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*मंदाकिनी और अलखनंदा नदियों का संगम अपने आप में एक अनोखी ख़ूबसूरती है। | *मंदाकिनी और अलखनंदा नदियों का संगम अपने आप में एक अनोखी ख़ूबसूरती है। | ||
*ऐसा माना जाता है कि यहाँ [[नारद मुनि]] ने [[शिव|भगवान शिव]] की उपासना की थी और नारद जी को आर्शीवाद देने के लिए ही भगवान शिव ने रौद्र रूप में अवतार लिया था। | *ऐसा माना जाता है कि यहाँ [[नारद मुनि]] ने [[शिव|भगवान शिव]] की उपासना की थी और नारद जी को आर्शीवाद देने के लिए ही भगवान शिव ने रौद्र रूप में अवतार लिया था। | ||
*यहाँ स्थित शिव और जगदम्बा मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थानों में से है। | *यहाँ स्थित शिव और जगदम्बा मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थानों में से है। | ||
[[चित्र:Rudraprayag.jpg|thumb|200px|[[अलकनंदा नदी|अलकनंदा]] और [[मंदाकिनी नदी|मंदाकिनी]] का संगम, रुद्रप्रयाग, [[उत्तराखंड]]|left]] | |||
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09:33, 31 अगस्त 2016 के समय का अवतरण
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड राज्य में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी पर स्थित पंचप्रयाग में से एक है।
- मंदाकिनी और अलखनंदा नदियों का संगम अपने आप में एक अनोखी ख़ूबसूरती है।
- ऐसा माना जाता है कि यहाँ नारद मुनि ने भगवान शिव की उपासना की थी और नारद जी को आर्शीवाद देने के लिए ही भगवान शिव ने रौद्र रूप में अवतार लिया था।
- यहाँ स्थित शिव और जगदम्बा मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थानों में से है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख