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'''मेघालय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Meghalaya'') [[भारत]] के उत्तर पूर्व में एक राज्य है। मेघालय का निर्माण [[असम]] के अंतर्गत [[2 अप्रैल]], 1970 को एक स्‍वतंत्र राज्‍य के रूप में किया गया। इसे '''पूर्व का स्कॉटलैण्ड''' भी कहा जाता है। पूर्ण राज्‍य मेघालय [[21 जनवरी]], 1972 को बना। इसकी उत्तरी और पूर्वी सीमाएं असम से और दक्षिणी तथा पश्चिमी सीमाएं [[बांग्लादेश]] से मिलती हैं। मेघालय का शाब्दिक अर्थ है मेघों का आलय अर्थात बादलों का घर। मेघालय मूलत: एक पहाड़ी राज्‍य है। यहाँ [[खासी जाति|खासी]], [[जैंतिया जाति|जैंतिया]] और गारों आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यत: रहते हैं। मेघालय के मध्‍य और पूर्वी भाग में [[खासी पहाड़ी|खासी]] और [[जैंतिया पहाड़ियाँ]] और एक विशाल पठारी क्षेत्र है। यहाँ विस्‍तृत मैदान, पहाडियां और नदी, घाटियां हैं। पहाड की तलहटी पर समतल भूमि की संकरी पट्टी बांग्लादेश की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा के साथ लगी है।  
==इतिहास और भूगोल==
[[चित्र:View-Of-Meghalaya.jpg|thumb|250px|left|मेघालय का एक दृश्य]]
मेघालय भारत के उत्तर पूर्व में एक राज्य है। मेघालय का निर्माण असम के अंतर्गत 2 अप्रैल, 1970 को एक स्‍वतंत्र राज्‍य के रूप में किया गया। पूर्ण राज्‍य मेघालय 21 जनवरी, 1972 को बना। इसकी उत्तरी और पूर्वी सीमाएं असम से और दक्षिणी तथा पश्चिमी सीमाएं [[बांग्लादेश]] से मिलती हैं। मेघालय का शाब्दिक अर्थ है मेघों का आलय अर्थात बादलों का घर। मेघालय मूलत: एक पहाड़ी राज्‍य है। यहां खासी, जयंतिया और गारों आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यत: रहते हैं। मेघालय के मध्‍य और पूर्वी भाग में खासी और जयंतिया पहाडियां और एक विशाल पठारी क्षेत्र है। यहाँ विस्‍तृत मैदान, पहाडियां और नदी, घाटियां हैं। पहाड की तलहटी पर समतल भूमि की संकरी पट्टी बांग्लादेश की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा के साथ लगी है।
मेघालय का क्षेत्रफल लगभग 22,429 वर्ग किलोमीटर है। सन् 2000 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 2,175,000 है।  इसके उत्तर में असम है जिसकी सीमा [[ब्रह्मपुत्र नदी]] से विभाजित होती है, और दक्षिण में बांग्लादेश है। मेघालय की राजधानी [[शिलांग]] है। यह एक बहुत ही ख़ूबसूरत नगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग 260,000 है। मेघालय पहले असम राज्य का अंग था जिसको विभाजित करके  21 जनवरी 1972 को एक नया प्रान्त बनाया गया।
 
मेघालय का क्षेत्रफल लगभग 22,429 वर्ग किलोमीटर है। सन 2000 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 2,175,000 है।  इसके उत्तर में असम है जिसकी सीमा [[ब्रह्मपुत्र नदी]] से विभाजित होती है, और दक्षिण में बांग्लादेश है। मेघालय की राजधानी शिलांग है। यह एक बहुत ही ख़ूबसूरत नगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग 260,000 है। मेघालय पहले असम राज्य का अंग था जिसको विभाजित करके  21 जनवरी 1972 को एक नया प्रान्त बनाया गया।


==जलवायु==
==जलवायु==
मेघालय की जलवायु ना तो अधिक उष्ण या ना अधिक शीत है। यहाँ का जलवायु मध्यम और आर्द्र है । यहाँ वार्षिक वर्षा लगभग 1200 से.मी. तक होती है। यह राज्य को देश का सबसे 'गीला' राज्य कहा जाता है । शिलांग के दक्षिण में चेरापूंजी है, जहाँ एक कैलेंडर महीने में सर्वाधिक बरसात का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है । इसी नगर के समीप 'मावसिनराम' नामक गाँव के नाम सर्वाधिक सालाना बारिश का रिकॉर्ड है । क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई हिस्सा वनों से ढ़का हुआ है । यहाँ की गारो, खासी और जयंतिया पहाड़ियां ज़्यादा ऊँची नहीं हैं । शिलांग शिखर की ऊँचाई 1966 मीटर है, यह यहाँ का सबसे ऊँचा शिखर है । यहाँ की गुफाओं में चूने के जल से बनी  विभिन्न आकृतियां हैं, जिनमें स्टेलैक्टाईट और स्टेलैग्माईट जैसी आकृतियां प्रसिद्ध हैं ।
मेघालय की [[जलवायु]] ना तो अधिक उष्ण या ना अधिक शीत है। यहाँ का जलवायु मध्यम और आर्द्र है। यहाँ वार्षिक वर्षा लगभग 1200 से.मी. तक होती है। यह राज्य को देश का सबसे 'गीला' राज्य कहा जाता है । शिलांग के दक्षिण में चेरापूंजी है, जहाँ एक कैलेंडर महीने में सर्वाधिक बरसात का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है । इसी नगर के समीप 'मावसिनराम' नामक गाँव के नाम सर्वाधिक सालाना बारिश का रिकॉर्ड है । क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई हिस्सा वनों से ढ़का हुआ है । यहाँ की [[गारो पहाड़ी|गारो]], खासी और जयंतिया पहाड़ियां ज़्यादा ऊँची नहीं हैं । शिलांग शिखर की ऊँचाई 1966 मीटर है, यह यहाँ का सबसे ऊँचा शिखर है । यहाँ की गुफाओं में चूने के जल से बनी  विभिन्न आकृतियां हैं, जिनमें स्टेलैक्टाईट और स्टेलैग्माईट जैसी आकृतियां प्रसिद्ध हैं ।
==जनसंख्या==
==जनसंख्या==
यहाँ पर कुल जनसंख्या का लगभग 85 प्रतिशत जनजातीय आबादी है। लगभग 50% खासी हैं, इनके बाद गारो जाति है जिनकी जनसंख्या एक तिहाई है । इसके अलावा जयंतिया तथा हजोंग जाति के लोग भी हैं । लगभग 15 प्रतिशत आबादी में बंगाली तथा शेख़ हैं । मेघालय देश के उन तीन राज्यों में से एक है जहां पर ईसाई बहुमत है। अन्य दो राज्य - नागालैंड और मिज़ोरम भी भारत के उत्तर पूर्व में ही स्थित हैं । खासी जाति के लोग कैथोलिक हैं, गारो जाति के लोग बाप्टिस्ट हैं।
यहाँ पर कुल जनसंख्या का लगभग 85 प्रतिशत जनजातीय आबादी है। लगभग 50% खासी हैं, इनके बाद गारो जाति है जिनकी जनसंख्या एक तिहाई है । इसके अलावा जयंतिया तथा हजोंग जाति के लोग भी हैं । लगभग 15 प्रतिशत आबादी में बंगाली तथा शेख़ हैं । मेघालय देश के उन तीन राज्यों में से एक है जहां पर [[ईसाई]] बहुमत है। अन्य दो राज्य - [[नागालैंड]] और [[मिज़ोरम]] भी [[भारत]] के उत्तर पूर्व में ही स्थित हैं । खासी जाति के लोग कैथोलिक हैं, गारो जाति के लोग बाप्टिस्ट हैं।
[[चित्र:Cherrapunjee-Village-Meghalaya.jpg|thumb|left|चैरापुन्जी गांव, मेघालय]]
==कृषि और सिंचाई==
==कृषि और सिंचाई==
मेघालय प्रधानत: कृ‍षि प्रधान राज्‍य है। यहां की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्‍या मुख्‍य रूप से खेती पर ही निर्भर है। यहां की मिट्टी और जलवायु बाग़वानी के अनुकूल है। शीतोष्‍ण, उष्णोष्‍ण और उष्‍ण कटिबंधिय फलों और सब्जियों के उत्‍पादन की भी यहां पर अपार संभावनाएं हैं।
मेघालय प्रधानत: [[कृषि]] प्रधान राज्‍य है। यहाँ की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्‍या मुख्‍य रूप से खेती पर ही निर्भर है। यहाँ की [[मिट्टी]] और जलवायु बाग़वानी के अनुकूल है। शीतोष्‍ण, उष्णोष्‍ण और उष्‍ण कटिबंधिय फलों और सब्जियों के उत्‍पादन की भी यहाँ पर अपार संभावनाएं हैं।


यहां की मुख्‍य फ़सलें चावल और मक्‍का हैं। इनके अतिरिक्‍त संतरे (खासी मेंडेरियन), अनान्‍नास, केला, कटहल और आलूबुखारा, नाशपाती तथा आड़ू जैसे शीतोष्‍ण फलों के लिए प्रसिद्ध है। नकदी फ़सलों में आलू, हल्‍दी, अदरक, काली मिर्च, सुपारी, पान टैपियोका, छोटे रेशे वाली कपास, पटसन और मेस्‍टा, सरसों और तोरिया हैं। इस समय तिलहनों (मूंगफली, सोयाबीन और सूरजमुखी), काजू, स्‍ट्रॉबरी, चाय और कॉफी, मशरूम, जड़ी-बूटियों, ऑर्किड आदि फूलों की खेती पर मुख्य रूप से ध्‍यान केंद्रित किया जा रहा है।
यहाँ की मुख्‍य फ़सलें [[चावल]] और [[मक्का]] हैं। इनके अतिरिक्‍त [[संतरा|संतरे]] (खासी मेंडेरियन), [[अनन्नास]], [[केला]], कटहल और आलू बुखारा, नाशपाती तथा आड़ू जैसे शीतोष्‍ण [[फल|फलों]] के लिए प्रसिद्ध है। नकदी फ़सलों में [[आलू]], [[हल्दी]], [[अदरक]], [[काली मिर्च]], सुपारी, पान टैपियोका, छोटे रेशे वाली [[कपास]], पटसन और मेस्‍टा, सरसों और तोरिया हैं। इस समय तिलहनों ([[मूँगफली]], सोयाबीन और सूरजमुखी), काजू, स्‍ट्रॉबरी, [[चाय]] और कॉफी, मशरूम, जड़ी-बूटियों, ऑर्किड आदि [[फूल|फूलों]] की खेती पर मुख्य रूप से ध्‍यान केंद्रित किया जा रहा है।
{{राज्य मानचित्र|float=right}}
==उद्योग==
==उद्योग==
{{tocright}}
राज्‍य की वित्तीय एवं औद्योगिक विकास संस्‍था का नाम 'मेघालय औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड' है, जो उद्योग के लिए स्थानीय उद्यमियों को वित्तीय सहायता देती है। ज़िला औद्योगिक केंद्र  ग्रामीण और कुटीर उद्योगों के विकास के लिए कार्य कर रहा है। लोहे, इस्‍पात सामग्री, सीमेंट तथा अन्‍य वस्‍तुओं के उत्‍पादन के लिए भी अनेक उद्योगों की स्‍थापना की गई है।
राज्‍य की वित्तीय एवं औद्योगिक विकास संस्‍था का नाम 'मेघालय औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड' है, जो उद्योग के लिए स्थानीय उद्यमियों को वित्तीय सहायता देती है। ज़िला औद्योगिक केंद्र  ग्रामीण और कुटीर उद्योगों के विकास के लिए कार्य कर रहा है। लोहे, इस्‍पात सामग्री, सीमेंट तथा अन्‍य वस्‍तुओं के उत्‍पादन के लिए भी अनेक उद्योगों की स्‍थापना की गई है।
==शिक्षा==
*मेघालय [[भारत]] के सबसे कम विकसित राज्यों में से एक है।
*लगभग आधे से अधिक लोग (63.3 प्रतिशत) साक्षर हैं।
*राज्य में 5,517 शिक्षण संस्थाएं हैं।
*शिलांग स्थित नॉर्थ- इस्टर्न हिल युनिवर्सिटी राज्य का एकमात्र विश्वविद्यालय है।
*भारत के [[1947]] में हुए विभाजन ने यहाँ की आदिवासी आबादी को विस्थापित कर दिया।
*कुछ जनजातियों ने ख़ुद को जिस तरह नई अंतर्राष्ट्रीय सीमा द्वारा विभाजित पाया, उसके परिणामस्वरूप पूर्वी [[पाकिस्तान]] (वर्तमान [[बांग्लादेश]]) से वे भारत में अप्रवासित होती रहीं।


==त्‍योहार==
==सांस्कृतिक जीवन==
‘का पांबलांग-नोंगक्रेम’ खासियों का एक प्रमुख धार्मिक त्‍योहार है। जो पांच दिन तक मनाया जाता है। इसे 'नोंगक्रेम' के नाम से भी जाना जाता है। यह शिलांग से लगभग 11 कि.मी. की दूरी पर स्थित 'स्मित' नामक गांव में मनाया जाता है। 'शाद सुक मिनसीम' खासियों का महत्‍वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हर साल अप्रैल के दूसरे हफ़्ते में शिलांग में मनाया जाता है। 'बेहदीनखलम जयंतिया' आदिवासियों का महत्‍वपूर्ण त्‍योहार है। यह जुलाई माह में जयंतिया पहाडियों के जोवई कस्‍बे में मनाया जाता है। गारो आदिवासी सलजोंग (सूर्य देवता) नामक देवता के सम्‍मान में अक्टूबर-नवंबर में 'वांगला' नामक त्‍योहार मनाते हैं। यह त्‍योहार लगभग एक हफ्ते तक मनाया जाता है।
यह क्षेत्र जनजातीय संस्कृति और लोक परम्परा से समृद्ध है। भैंस के सींगों, [[बाँसुरी]] और [[मृदंग|मृदंगों]] से निकली स्वर लहरियों के साथ नृत्य और मदिरापान यहाँ के सामाजिक समारोहों व धार्मिक अनुष्ठानों का अभिन्न अंग है। [[विवाह]] सम्बन्ध अपने कुल-गोत्र के बाहर होते हैं। 19वीं [[सदी]] के मध्य में ईसाईयत के आगमन और उसके साथ जुड़ी सख़्त नैतिकता ने अनेक जनजातीय और सामुदायिक संस्थाओं को क्षति पहुँचाई है। गारो जाति के लोगों में एक विचित्र प्रथा यह है कि शादी के बाद सबसे छोटा दामाद अपने सास-ससुर के घर आकर रहने लगता है और उसकी सास के मायके में उसके ससुर का प्रतिनिधि नोकरोम बन जाता है। यदि ससुर की मौत हो जाती है तो, नोकरोम की उसकी विधवा सास की शादी कर दी जाती है (और इस विवाह को दाम्पत्य की सम्पूर्णता भी प्रदान की जाती है) और इस तरह वह माँ और बेटी, दोनों का पति बन जाता है। यह रिवाज अब ख़त्म होता जा रहा है। ख़ासियों में पहले नरबलि की प्रथा भी थी।
[[चित्र:Church-Grounds.jpg|thumb|250px
|left|गिरजाघर का मैदान, शिलांग]]
मेघालय राज्य में अनेक गुफ़ाएँ, पर्वत शिखर, बाग़, [[झील]]-रिज़ॉर्ट स्थल, ख़ूबसूरत दृश्यावलियाँ, गर्म पानी के सोते और जलप्रपात हैं। प्रमुख पर्यटक स्थल हैं- [[शिलांग]], [[उमियाम झील]], चेरापूँजी, मॉसिनराम, जाक्रीयम, माईरांग, [[जोवाई]], नार्तियांग, थदलाशीन, तुरा, सीजू और बलपाक्रम राष्ट्रीय उद्यान। 1993 में लगभग 1,57,000 पर्यटक राज्य में आए।
;त्‍योहार
मेघालय का 'पांबलांग-नोंगक्रेम’ खासियों का एक प्रमुख धार्मिक त्‍योहार है। जो पांच दिन तक मनाया जाता है। इसे 'नोंगक्रेम' के नाम से भी जाना जाता है। यह शिलांग से लगभग 11 किमी की दूरी पर स्थित 'स्मित' नामक गांव में मनाया जाता है। 'शाद सुक मिनसीम' खासियों का महत्‍वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हर साल [[अप्रैल]] के दूसरे हफ़्ते में शिलांग में मनाया जाता है। 'बेहदीनखलम जयंतिया' आदिवासियों का महत्‍वपूर्ण त्‍योहार है। यह [[जुलाई]] [[माह]] में जयंतिया पहाडियों के जोवई कस्‍बे में मनाया जाता है। गारो आदिवासी सलजोंग ([[सूर्य देवता]]) नामक देवता के सम्‍मान में [[अक्टूबर]]-[[नवंबर]] में 'वांगला' नामक त्‍योहार मनाते हैं। यह त्‍योहार लगभग एक हफ्ते तक मनाया जाता है।


==परिवहन==
==परिवहन==
[[चित्र:Meghalya-Map.jpg|मेघालय का मानचित्र<br /> Meghalya Map|thumb|300px|left]]
[[चित्र:Wards-Lake-Shillong.jpg|thumb|[[वार्डस झील]], [[शिलांग]]]]
'''सड़कें''' मेघालय से हो कर छ: राष्‍ट्रीय राजमार्ग हैं। राज्‍य में लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई पक्‍की और कच्‍ची सड़कों की कुल लंबाई 7,977.98 किलोमीटर है।<br />
;सड़क मार्ग
 
*मेघालय राज्य में सड़कों की लंबाई केवल 6,022 किलोमीटर है।
'''उड्डयन''' राज्‍य में एक मात्र हवाई अड्डा 'उमरोई' में हैं, जो शिलांग से 35 किलोमीटर की दूरी पर है।<br />
*राज्‍य में लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई पक्‍की और कच्‍ची सड़कों की कुल लंबाई 7,977.98 किलोमीटर है।
*उत्तर में [[गुवाहाटी]] ([[असम]]) से दक्षिण में करीमगंज (असम) तक जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग इस राज्य से गुज़रता है।
*मेघालय से होकर छ: राष्‍ट्रीय राजमार्ग गुज़रते हैं।
;रेल मार्ग
मेघालय में कोई रेलमार्ग नहीं है।
;हवाई मार्ग
*[[शिलांग]] के लिए विमान की वायुदूत सेवा<ref>घरेलु हवाई सेवा, जो कम सवारियों और छोटी दूरी के उपयुक्त है</ref> उपलब्ध है। 
*राज्‍य में एक मात्र हवाई अड्डा 'उमरोई' में हैं, जो शिलांग से 35 किलोमीटर की दूरी पर है।


==पर्यटन स्‍थल==
==पर्यटन स्‍थल==
मेघालय में बहुत से ऐसे पर्यटन स्‍थल हैं, जहां पर प्रकृति अपने भव्‍य रूप में उपस्थित है। राजधानी शिलांग में भी अनेकसुन्दर स्‍थल हैं। जिनमें वार्ड लेक, लेडी हैदरी पार्क, पोलो ग्राउंड, मिनी चिडियाघर, एलीफेंट जलप्रपात, और शिलांग की पर्वत चोटी प्रमुख हैं। शिलांग की पर्वत चोटी से पूरे नगर का दृश्य दिखाई देता है। यहां का गोल्‍फ कोर्स देश के अच्छे गोल्‍फ कोर्स मैदानों में से एक है।
मेघालय में बहुत से ऐसे पर्यटन स्‍थल हैं, जहां पर प्रकृति अपने भव्‍य रूप में उपस्थित है। राजधानी शिलांग में भी अनेकसुन्दर स्‍थल हैं। जिनमें [[वार्डस झील|वार्डस लेक]], [[उमियाम झील]], [[लेडी हैदरी उद्यान]], पोलो ग्राउंड, मिनी चिडियाघर, [[हाथी झरना]], और [[शिलांग चोटी|शिलांग की पर्वत चोटी]] प्रमुख हैं। शिलांग की पर्वत चोटी से पूरे नगर का [[दृश्य]] दिखाई देता है। यहाँ का गोल्‍फ कोर्स देश के अच्छे गोल्‍फ कोर्स मैदानों में से एक है।
 
[[चित्र:Big-Lake-Meghalaya.jpg|thumb|250px|left|बड़ी झील, मेघालय]]
राज्य सरकार पर्यटन को पर्याप्त बढ़ावा देती है किन्तु अलगाववादी संगठन 'उल्फा' और 'बोडो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा', गारो पहाड़ियों को अपनी गतिविधियों का केन्द्र बनाते रहे हैं । घने जंगल और बांग्लादेश की सीमा समीप होने के कारण ये लोग इसे गुप्तवास की भाँति प्रयोग करते हैं।
राज्य सरकार पर्यटन को पर्याप्त बढ़ावा देती है किन्तु अलगाववादी संगठन 'उल्फा' और 'बोडो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा', गारो पहाड़ियों को अपनी गतिविधियों का केन्द्र बनाते रहे हैं । घने जंगल और बांग्लादेश की सीमा समीप होने के कारण ये लोग इसे गुप्तवास की भाँति प्रयोग करते हैं।
;शिलांग
{{main|शिलांग}}
शिलांग समुद्र तल से 1496 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह असम को काट कर बनाया गया है। शिलांग का मनोरम प्राकृतिक परिवेश पूरे वर्ष अवकाश बिताने के लिए उत्तम है। गाड़ी से जाने योग्‍य पर्वतीय स्‍थानों में से एक माना जाने वाला शिलांग ऐसा पर्यटन स्‍थल जहाँ इतना अधिक पैदल नहीं चलना होता। शिलांग की उपयुक्‍त सुविधाएं, मनोरम दृश्‍य, खुशहाल लोग, बादल और लंबे पाइन के पेड़, पर्वत, घाटियाँ, दलदल और एक शानदार गोल्‍फ कोर्स शिलांग को एक अच्‍छा गंतव्‍य बनाते हैं। खांसी, [[जैंतिया जाति|जैंतिया]] और गारो पहाडियों के लोग एक [[रंग]] बिरंगी जीवन शैली जीते हैं और साथ ही वे अपनी परंपराएं भी निभाते हैं। शिलांग मेघालय में अन्‍य स्‍थानों पर जाने के लिए एक आधार के तौर पर कार्य कर सकता है।
====वन्‍य जीवन अभयारण्‍य====
;नोकरेक नेशनल पार्क
[[चित्र:Elephant-Falls-Shillong.jpg|thumb|250px|[[हाथी झरना]], [[शिलांग]]]]
पश्चिमी गारो पहाड़ी ज़िले में स्थित नोकरेक नेशनल पार्क और बायोस्‍फीयर रिजर्व तूरा से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है। नोक रेक गारों पहाडियों को सबसे ऊंचा‍ बिन्‍दु है और यहाँ [[हाथी]] तथा हू लॉक गिब्‍बन सहित अनेक प्रकार की वन्‍य प्रजातियाँ पाई जाती हैं। नोक रेक नेशनल पार्क की स्‍थापना नोकरेक में तथा इसके आस पास वाले स्‍थानों में जंगली हाथियों के समूह, पक्षियों की दुर्लभ किस्‍में तथा दुर्लभ ऑर्किड के संरक्षण के लिए की गई थी। इस पार्क में सिट्रस इंडिका की अत्‍यंत दुर्लभ प्रजाति पाई जाती है जिसका नाम है मेमांग नारंग (भावनाओं का [[संतरा]])। नोकरेक को जंगली मनुष्‍य का घर माना जाता है और नोकरेक के गांव के आस पास इन्‍हें देखे जाने के मामले बताए गए हैं।
;बालपकराम नेशनल पार्क
यह राष्‍ट्रीय वन्‍य जीवन पार्क तूरा से लगभग 167 किलोमीटर की दूरी पर है। यह दुनिया के सबसे अधिक दुर्लभ लाल पांडा का घर माना जाता है। इसका सामान्‍य रूप से नाम लेसर पांडा है। बालपकाराम का अर्थ है लगातार चलती हवाओं का घर जो [[बाघ]], हाथी, बायसन, काले भालू, चीते, सांभर, हिरण सहित अनेक प्रकार के वन्‍य जंतुओं के साथ लगभग 220 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह मेघालय के पश्चिमी गारों पहाड़ी ज़िले में स्थित बाघ मारा से जुड़ा हुआ है। इस पार्क के पश्चिमी हिस्‍से के साथ सिमसेंग नदी के किनारे सिजू पक्षी वन अभयारण्‍य है।<ref>{{cite web |url=http://www.bharat.gov.in/citizen/tourism_meghalaya.php |title=मेघालय |accessmonthday=[[21 मार्च]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=अधिकारिक वेबसाइट |language=हिन्दी }}</ref>


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==विथिका==
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चित्र:Ward-Lake.jpg|[[वार्डस झील]], [[शिलांग]]
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चित्र:Ward-Lake-1.jpg|[[वार्डस झील]], [[शिलांग]]
चित्र:Umiam Lake-2.jpg|[[उमियाम झील]], [[शिलांग]]
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चित्र:Umiam Lake-4.jpg|[[उमियाम झील]], [[शिलांग]]
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==अन्य लिंक==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
{|
<references/>
|
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://michiganhindi.blogspot.com/2007/10/blog-post_9482.html मेघालय]
==संबंधित लेख==
{{मेघालय के पर्यटन स्थल}}
{{मेघालय प्रदेश के ज़िले}}
{{मेघालय प्रदेश के ज़िले}}
|-
{{राज्य और के. शा. प्र.}}
|{{राज्य और के. शा. प्र.}}
{{राज्य और के. शा. प्र.2}}
|}
[[Category:भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश]][[Category:राज्य संरचना]]
 
[[Category:मेघालय]][[Category:अद्यतन]]
 
[[Category:चुनाव अद्यतन]]
[[Category:भारत_के_राज्य_और_केन्द्र_शासित_प्रदेश]]
[[Category:मेघालय]]
__INDEX__
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__NOTOC__

08:14, 29 अगस्त 2021 के समय का अवतरण

मेघालय
राजधानी शिलांग
राजभाषा(एँ) खासी, गरो, अंग्रेज़ी
स्थापना 21 जनवरी, 1972
जनसंख्या 23,18,822 [1]
· घनत्व 132[1] /वर्ग किमी
क्षेत्रफल 22,429 वर्ग किमी
तापमान 18 °C (औसत)
· ग्रीष्म 23°C
· शरद 3 °C
ज़िले 11[1]
लिंग अनुपात 1000:975[1] ♂/♀
साक्षरता 75.48[1]%
राज्यपाल सत्यपाल मलिक[1]
मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा[1]
विधानसभा सदस्य 60
लोकसभा क्षेत्र 2
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मेघालय (अंग्रेज़ी: Meghalaya) भारत के उत्तर पूर्व में एक राज्य है। मेघालय का निर्माण असम के अंतर्गत 2 अप्रैल, 1970 को एक स्‍वतंत्र राज्‍य के रूप में किया गया। इसे पूर्व का स्कॉटलैण्ड भी कहा जाता है। पूर्ण राज्‍य मेघालय 21 जनवरी, 1972 को बना। इसकी उत्तरी और पूर्वी सीमाएं असम से और दक्षिणी तथा पश्चिमी सीमाएं बांग्लादेश से मिलती हैं। मेघालय का शाब्दिक अर्थ है मेघों का आलय अर्थात बादलों का घर। मेघालय मूलत: एक पहाड़ी राज्‍य है। यहाँ खासी, जैंतिया और गारों आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यत: रहते हैं। मेघालय के मध्‍य और पूर्वी भाग में खासी और जैंतिया पहाड़ियाँ और एक विशाल पठारी क्षेत्र है। यहाँ विस्‍तृत मैदान, पहाडियां और नदी, घाटियां हैं। पहाड की तलहटी पर समतल भूमि की संकरी पट्टी बांग्लादेश की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा के साथ लगी है।

मेघालय का एक दृश्य

मेघालय का क्षेत्रफल लगभग 22,429 वर्ग किलोमीटर है। सन् 2000 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 2,175,000 है। इसके उत्तर में असम है जिसकी सीमा ब्रह्मपुत्र नदी से विभाजित होती है, और दक्षिण में बांग्लादेश है। मेघालय की राजधानी शिलांग है। यह एक बहुत ही ख़ूबसूरत नगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग 260,000 है। मेघालय पहले असम राज्य का अंग था जिसको विभाजित करके 21 जनवरी 1972 को एक नया प्रान्त बनाया गया।

जलवायु

मेघालय की जलवायु ना तो अधिक उष्ण या ना अधिक शीत है। यहाँ का जलवायु मध्यम और आर्द्र है। यहाँ वार्षिक वर्षा लगभग 1200 से.मी. तक होती है। यह राज्य को देश का सबसे 'गीला' राज्य कहा जाता है । शिलांग के दक्षिण में चेरापूंजी है, जहाँ एक कैलेंडर महीने में सर्वाधिक बरसात का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है । इसी नगर के समीप 'मावसिनराम' नामक गाँव के नाम सर्वाधिक सालाना बारिश का रिकॉर्ड है । क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई हिस्सा वनों से ढ़का हुआ है । यहाँ की गारो, खासी और जयंतिया पहाड़ियां ज़्यादा ऊँची नहीं हैं । शिलांग शिखर की ऊँचाई 1966 मीटर है, यह यहाँ का सबसे ऊँचा शिखर है । यहाँ की गुफाओं में चूने के जल से बनी विभिन्न आकृतियां हैं, जिनमें स्टेलैक्टाईट और स्टेलैग्माईट जैसी आकृतियां प्रसिद्ध हैं ।

जनसंख्या

यहाँ पर कुल जनसंख्या का लगभग 85 प्रतिशत जनजातीय आबादी है। लगभग 50% खासी हैं, इनके बाद गारो जाति है जिनकी जनसंख्या एक तिहाई है । इसके अलावा जयंतिया तथा हजोंग जाति के लोग भी हैं । लगभग 15 प्रतिशत आबादी में बंगाली तथा शेख़ हैं । मेघालय देश के उन तीन राज्यों में से एक है जहां पर ईसाई बहुमत है। अन्य दो राज्य - नागालैंड और मिज़ोरम भी भारत के उत्तर पूर्व में ही स्थित हैं । खासी जाति के लोग कैथोलिक हैं, गारो जाति के लोग बाप्टिस्ट हैं।

चैरापुन्जी गांव, मेघालय

कृषि और सिंचाई

मेघालय प्रधानत: कृषि प्रधान राज्‍य है। यहाँ की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्‍या मुख्‍य रूप से खेती पर ही निर्भर है। यहाँ की मिट्टी और जलवायु बाग़वानी के अनुकूल है। शीतोष्‍ण, उष्णोष्‍ण और उष्‍ण कटिबंधिय फलों और सब्जियों के उत्‍पादन की भी यहाँ पर अपार संभावनाएं हैं।

यहाँ की मुख्‍य फ़सलें चावल और मक्का हैं। इनके अतिरिक्‍त संतरे (खासी मेंडेरियन), अनन्नास, केला, कटहल और आलू बुखारा, नाशपाती तथा आड़ू जैसे शीतोष्‍ण फलों के लिए प्रसिद्ध है। नकदी फ़सलों में आलू, हल्दी, अदरक, काली मिर्च, सुपारी, पान टैपियोका, छोटे रेशे वाली कपास, पटसन और मेस्‍टा, सरसों और तोरिया हैं। इस समय तिलहनों (मूँगफली, सोयाबीन और सूरजमुखी), काजू, स्‍ट्रॉबरी, चाय और कॉफी, मशरूम, जड़ी-बूटियों, ऑर्किड आदि फूलों की खेती पर मुख्य रूप से ध्‍यान केंद्रित किया जा रहा है।

उद्योग

राज्‍य की वित्तीय एवं औद्योगिक विकास संस्‍था का नाम 'मेघालय औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड' है, जो उद्योग के लिए स्थानीय उद्यमियों को वित्तीय सहायता देती है। ज़िला औद्योगिक केंद्र ग्रामीण और कुटीर उद्योगों के विकास के लिए कार्य कर रहा है। लोहे, इस्‍पात सामग्री, सीमेंट तथा अन्‍य वस्‍तुओं के उत्‍पादन के लिए भी अनेक उद्योगों की स्‍थापना की गई है।

शिक्षा

  • मेघालय भारत के सबसे कम विकसित राज्यों में से एक है।
  • लगभग आधे से अधिक लोग (63.3 प्रतिशत) साक्षर हैं।
  • राज्य में 5,517 शिक्षण संस्थाएं हैं।
  • शिलांग स्थित नॉर्थ- इस्टर्न हिल युनिवर्सिटी राज्य का एकमात्र विश्वविद्यालय है।
  • भारत के 1947 में हुए विभाजन ने यहाँ की आदिवासी आबादी को विस्थापित कर दिया।
  • कुछ जनजातियों ने ख़ुद को जिस तरह नई अंतर्राष्ट्रीय सीमा द्वारा विभाजित पाया, उसके परिणामस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) से वे भारत में अप्रवासित होती रहीं।

सांस्कृतिक जीवन

यह क्षेत्र जनजातीय संस्कृति और लोक परम्परा से समृद्ध है। भैंस के सींगों, बाँसुरी और मृदंगों से निकली स्वर लहरियों के साथ नृत्य और मदिरापान यहाँ के सामाजिक समारोहों व धार्मिक अनुष्ठानों का अभिन्न अंग है। विवाह सम्बन्ध अपने कुल-गोत्र के बाहर होते हैं। 19वीं सदी के मध्य में ईसाईयत के आगमन और उसके साथ जुड़ी सख़्त नैतिकता ने अनेक जनजातीय और सामुदायिक संस्थाओं को क्षति पहुँचाई है। गारो जाति के लोगों में एक विचित्र प्रथा यह है कि शादी के बाद सबसे छोटा दामाद अपने सास-ससुर के घर आकर रहने लगता है और उसकी सास के मायके में उसके ससुर का प्रतिनिधि नोकरोम बन जाता है। यदि ससुर की मौत हो जाती है तो, नोकरोम की उसकी विधवा सास की शादी कर दी जाती है (और इस विवाह को दाम्पत्य की सम्पूर्णता भी प्रदान की जाती है) और इस तरह वह माँ और बेटी, दोनों का पति बन जाता है। यह रिवाज अब ख़त्म होता जा रहा है। ख़ासियों में पहले नरबलि की प्रथा भी थी।

गिरजाघर का मैदान, शिलांग

मेघालय राज्य में अनेक गुफ़ाएँ, पर्वत शिखर, बाग़, झील-रिज़ॉर्ट स्थल, ख़ूबसूरत दृश्यावलियाँ, गर्म पानी के सोते और जलप्रपात हैं। प्रमुख पर्यटक स्थल हैं- शिलांग, उमियाम झील, चेरापूँजी, मॉसिनराम, जाक्रीयम, माईरांग, जोवाई, नार्तियांग, थदलाशीन, तुरा, सीजू और बलपाक्रम राष्ट्रीय उद्यान। 1993 में लगभग 1,57,000 पर्यटक राज्य में आए।

त्‍योहार

मेघालय का 'पांबलांग-नोंगक्रेम’ खासियों का एक प्रमुख धार्मिक त्‍योहार है। जो पांच दिन तक मनाया जाता है। इसे 'नोंगक्रेम' के नाम से भी जाना जाता है। यह शिलांग से लगभग 11 किमी की दूरी पर स्थित 'स्मित' नामक गांव में मनाया जाता है। 'शाद सुक मिनसीम' खासियों का महत्‍वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हर साल अप्रैल के दूसरे हफ़्ते में शिलांग में मनाया जाता है। 'बेहदीनखलम जयंतिया' आदिवासियों का महत्‍वपूर्ण त्‍योहार है। यह जुलाई माह में जयंतिया पहाडियों के जोवई कस्‍बे में मनाया जाता है। गारो आदिवासी सलजोंग (सूर्य देवता) नामक देवता के सम्‍मान में अक्टूबर-नवंबर में 'वांगला' नामक त्‍योहार मनाते हैं। यह त्‍योहार लगभग एक हफ्ते तक मनाया जाता है।

परिवहन

वार्डस झील, शिलांग
सड़क मार्ग
  • मेघालय राज्य में सड़कों की लंबाई केवल 6,022 किलोमीटर है।
  • राज्‍य में लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई पक्‍की और कच्‍ची सड़कों की कुल लंबाई 7,977.98 किलोमीटर है।
  • उत्तर में गुवाहाटी (असम) से दक्षिण में करीमगंज (असम) तक जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग इस राज्य से गुज़रता है।
  • मेघालय से होकर छ: राष्‍ट्रीय राजमार्ग गुज़रते हैं।
रेल मार्ग

मेघालय में कोई रेलमार्ग नहीं है।

हवाई मार्ग
  • शिलांग के लिए विमान की वायुदूत सेवा[2] उपलब्ध है।
  • राज्‍य में एक मात्र हवाई अड्डा 'उमरोई' में हैं, जो शिलांग से 35 किलोमीटर की दूरी पर है।

पर्यटन स्‍थल

मेघालय में बहुत से ऐसे पर्यटन स्‍थल हैं, जहां पर प्रकृति अपने भव्‍य रूप में उपस्थित है। राजधानी शिलांग में भी अनेकसुन्दर स्‍थल हैं। जिनमें वार्डस लेक, उमियाम झील, लेडी हैदरी उद्यान, पोलो ग्राउंड, मिनी चिडियाघर, हाथी झरना, और शिलांग की पर्वत चोटी प्रमुख हैं। शिलांग की पर्वत चोटी से पूरे नगर का दृश्य दिखाई देता है। यहाँ का गोल्‍फ कोर्स देश के अच्छे गोल्‍फ कोर्स मैदानों में से एक है।

बड़ी झील, मेघालय

राज्य सरकार पर्यटन को पर्याप्त बढ़ावा देती है किन्तु अलगाववादी संगठन 'उल्फा' और 'बोडो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा', गारो पहाड़ियों को अपनी गतिविधियों का केन्द्र बनाते रहे हैं । घने जंगल और बांग्लादेश की सीमा समीप होने के कारण ये लोग इसे गुप्तवास की भाँति प्रयोग करते हैं।

शिलांग

शिलांग समुद्र तल से 1496 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह असम को काट कर बनाया गया है। शिलांग का मनोरम प्राकृतिक परिवेश पूरे वर्ष अवकाश बिताने के लिए उत्तम है। गाड़ी से जाने योग्‍य पर्वतीय स्‍थानों में से एक माना जाने वाला शिलांग ऐसा पर्यटन स्‍थल जहाँ इतना अधिक पैदल नहीं चलना होता। शिलांग की उपयुक्‍त सुविधाएं, मनोरम दृश्‍य, खुशहाल लोग, बादल और लंबे पाइन के पेड़, पर्वत, घाटियाँ, दलदल और एक शानदार गोल्‍फ कोर्स शिलांग को एक अच्‍छा गंतव्‍य बनाते हैं। खांसी, जैंतिया और गारो पहाडियों के लोग एक रंग बिरंगी जीवन शैली जीते हैं और साथ ही वे अपनी परंपराएं भी निभाते हैं। शिलांग मेघालय में अन्‍य स्‍थानों पर जाने के लिए एक आधार के तौर पर कार्य कर सकता है।

वन्‍य जीवन अभयारण्‍य

नोकरेक नेशनल पार्क
हाथी झरना, शिलांग

पश्चिमी गारो पहाड़ी ज़िले में स्थित नोकरेक नेशनल पार्क और बायोस्‍फीयर रिजर्व तूरा से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है। नोक रेक गारों पहाडियों को सबसे ऊंचा‍ बिन्‍दु है और यहाँ हाथी तथा हू लॉक गिब्‍बन सहित अनेक प्रकार की वन्‍य प्रजातियाँ पाई जाती हैं। नोक रेक नेशनल पार्क की स्‍थापना नोकरेक में तथा इसके आस पास वाले स्‍थानों में जंगली हाथियों के समूह, पक्षियों की दुर्लभ किस्‍में तथा दुर्लभ ऑर्किड के संरक्षण के लिए की गई थी। इस पार्क में सिट्रस इंडिका की अत्‍यंत दुर्लभ प्रजाति पाई जाती है जिसका नाम है मेमांग नारंग (भावनाओं का संतरा)। नोकरेक को जंगली मनुष्‍य का घर माना जाता है और नोकरेक के गांव के आस पास इन्‍हें देखे जाने के मामले बताए गए हैं।

बालपकराम नेशनल पार्क

यह राष्‍ट्रीय वन्‍य जीवन पार्क तूरा से लगभग 167 किलोमीटर की दूरी पर है। यह दुनिया के सबसे अधिक दुर्लभ लाल पांडा का घर माना जाता है। इसका सामान्‍य रूप से नाम लेसर पांडा है। बालपकाराम का अर्थ है लगातार चलती हवाओं का घर जो बाघ, हाथी, बायसन, काले भालू, चीते, सांभर, हिरण सहित अनेक प्रकार के वन्‍य जंतुओं के साथ लगभग 220 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह मेघालय के पश्चिमी गारों पहाड़ी ज़िले में स्थित बाघ मारा से जुड़ा हुआ है। इस पार्क के पश्चिमी हिस्‍से के साथ सिमसेंग नदी के किनारे सिजू पक्षी वन अभयारण्‍य है।[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 1.5 1.6 Meghalaya at a Glance (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) मेघालय की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2016।
  2. घरेलु हवाई सेवा, जो कम सवारियों और छोटी दूरी के उपयुक्त है
  3. मेघालय (हिन्दी) अधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 21 मार्च, 2011

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