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==तमिलनाडु सामान्य ज्ञान==
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|-
| valign="top"|
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|
<quiz display=simple>
{[[तमिलनाडु]] में किस तिथि को राजकीय दिवस मनाया जाता है?
|type="()"}
+[[10 अप्रैल]]
-[[12 अप्रैल]]
-[[14 अप्रैल]]
-[[16 अप्रैल]]


{[[तमिलनाडु]] प्रदेश का राजकीय पशु कौन-सा है?
|type="()"}
+नीलगिरि ताहर
-वृषभ
-सफ़ेद भालू
-इनमें से कोई नहीं
{वर्तमान में [[तमिलनाडु]] में ज़िलों की कुल संख्या कितनी है?
|type="()"}
-25
+30
-35
-37
{[[तमिलनाडु]] के प्रमुख शिखर [[डोड्डाबेट्टा]] की ऊँचाई कितनी है?
|type="()"}
-2,440 मीटर
-244 मीटर
+2800 मीटर
-2648 मीटर
{'अन्नामलाई विश्वविद्यालय' तमिलनाडु में कहाँ स्थित है?
|type="()"}
-[[चेन्नई]]
+अन्नामलाई नगर
-[[कोयंबतुर]]
-[[नागपट्टिनम]]
{[[तमिलनाडु]] में राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या कुल कितनी है?
|type="()"}
-4
+5
-6
-7
{[[तमिलनाडु]] के किस नगर में 'थियोसॉफ़िकल सोसाइटी' के मुख्यालय की स्थापना की गई?
|type="()"}
-[[कोडईकनाल]]
-[[दिंडिगल]]
+अडयार
-[[टुटिकोरिन]]
{[[तमिलनाडु]] का प्रमुख पर्व [[पोंगल]] किस महीने में मनाया जाता है?
|type="()"}
+[[जनवरी]]
-[[मार्च]]
-[[दिसम्बर]]
-[[जून]]
||[[चित्र:Pongal.jpg|right|100px|पोंगल]][[तमिलनाडु]] में फ़सल कटाई का त्योहार [[पोंगल]] [[जनवरी]] माह में मनाया जाता है। किसान अपनी अच्‍छी फ़सल के लिए आभार प्रकट करने हेतु [[सूर्य]], [[पृथ्वी]] और पशुओं की [[पूजा]] करते हैं। पोंगल के बाद दक्षिण तमिलनाडु के कुछ हिस्‍सों में ‘जल्लीकट्टू’ होता है, जिसमें सांड़ों की लड़ाई होती है। प्रदेश में अलंगनल्‍लूर ‘जल्लीकट्टू’ के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। ‘चित्तिरै’ [[मदुरै]] का लोकप्रिय त्योहार है। यह [[पाण्ड्य राजवंश|पाण्ड्य]] राजकुमारी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर के अलौकिक [[विवाह]] बंधन की समृति में मनाया जाता है। तमिल महीने ‘आदि’ के अठारहवें दिन नदियों के किनारे ‘आदिपेरूकु’ पर्व मनाया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पोंगल]]
{[[तमिलनाडु]] में होने वाला नृत्य महोत्सव अपने आप में अद्भुत माना जाता है, यह कहाँ पर आयोजित होता है?
|type="()"}
-[[मदुरै]]
-[[रामेश्वरम]]
+[[मामल्लपुरम]]
-[[चिदंबरम]]
||[[चित्र:Mahisha-Mardini-Cave-Mahabalipuram-7.jpg|right|100px|महिषा मर्दनी गुफा, महाबलीपुरम]][[महाबलीपुरम]] एक ऐतिहासिक नगर है, जो 'मामल्लपुरम' भी कहलाता है। यह पूर्वोत्तर [[तमिलनाडु]] राज्य, [[दक्षिण भारत]] में स्थित है। एक धार्मिक केन्द्र के रूप में इसकी स्थापना सातवीं सदी में [[हिन्दू]] [[पल्लव वंश|पल्लव]] राजा [[नरसिंह वर्मन प्रथम|नरसिंह वर्मन]] ने, जिन्हें 'मामल्ल' भी कहा जाता है, ने की थी। इसीलिए इसे '[[मामल्लपुरम]]' भी कहा गया है। यहाँ पर पाए गए [[चीन]], [[फ़ारस]] और [[रोम]] के प्राचीन सिक्कों से पता चलता है कि यहाँ पर पहले बंदरगाह रहा होगा। सातवीं और आठवीं सदी में निर्मित पल्लव मन्दिरों और स्मारकों के मिलने से यहाँ की वास्तु शैली की उत्कृष्टता का पता चलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मामल्लपुरम]]
{निम्नलिखित में से [[तमिलनाडु]] की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार क्या है?
|type="()"}
+[[कृषि]]
-पशुपालन
-व्यापार
-सभी
||[[चित्र:Rice-Fields.jpg|right|100px|चावल के खेत, तमिलनाडु]][[तमिलनाडु]] में मुख्‍य व्‍यवसाय‍ [[कृषि]] है। राज्‍य में [[2007]]-[[2008]] में कुल खेती योग्‍य क्षेत्र 56.10 मिलियन हेक्‍टेयर था। प्रमुख खाद्यान्‍न फ़सलें [[चावल]], [[ज्‍वार]] और [[दाल|दालें]] हैं। प्रमुख व्‍यापारिक फ़सलों में [[गन्ना]], [[कपास]], [[सूरजमुखी]], [[नारियल]], काजू, [[मिर्च]] और [[मूँगफली]] हैं। अन्‍य पौध फ़सलें हैं- [[चाय]], [[कॉफी]], [[इलायची]] और [[रबर]]। मुख्‍य वन उत्‍पाद हैं- इमारती लकड़ी, [[चंदन]] की लकड़ी, पल्‍पवुड और जलाने योग्‍य लकड़ी। जैव उर्वरकों के उत्‍पादन और इस्‍तेमाल में तमिलनाडु का प्रमुख स्‍थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तमिलनाडु की कृषि]]
{निम्न में से कौन-सा बाँध [[तमिलनाडु]] में है?
|type="()"}
-मुकुरथी
-मेटूर
-गोमुखी
+उपर्युक्त सभी
{[[तमिलनाडु]] में किस साम्राज्य ने लम्बे समय तक शासन किया?
|type="()"}
+[[चोल साम्राज्य|चोल]]
-[[पांड्य साम्राज्य|पांड्य]]
-[[चेर वंश|चेर]]
-[[वाकाटक वंश|वाकाटक]]
||[[चित्र:Uttama coin.png|120px|right|चोल साम्राज्य का सिक्का]]छठी [[शताब्दी]] के मध्य के बाद में [[दक्षिण भारत]] में [[पल्लव वंश|पल्लवों]], [[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] तथा [[पाण्ड्य]] वंशों का राज्य रहा। पल्लवों की राजधानी [[कांची]], चालुक्यों की [[बादामी]] तथा पाण्ड्यों की राजधानी [[मदुरई]] थी, जो आधुनिक [[तंजौर]] में है। दक्षिण में अर्थात [[केरल]] में [[चेर वंश|चेर]] शासक थे। [[कर्नाटक]] क्षेत्र में [[कदम्ब]] तथा [[गंग वंश|गंग वंशों]] का शासन था। इस युग के अधिकतर समय में गंग शासक राष्ट्रकूटों के अधीन थे या उनसे मिलते हुए थे। राष्ट्रकूट इस समय [[महाराष्ट्र]] क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभावशाली थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चोल साम्राज्य|चोल]]
{[[तमिलनाडु]] में '[[गांधी संग्रहालय मदुरै|गाँधी संग्रहालय]]' कहाँ पर स्थित है?
|type="()"}
+[[मदुरै]]
-[[चेन्नई]]
-[[तिरुनेल्वेली]]
-[[कोयंबतुर]]
||[[चित्र:Gandhi-Museum-Madurai.jpg|100px|right|गांधी संग्रहालय, मदुरै]]'मदुरै' या 'मदुरई' या 'मदुरा' [[तमिलनाडु]] के दक्षिण में वैगोई नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। [[मदुरै]] प्राचीन काल से ही सुन्दर सूती वस्त्रों तथा मोतियों के लिए प्रसिद्ध रहा है। [[कौटिल्य]] तथा [[टॉलमी]] ने मदुरा के वस्त्रों की प्रशंसा की है। इस नगर में अनेक भव्य मन्दिर हैं, जिनमें '[[मीनाक्षी मन्दिर]]' उल्लेखनीय हैं। मदुरै का '[[गांधी संग्रहालय मदुरै|गांधी संग्रहालय]]' भी बहुत प्रसिद्ध है। इस संग्रहालय का उद्घाटन [[15 अप्रैल]], [[1959]] में पूर्व [[प्रधानमंत्री]] पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा करवाया गया था। [[गांधी जी]] की किताबों और पत्रों के अलावा दक्षिण भारतीय ग्रामोद्योगों एवं हस्तशिल्प के सुंदर संग्रह को इस संग्रहालय में देखा जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मदुरै]]
</quiz>
|}
|}
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07:08, 16 जुलाई 2012 के समय का अवतरण