"शोक की संतान -रामधारी सिंह दिनकर": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "दरवाजे" to "दरवाज़े") |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "तेजी " to "तेज़ी") |
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हम जीने की इच्छा को तोल रहे हैं। | हम जीने की इच्छा को तोल रहे हैं। | ||
आयु | आयु तेज़ीसे भागी जाती है | ||
और हम अंधेरे में | और हम अंधेरे में | ||
पंक्ति 121: | पंक्ति 121: | ||
और फूलों की गुपचुप आवाज़, | और फूलों की गुपचुप आवाज़, | ||
ये | ये ग़रीब की आह से बनते हैं। | ||
08:20, 10 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
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हृदय छोटा हो, |
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