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{[[भक्तिकाल]] की रामाश्रयी शाखा के निम्नलिखित में से कौन-से कवि हैं? | {[[भक्तिकाल]] की रामाश्रयी शाखा के निम्नलिखित में से कौन-से कवि हैं? | ||
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-[[मलिक मुहम्मद जायसी|जायसी]] | -[[मलिक मुहम्मद जायसी|जायसी]] | ||
+[[तुलसीदास]] | +[[तुलसीदास]] | ||
|| [[चित्र:Tulsidas.jpg|right|70px|गोस्वामी तुलसीदास]] गोस्वामी तुलसीदास | || [[चित्र:Tulsidas.jpg|right|70px|गोस्वामी तुलसीदास]] गोस्वामी तुलसीदास एक महान् कवि थे। उनका जन्म राजापुर, (वर्तमान [[बाँदा ज़िला]]) [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। तुलसी का बचपन बड़े कष्टों में बीता। माता-पिता दोनों चल बसे और इन्हें भीख मांगकर अपना पेट पालना पड़ा था। इसी बीच इनका परिचय राम-भक्त साधुओं से हुआ और इन्हें ज्ञानार्जन का अनुपम अवसर मिल गया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तुलसीदास]] | ||
{[[भक्तिकाल]] में एक ऐसा कवि हुआ, जिसने अपने भाव व्यक्त करने के लिए [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], | {[[भक्तिकाल]] में एक ऐसा कवि हुआ, जिसने अपने भाव व्यक्त करने के लिए [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], [[खड़ी बोली]] आदि के शब्दों का मुक्त उपयोग किया है? | ||
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-[[तुलसीदास]] | -[[तुलसीदास]] | ||
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-[[सूरदास]] | -[[सूरदास]] | ||
+[[कबीर]] | +[[कबीर]] | ||
||[[चित्र:Sant-Kabirdas.jpg|right|70px|कबीर]] महात्मा कबीरदास के जन्म के समय में [[भारत]] की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक दशा शोचनीय थी। एक | ||[[चित्र:Sant-Kabirdas.jpg|right|70px|कबीर]] महात्मा कबीरदास के जन्म के समय में [[भारत]] की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक दशा शोचनीय थी। एक तरफ़ मुसलमान शासकों की धर्मांन्धता से जनता परेशान थी और दूसरी तरफ़ [[हिन्दू धर्म]] के कर्मकांड, विधान और पाखंड से धर्म का ह्रास हो रहा था। जनता में भक्ति-भावनाओं का सर्वथा अभाव था। पंडितों के पाखंडपूर्ण वचन समाज में फैले थे। ऐसे संघर्ष के समय में, कबीरदास का प्रार्दुभाव हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कबीर]] | ||
{[[हिन्दी]] के प्रथम गद्यकार हैं- | {[[हिन्दी]] के प्रथम गद्यकार हैं- | ||
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-राजा शिवप्रसाद 'सितारेहिन्द' | -राजा शिवप्रसाद 'सितारेहिन्द' | ||
+[[लल्लू लालजी | +[[लल्लू लालजी]] | ||
-बालकृष्ण भट्ट | -[[बालकृष्ण भट्ट]] | ||
-[[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] | -[[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] | ||
{' | {'रागदरबारी' उपन्यास के रचयिता हैं- | ||
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-[[राही मासूम रज़ा]] | -[[राही मासूम रज़ा]] | ||
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-[[हरिशंकर परसाई]] | -[[हरिशंकर परसाई]] | ||
-[[शरद जोशी]] | -[[शरद जोशी]] | ||
|| [[चित्र:Shrilal Shukla55.jpg|right|80px|श्रीलाल शुक्ल]] श्रीलाल शुक्ल को [[लखनऊ]] जनपद के समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात साहित्यकार माने जाते थे। उन्होंने 1947 में [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] से स्नातक परीक्षा पास की। 1949 में राज्य सिविल सेवा से नौकरी शुरू की। 1983 में [[भारतीय प्रशासनिक सेवा]] से निवृत्त हुए। उनका विधिवत लेखन 1954 से शुरू होता है और इसी के साथ हिंदी गद्य का एक गौरवशाली अध्याय आकार लेने लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[श्रीलाल शुक्ल]] | || [[चित्र:Shrilal Shukla55.jpg|right|80px|श्रीलाल शुक्ल]] श्रीलाल शुक्ल को [[लखनऊ]] जनपद के समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात साहित्यकार माने जाते थे। उन्होंने [[1947]] में [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] से स्नातक परीक्षा पास की। [[1949]] में राज्य सिविल सेवा से नौकरी शुरू की। [[1983]] में [[भारतीय प्रशासनिक सेवा]] से निवृत्त हुए। उनका विधिवत लेखन [[1954]] से शुरू होता है और इसी के साथ हिंदी गद्य का एक गौरवशाली अध्याय आकार लेने लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[श्रीलाल शुक्ल]], [[रागदरबारी]] | ||
{'[[पूस की रात -प्रेमचंद|पूस की रात]]' कहानी के रचनाकार हैं- | {'[[पूस की रात -प्रेमचंद|पूस की रात]]' कहानी के रचनाकार हैं- | ||
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-[[शिवपूजन सहाय]] | -[[शिवपूजन सहाय]] | ||
-[[जयशंकर प्रसाद]] | -[[जयशंकर प्रसाद]] | ||
|| [[चित्र:Premchand.jpg|right|80px|मुंशी प्रेमचंद]] [[भारत]] के उपन्यास सम्राट '''मुंशी प्रेमचंद''' | || [[चित्र:Premchand.jpg|right|80px|मुंशी प्रेमचंद]] [[भारत]] के उपन्यास सम्राट '''मुंशी प्रेमचंद''' के युग का विस्तार सन् 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में बहुत महत्त्व का है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंज़िलों से गुज़रा।<br />प्रेमचंद का वास्तविक नाम '''धनपत राय श्रीवास्तव''' था। वे एक सफल लेखक, देशभक्त नागरिक, कुशल वक्ता, ज़िम्मेदार संपादक और संवेदनशील रचनाकार थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में जब [[हिन्दी]] में काम करने की तकनीकी सुविधाएँ नहीं थीं फिर भी इतना काम करने वाला लेखक उनके सिवा कोई दूसरा नहीं हुआ। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[मुंशी प्रेमचंद|प्रेमचंद]] | ||
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07:32, 6 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
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राज्यों के सामान्य ज्ञान
- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- भाषा प्रांगण, हिन्दी भाषा
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