"हिन्दी सामान्य ज्ञान 33": अवतरणों में अंतर
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{[[हिन्दी]] | {[[हिन्दी साहित्य]] के इतिहास के सर्वप्रथम लेखक का नाम क्या है? | ||
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- जार्ज ग्रियर्सन | - [[जार्ज ग्रियर्सन]] | ||
+गार्सा द तासी | +गार्सा द तासी | ||
-शिवसिंह सेंगर | -शिवसिंह सेंगर | ||
-[[रामचन्द्र शुक्ल|आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] | -[[रामचन्द्र शुक्ल|आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] | ||
{'पद्मावत' किसकी रचना है? | {'[[पद्मावत]]' किसकी रचना है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-नाभादास | -[[नाभादास]] | ||
-[[केशवदास]] | -[[केशवदास]] | ||
+[[मलिक मुहम्मद जायसी]] | +[[मलिक मुहम्मद जायसी]] | ||
-[[तुलसीदास]] | -[[तुलसीदास]] | ||
{'बैताल पच्चीसी' के रचनाकार हैं- | {'[[बैताल पच्चीसी]]' के रचनाकार हैं- | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[लल्लू लालजी]] | -[[लल्लू लालजी]] | ||
-[[सदल मिश्र]] | -[[सदल मिश्र]] | ||
+सूरति मिश्र | +[[सूरति मिश्र]] | ||
-नाभादास | -[[नाभादास]] | ||
{'लहरें व्योम चूमती उठती। चपलाएँ असंख्य नचती।' पंक्ति [[जयशंकर प्रसाद]] के किस रचना का अंश है? | {'लहरें व्योम चूमती उठती। चपलाएँ असंख्य नचती।' पंक्ति [[जयशंकर प्रसाद]] के किस रचना का अंश है? | ||
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-लहर | -लहर | ||
-झरना | -झरना | ||
-आँसू | -[[आँसू -जयशंकर प्रसाद|आँसू]] | ||
+कामायनी | +[[कामायनी -जयशंकर प्रसाद|कामायनी]] | ||
{किस छायावादी कवि ने संवाद शैली का सर्वाधिक उपयोग किया है? | {किस छायावादी कवि ने संवाद शैली का सर्वाधिक उपयोग किया है? | ||
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-[[महादेवी वर्मा]] | -[[महादेवी वर्मा]] | ||
-[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] | -[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] | ||
|| [[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|150px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]] | || [[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|150px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]] | ||
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10:46, 8 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- भाषा प्रांगण, हिन्दी भाषा
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