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'''पांडव क़िला''' [[मेरठ]] के 'बरनावा' में स्थित है।  
यह क़िला [[मेरठ]] के '[[बरनावा]]' में स्थित है।  
*[[महाभारत]] से संबंध रखने वाले इस क़िले में अनेक प्राचीन मूर्तियां देखी जा सकती हैं।  
*[[महाभारत]] से संबंध रखने वाले इस [[क़िला|क़िले]] में अनेक प्राचीन मूर्तियां देखी जा सकती हैं।  
*कहा जाता है कि यह क़िला [[पांडव|पांडवों]] ने बनवाया था।  
*जनश्रुति के अनुसार यह माना जाता है कि यह वही क़िला है, जो [[पांडव|पांडवों]] को भस्म कर देने के लिए [[दुर्योधन]] ने ज्वलनशील पदार्थ लाख से तैयार करवाया था।
*[[दुर्योधन]] ने पांडवों को उनकी मां [[कुन्ती]] सहित यहां ज़िन्दा जलाने का षडयंत्र रचा था लेकिन वे एक भूतिगत रास्ते से बच निकले थे।
*यह क़िला प्राचीन ग्राम '[[वारणावत]]' या 'वारणावर्त'  में स्थित है , जो उन पांच ग्रामों में से था, जिनकी मांग पांडवों ने दुर्योधन से [[महाभारत]] युद्ध के पूर्व की थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=609|url=}}</ref>
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
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==संबंधित लेख==
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06:27, 24 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

यह क़िला मेरठ के 'बरनावा' में स्थित है।

  • महाभारत से संबंध रखने वाले इस क़िले में अनेक प्राचीन मूर्तियां देखी जा सकती हैं।
  • जनश्रुति के अनुसार यह माना जाता है कि यह वही क़िला है, जो पांडवों को भस्म कर देने के लिए दुर्योधन ने ज्वलनशील पदार्थ लाख से तैयार करवाया था।
  • यह क़िला प्राचीन ग्राम 'वारणावत' या 'वारणावर्त' में स्थित है , जो उन पांच ग्रामों में से था, जिनकी मांग पांडवों ने दुर्योधन से महाभारत युद्ध के पूर्व की थी।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 609 |

बाहरी कड़ियाँ

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