"विक्टोरिया मेमोरियल, हरदोई": अवतरणों में अंतर
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विक्टोरिया मेमोरियल भवन जनपद [[हरदोई]] का हस्ताक्षर शिल्प भवन है। *जिस प्रकार [[रूमी दरवाज़ा लखनऊ|रूमी दरवाज़ा]], [[लखनऊ]] शहर का हस्ताक्षर भवन है ठीक वैसे ही यह विक्टोरिया भवन जनपद हरदोई का हस्ताक्षर शिल्प भवन है। | [[चित्र:Viktoriya_hardoi.jpg |विक्टोरिया हॉल [[हरदोई]]|left|thumb|250px]] | ||
विक्टोरिया मेमोरियल भवन जनपद [[हरदोई]] का हस्ताक्षर शिल्प भवन है। | |||
*जिस प्रकार [[रूमी दरवाज़ा लखनऊ|रूमी दरवाज़ा]], [[लखनऊ]] शहर का हस्ताक्षर भवन है ठीक वैसे ही यह विक्टोरिया भवन जनपद हरदोई का हस्ताक्षर शिल्प भवन है। | |||
*परतंत्र [[भारत]] देश [[1877]] ई. में जब [[महारानी विक्टोरिया]] सम्राज्ञी घोषित की गईं तो भारतवर्ष में दो स्थानों पर इतिहास में समेटने के लिये विक्टोरिया मेमोरियल भवनों का निर्माण कराया गया उनमें से एक तत्कालीन [[विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता|विक्टोरिया मेमोरियल]] [[कलकत्ता]] जो आज [[कोलकाता]] है और दूसरा हरदोई में। | *परतंत्र [[भारत]] देश [[1877]] ई. में जब [[महारानी विक्टोरिया]] सम्राज्ञी घोषित की गईं तो भारतवर्ष में दो स्थानों पर इतिहास में समेटने के लिये विक्टोरिया मेमोरियल भवनों का निर्माण कराया गया उनमें से एक तत्कालीन [[विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता|विक्टोरिया मेमोरियल]] [[कलकत्ता]] जो आज [[कोलकाता]] है और दूसरा हरदोई में। | ||
*वर्तमान में इस भवन में हरदोई क्लब संचालित है। | *वर्तमान में इस भवन में हरदोई क्लब संचालित है। |
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विक्टोरिया मेमोरियल | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- विक्टोरिया मेमोरियल |
विक्टोरिया मेमोरियल भवन जनपद हरदोई का हस्ताक्षर शिल्प भवन है।
- जिस प्रकार रूमी दरवाज़ा, लखनऊ शहर का हस्ताक्षर भवन है ठीक वैसे ही यह विक्टोरिया भवन जनपद हरदोई का हस्ताक्षर शिल्प भवन है।
- परतंत्र भारत देश 1877 ई. में जब महारानी विक्टोरिया सम्राज्ञी घोषित की गईं तो भारतवर्ष में दो स्थानों पर इतिहास में समेटने के लिये विक्टोरिया मेमोरियल भवनों का निर्माण कराया गया उनमें से एक तत्कालीन विक्टोरिया मेमोरियल कलकत्ता जो आज कोलकाता है और दूसरा हरदोई में।
- वर्तमान में इस भवन में हरदोई क्लब संचालित है।
- हरदोई में निर्मित इसी विक्टोरिया भवन परिसर जिसे टाउन हाल कहा जाता था में रिक्त पड़े विशाल भूभाग पर महात्मा गांधी ने 1929 में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था जिसमें लगभग 4000 व्यक्ति सम्मिलित हुये थे।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संदर्भ:एच आर नेबिल संपादित हरदोई गजेटियर पृष्ठ 56
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