"धुलेंडी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''धुलेंडी''' हरियाणा की होली के रूप में प्रसिद्ध उत...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''धुलेंडी''' [[हरियाणा]] की [[होली]] के रूप में प्रसिद्ध उत्सव है। [[भारत की संस्कृति|भारतीय संस्‍कृति]] में रिश्‍तों और प्रकृति के बीच सामंजस्‍य का अनोखा मिश्रण हरियाणा की होली में देखने को मिलता है। हरियाणा में होली धुलेंडी के रूप में मनाते हैं और सूखी होली - [[गुलाल]] और अबीर से खेलते हैं।
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
|चित्र=Holi-hariyana.jpg
|चित्र का नाम=होली (धुलेंडी), हरियाणा
|विवरण='धुलेंडी' [[हरियाणा]] में मनाया जाने वाला एक उत्सव है। यह [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के प्रसिद्ध त्योहार [[होली]] का ही एक नाम है।
|शीर्षक 1=राज्य
|पाठ 1=[[हरियाणा]]
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|शीर्षक 6=
|पाठ 6=
|शीर्षक 7=
|पाठ 7=
|शीर्षक 8=
|पाठ 8=
|शीर्षक 9=
|पाठ 9=
|शीर्षक 10=विशेष
|पाठ 10=मुख्यतः पाँच दिन ([[प्रतिपदा]] से [[पंचमी]] तक) चलने वाले इस त्योहार का सूत्र वाक्य है- प्रेम, उल्लास, एकता और भाईचारा।
|संबंधित लेख=[[होली]], [[होलिका दहन]], [[होलिका]], [[हिरण्यकशिपु]], [[प्रह्लाद]], [[हरियाणा की संस्कृति]]
|अन्य जानकारी=धुलेंडी के पाँच दिनों में दुश्मन के घर जाकर भी, उससे गले मिलकर, गिले-शिकवे दूर कर उनके साथ भी [[होली]] खेली जाती है और उनके लिए भी मंगल कामनाएँ की जाती हैं।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
 
'''धुलेंडी''' [[हरियाणा]] की [[होली]] के रूप में प्रसिद्ध उत्सव है। [[भारत की संस्कृति|भारतीय संस्‍कृति]] में रिश्‍तों और प्रकृति के बीच सामंजस्‍य का अनोखा मिश्रण हरियाणा की होली में देखने को मिलता है। हरियाणा में होली धुलेंडी के रूप में मनाते हैं और सूखी होली [[गुलाल]] और अबीर से खेलते हैं।
==उत्सव==
==उत्सव==
भाभियों को धुलेंडी के दिन पूरी छूट रहती है कि वे अपने देवरों को साल भर सताने का दण्ड दें। भाभियाँ देवरों को तरह-तरह से सताती हैं और देवर बेचारे चुपचाप झेलते हैं, क्योंकि इस दिन तो भाभियों का दिन होता है। शाम को देवर अपनी प्यारी भाभी के लिए उपहार लाता है और भाभी उसे आशीर्वाद देती है लेकिन उपहार और आशीर्वाद के बाद फिर शुरू हो जाता है देवर और भाभी के पवित्र रिश्‍ते की नोकझोंक और एक-दूसरे को सताए जाने का सिलसिला। इस दिन मटका फोड़ने का भी कार्यक्रम आयोजित होता है।
भाभियों को धुलेंडी के दिन पूरी छूट रहती है कि वे अपने देवरों को साल भर सताने का दण्ड दें। भाभियाँ देवरों को तरह-तरह से सताती हैं और देवर बेचारे चुपचाप झेलते हैं, क्योंकि इस दिन तो भाभियों का दिन होता है। शाम को देवर अपनी प्यारी भाभी के लिए उपहार लाता है और भाभी उसे आशीर्वाद देती है लेकिन उपहार और आशीर्वाद के बाद फिर शुरू हो जाता है देवर और भाभी के पवित्र रिश्‍ते की नोकझोंक और एक-दूसरे को सताए जाने का सिलसिला। इस दिन मटका फोड़ने का भी कार्यक्रम आयोजित होता है।
====धुलेंडी से रंगपंचमी====
मुख्यतः पाँच दिन ([[प्रतिपदा]] से [[पंचमी]] तक) चलने वाले इस त्योहार का सूत्र वाक्य है- प्रेम, उल्लास, एकता और भाईचारा।
* [[होलिका दहन]] के पश्चात्‌ प्रतिपदा को अर्थात् धुलेंडी को भगवान का पूजन कर माता-पिता से भी आशीर्वाद लेना चाहिए।
* रंग, अबीर, [[गुलाल]] लेकर सभी दोस्तों को एक जगह मिलना चाहिए।
* ढोलक अथवा मृदंग की व्यवस्था करना चाहिए। फिर टोली बनाकर गाते-बजाते चल समारोह निकाला जाना चाहिए।
* इस दौरान मित्रों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों को रंग-गुलाल लगाकर उन्हें भी समारोह में शामिल करना चाहिए।
* चल समारोह के दौरान चुटकुलों, हास्य गीतों, पैरोडियों, अजीब स्वाँग धारण कर ठिठोली करते हुए आनंद और उल्लास का वातावरण बनाया जाता है।
* शाम को पुनः स्नान कर भगवान के दर्शन कर माता-पिता का आशीर्वाद लेना चाहिए।
* [[द्वितीया]], [[तृतीया]] और [[चतुर्थी]] एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएँ देने तथा मिठाई खाने-खिलाने के दिन होते हैं।
* [[पंचमी]] अर्थात् रंग-पंचमी को फिर वही किया जाता है जैसा कि प्रतिपदा अर्थात् धुलेंडी को किया था। कुछ क्षेत्रों में [[रंग पंचमी (होली)|रंग पंचमी ]] का त्योहार ज्यादा जोर-शोर से मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग मिलकर समूह 'गेर' बनाते हैं और फिर हुड़दंग मचाते हुए चल समारोह के रुप में गेर निकालते हैं।
* इन दिनों में दोस्तों या बराबरी वालों को हास्य से भरपूर टाइटल देकर मन गुदगुदाया जा सकता है।
* इन पाँच दिनों में दुश्मन के घर जाकर, उससे गले मिलकर, गिले-शिकवे दूर कर उनके साथ भी होली खेली जाती है और उनके लिए भी मंगल कामनाएँ की जाती हैं।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%A7%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%80-%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%AE%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80/%E0%A4%A7%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%AE%E0%A5%80-%E0%A4%A4%E0%A4%95-1070427028_1.htm |title=धुलेंडी से रंगपंचमी तक  |accessmonthday=14 मार्च |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=वेबदुनिया हिंदी |language=हिंदी }} </ref>




{{seealso|मथुरा होली चित्र वीथिका|बरसाना होली चित्र वीथिका| बलदेव होली चित्र वीथिका}}
{{seealso|मथुरा होली चित्र वीथिका|बरसाना होली चित्र वीथिका| बलदेव होली चित्र वीथिका}}
पंक्ति 13: पंक्ति 55:
*[http://hindi.webdunia.com/देश-होली-विभिन्न/देश-में-होली-के-विभिन्न-रूप-1080319036_1.htm होली के विभिन्न रूप]
*[http://hindi.webdunia.com/देश-होली-विभिन्न/देश-में-होली-के-विभिन्न-रूप-1080319036_1.htm होली के विभिन्न रूप]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{होली विडियो}}
{{होली}}{{होली विडियो}}
[[Category:होली]]
[[Category:होली]]
[[Category:ब्रज]][[Category:पर्व और त्योहार]][[Category:संस्कृति कोश]]
[[Category:ब्रज]][[Category:पर्व और त्योहार]][[Category:संस्कृति कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

08:00, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

धुलेंडी
होली (धुलेंडी), हरियाणा
होली (धुलेंडी), हरियाणा
विवरण 'धुलेंडी' हरियाणा में मनाया जाने वाला एक उत्सव है। यह हिन्दुओं के प्रसिद्ध त्योहार होली का ही एक नाम है।
राज्य हरियाणा
विशेष मुख्यतः पाँच दिन (प्रतिपदा से पंचमी तक) चलने वाले इस त्योहार का सूत्र वाक्य है- प्रेम, उल्लास, एकता और भाईचारा।
संबंधित लेख होली, होलिका दहन, होलिका, हिरण्यकशिपु, प्रह्लाद, हरियाणा की संस्कृति
अन्य जानकारी धुलेंडी के पाँच दिनों में दुश्मन के घर जाकर भी, उससे गले मिलकर, गिले-शिकवे दूर कर उनके साथ भी होली खेली जाती है और उनके लिए भी मंगल कामनाएँ की जाती हैं।

धुलेंडी हरियाणा की होली के रूप में प्रसिद्ध उत्सव है। भारतीय संस्‍कृति में रिश्‍तों और प्रकृति के बीच सामंजस्‍य का अनोखा मिश्रण हरियाणा की होली में देखने को मिलता है। हरियाणा में होली धुलेंडी के रूप में मनाते हैं और सूखी होली गुलाल और अबीर से खेलते हैं।

उत्सव

भाभियों को धुलेंडी के दिन पूरी छूट रहती है कि वे अपने देवरों को साल भर सताने का दण्ड दें। भाभियाँ देवरों को तरह-तरह से सताती हैं और देवर बेचारे चुपचाप झेलते हैं, क्योंकि इस दिन तो भाभियों का दिन होता है। शाम को देवर अपनी प्यारी भाभी के लिए उपहार लाता है और भाभी उसे आशीर्वाद देती है लेकिन उपहार और आशीर्वाद के बाद फिर शुरू हो जाता है देवर और भाभी के पवित्र रिश्‍ते की नोकझोंक और एक-दूसरे को सताए जाने का सिलसिला। इस दिन मटका फोड़ने का भी कार्यक्रम आयोजित होता है।

धुलेंडी से रंगपंचमी

मुख्यतः पाँच दिन (प्रतिपदा से पंचमी तक) चलने वाले इस त्योहार का सूत्र वाक्य है- प्रेम, उल्लास, एकता और भाईचारा।

  • होलिका दहन के पश्चात्‌ प्रतिपदा को अर्थात् धुलेंडी को भगवान का पूजन कर माता-पिता से भी आशीर्वाद लेना चाहिए।
  • रंग, अबीर, गुलाल लेकर सभी दोस्तों को एक जगह मिलना चाहिए।
  • ढोलक अथवा मृदंग की व्यवस्था करना चाहिए। फिर टोली बनाकर गाते-बजाते चल समारोह निकाला जाना चाहिए।
  • इस दौरान मित्रों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों को रंग-गुलाल लगाकर उन्हें भी समारोह में शामिल करना चाहिए।
  • चल समारोह के दौरान चुटकुलों, हास्य गीतों, पैरोडियों, अजीब स्वाँग धारण कर ठिठोली करते हुए आनंद और उल्लास का वातावरण बनाया जाता है।
  • शाम को पुनः स्नान कर भगवान के दर्शन कर माता-पिता का आशीर्वाद लेना चाहिए।
  • द्वितीया, तृतीया और चतुर्थी एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएँ देने तथा मिठाई खाने-खिलाने के दिन होते हैं।
  • पंचमी अर्थात् रंग-पंचमी को फिर वही किया जाता है जैसा कि प्रतिपदा अर्थात् धुलेंडी को किया था। कुछ क्षेत्रों में रंग पंचमी का त्योहार ज्यादा जोर-शोर से मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग मिलकर समूह 'गेर' बनाते हैं और फिर हुड़दंग मचाते हुए चल समारोह के रुप में गेर निकालते हैं।
  • इन दिनों में दोस्तों या बराबरी वालों को हास्य से भरपूर टाइटल देकर मन गुदगुदाया जा सकता है।
  • इन पाँच दिनों में दुश्मन के घर जाकर, उससे गले मिलकर, गिले-शिकवे दूर कर उनके साथ भी होली खेली जाती है और उनके लिए भी मंगल कामनाएँ की जाती हैं।[1]


इन्हें भी देखें: मथुरा होली चित्र वीथिका, बरसाना होली चित्र वीथिका एवं बलदेव होली चित्र वीथिका


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. धुलेंडी से रंगपंचमी तक (हिंदी) (एच.टी.एम.एल) वेबदुनिया हिंदी। अभिगमन तिथि: 14 मार्च, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख