"शुक्लतीर्थ": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''शुक्लतीर्थ''' भंडौच से 10 मील पूर्व नर्मदा के उत्तरी...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''शुक्लतीर्थ''' भंडौच से 10 मील पूर्व [[नर्मदा]] के उत्तरी तट पर एक प्राचीन तीर्थ हैं।
'''शुक्लतीर्थ''' [[भरूच|भड़ौच]] ([[गुजरात]]) से 10 मील की दूरी पर पूर्व [[नर्मदा]] के उत्तरी तट पर एक प्राचीन [[तीर्थ]] स्थान है।
*यहाँ के अधिष्ठातृ देव शुक्लनारायण हैं।
*किंवदंती है कि [[चंद्रगुप्त मौर्य |चंद्रगुप्त मौर्य]] और चाणक्य शुक्लतीर्थ की यात्रा पर आये थे।
*यहाँ कवि ओंकारेश्वर और शुक्ल नामक पवित्र कुंड हैं।
*एक मील दूर मंगलेश्वर के सामने नर्मदा नदी के टापू में कबीर-वृक्ष नामक वट वृक्ष है जिसका संबंध संत [[कबीर]] से बताया जाता है।


*इस तीर्थ स्थान के अधिष्ठातृ देव शुक्लनारायण हैं।
*ऐसी किंवदंती है कि [[चंद्रगुप्त मौर्य]] और [[चाणक्य]] शुक्लतीर्थ की यात्रा पर आये थे।
*यहाँ कवि ओंकारेश्वर और शुक्ल नामक पवित्र कुंड हैं।
*एक मील दूर मंगलेश्वर के सामने [[नर्मदा नदी]] के टापू में 'कबीर वृक्ष' नामक [[वट|वट वृक्ष]] है, जिसका संबंध [[कबीर|संत कबीर]] से बताया जाता है।


{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{गुजरात के ऐतिहासिक स्थान}}
[[Category:महाराष्ट्र]]
[[Category:गुजरात]][[Category:गुजरात_का_इतिहास]][[Category:गुजरात_के_धार्मिक_स्थल]][[Category:गुजरात के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:हिन्दू धार्मिक स्थल]][[Category:धार्मिक स्थल कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:महाराष्ट्र_का_इतिहास]]
[[Category:महाराष्ट्र_के_धार्मिक_स्थल]]
[[Category:महाराष्ट्र_के_ऐतिहासिक_नगर]]
 
__INDEX__
__INDEX__

07:53, 25 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

शुक्लतीर्थ भड़ौच (गुजरात) से 10 मील की दूरी पर पूर्व नर्मदा के उत्तरी तट पर एक प्राचीन तीर्थ स्थान है।

  • इस तीर्थ स्थान के अधिष्ठातृ देव शुक्लनारायण हैं।
  • ऐसी किंवदंती है कि चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य शुक्लतीर्थ की यात्रा पर आये थे।
  • यहाँ कवि ओंकारेश्वर और शुक्ल नामक पवित्र कुंड हैं।
  • एक मील दूर मंगलेश्वर के सामने नर्मदा नदी के टापू में 'कबीर वृक्ष' नामक वट वृक्ष है, जिसका संबंध संत कबीर से बताया जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख