"व्योमेश चन्द्र बनर्जी": अवतरणों में अंतर
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'''व्योमेश चन्द्र बनर्जी''' (जन्म- [[29 दिसंबर]], 1844, [[कोलकाता]]; मृत्यु- [[21 जुलाई]] [[1906]] [[इंग्लैंड]]) [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के प्रथम अध्यक्ष और [[कोलकाता]] उच्च न्यायालय के प्रमुख वक़ील थे। ये भारत में अंग्रेज़ी शासन से प्रभावित थे और उसे देश के लिये अच्छा मानते थे। | {{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ | ||
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व्योमेश चन्द्र बनर्जी
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पूरा नाम | व्योमेश चन्द्र बनर्जी |
जन्म | 29 दिसंबर, 1844 |
जन्म भूमि | कलकत्ता (अब कोलकाता) |
मृत्यु | 21 जुलाई 1906 |
मृत्यु स्थान | इंग्लैंड |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | उच्च न्यायालय के प्रमुख वक़ील |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पद | कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष |
अन्य जानकारी | इलाहाबाद में 1892 ई. में हुए कांग्रेस अधिवेशन का अध्यक्ष बनाया गया था। |
व्योमेश चन्द्र बनर्जी (अंग्रेज़ी: Womesh Chunder Bonnerjee, जन्म- 29 दिसंबर, 1844, कोलकाता; मृत्यु- 21 जुलाई 1906 इंग्लैंड) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष और कोलकाता उच्च न्यायालय के प्रमुख वक़ील थे। ये भारत में अंग्रेज़ी शासन से प्रभावित थे और उसे देश के लिये अच्छा मानते थे।
अंग्रेज़ों के अनुयायी
व्योमेश बनर्जी अंग्रेज़ी चाल-ढाल के इतने कट्टर अनुयायी थे कि इन्होंने स्वयं अपने पारिवारिक नाम 'बनर्जी' का अंग्रेज़ीकरण करके उसे 'बोनर्जी' कर दिया। इन्होंने अपने पुत्र का नाम भी 'शेली' रखा, जो कि अंग्रेज़ों में अधिक प्रचलित था। लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी हृदय से वे सच्चे भारतीय थे।
अध्यक्ष
'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' के 1885 ई. में हुए प्रथम अधिवेशन के वे अध्यक्ष चुने गये थे। उन्हें दोबारा भी इलाहाबाद में 1892 ई. में हुए कांग्रेस अधिवेशन का अध्यक्ष बनाया गया था। 1902 ई. में वे इंग्लैंड जाकर बस गये। 1906 में अपनी मृत्यु पर्यन्त भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आंदोलन को ये बढ़ावा देते रहे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख