्कलिकुंदरम तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम ज़िले में स्थित एक नगर है।

  • तिरुक्कलिकुंदरम को 'पक्षितीर्थ' भी कहा जाता है। यह एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है।
  • 500 फुट ऊँची पहाड़ी पर बने मंदिर में प्राचीन काल से दो पक्षी (क्षेमकरी) नित्य भोजनार्थ निश्चित समय पर यहाँ आते हैं।
  • इन पक्षियों के विषय में अनेक कपोल कल्पित कथाएँ प्रचलित हैं।
  • यह स्थल कम से कम 18वीं शती में भी इसी प्रकार से प्रख्यात था, क्योंकि तत्कालीन उल्लेखों से यह बात प्रमाणित होती है।




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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 401 |


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