"लक्ष्मी नारायण उपाध्याय": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{ | {{सूचना बक्सा साहित्यकार | ||
|चित्र=Blankimage.png | |||
|चित्र का नाम=लक्ष्मी नारायण उपाध्याय | |||
|पूरा नाम=लक्ष्मी नारायण उपाध्याय | |||
|अन्य नाम= | |||
|जन्म=[[1 सितम्बर]], [[1901]] | |||
|जन्म भूमि=[[अलीगढ़]], [[उत्तर प्रदेश]] | |||
|मृत्यु= | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|अभिभावक= | |||
|पालक माता-पिता= | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|कर्म भूमि=[[भारत]] | |||
|कर्म-क्षेत्र= | |||
|मुख्य रचनाएँ= | |||
|विषय= | |||
|भाषा= | |||
|विद्यालय= | |||
|शिक्षा= | |||
|पुरस्कार-उपाधि='इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार' | |||
|प्रसिद्धि=भूगोलवेत्ता | |||
|विशेष योगदान= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=जीवन के आखरी पड़ाव पर आकार लक्ष्मी नारायण उपाध्याय ने '[[गीता]]' पर आधारित सारगर्भित भाषा-काव्य एवं अनेक अन्य ग्रंथों का प्रणयन किया। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''डॉ. लक्ष्मी नारायण उपाध्याय''' (जन्म- [[1 सितम्बर]], [[1901]], [[अलीगढ़]], [[उत्तर प्रदेश]]) एक जानेमाने भूगोलवेत्ता थे। [[पर्यावरण]] के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इन्हें 'इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। | |||
*लक्ष्मी नारायण उपाध्याय का जन्म अलीगढ़ के एक संपन्न [[परिवार]] में हुआ था। | |||
*इन्होंने अनेक विषयों में स्नातकोत्तर की उपाधियाँ प्राप्त की थीं। [[भूगोल]] में किये गए इनके शोध कार्य के लिए इन्हें 'डाक्टरेट' की उपाधि से विभूषित किया गया था। | |||
*अनेक वर्षों तक [[पंजाब]] एवं [[राजस्थान]] के महाविद्यालयों में भूगोल के विभागाध्यक्ष रहते हुए भूगोल में अनेक शोध-पत्रों का संपादन एवं मार्गदर्शन भी इन्होंने किया। | |||
*पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 'इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार' से सम्मानित किये गए थे। | |||
*जीवन के आखरी पड़ाव पर आकार लक्ष्मी नारायण उपाध्याय ने '[[गीता]]' पर आधारित सारगर्भित भाषा-काव्य एवं अनेक अन्य ग्रंथों का प्रणयन किया। | |||
*लक्ष्मी नारायण जी मिमिक्री के भी बहुत उच्च-कोटि के कलाकार थे। अपने जीवन काल में उन्होंने अनेक संस्थानों का पल्लवन किया। | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
{{लेख प्रगति|आधार= | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category: | [[Category:भूगोलवेत्ता]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:भूगोल कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
06:53, 17 अगस्त 2016 के समय का अवतरण
लक्ष्मी नारायण उपाध्याय
| |
पूरा नाम | लक्ष्मी नारायण उपाध्याय |
जन्म | 1 सितम्बर, 1901 |
जन्म भूमि | अलीगढ़, उत्तर प्रदेश |
कर्म भूमि | भारत |
पुरस्कार-उपाधि | 'इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार' |
प्रसिद्धि | भूगोलवेत्ता |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | जीवन के आखरी पड़ाव पर आकार लक्ष्मी नारायण उपाध्याय ने 'गीता' पर आधारित सारगर्भित भाषा-काव्य एवं अनेक अन्य ग्रंथों का प्रणयन किया। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
डॉ. लक्ष्मी नारायण उपाध्याय (जन्म- 1 सितम्बर, 1901, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश) एक जानेमाने भूगोलवेत्ता थे। पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इन्हें 'इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
- लक्ष्मी नारायण उपाध्याय का जन्म अलीगढ़ के एक संपन्न परिवार में हुआ था।
- इन्होंने अनेक विषयों में स्नातकोत्तर की उपाधियाँ प्राप्त की थीं। भूगोल में किये गए इनके शोध कार्य के लिए इन्हें 'डाक्टरेट' की उपाधि से विभूषित किया गया था।
- अनेक वर्षों तक पंजाब एवं राजस्थान के महाविद्यालयों में भूगोल के विभागाध्यक्ष रहते हुए भूगोल में अनेक शोध-पत्रों का संपादन एवं मार्गदर्शन भी इन्होंने किया।
- पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 'इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार' से सम्मानित किये गए थे।
- जीवन के आखरी पड़ाव पर आकार लक्ष्मी नारायण उपाध्याय ने 'गीता' पर आधारित सारगर्भित भाषा-काव्य एवं अनेक अन्य ग्रंथों का प्रणयन किया।
- लक्ष्मी नारायण जी मिमिक्री के भी बहुत उच्च-कोटि के कलाकार थे। अपने जीवन काल में उन्होंने अनेक संस्थानों का पल्लवन किया।
|
|
|
|
|