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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[छत्तीसगढ़]] के प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान 'राजकुमार कॉलेज' की स्थापना कब हुई थी?
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| +सन [[1882]]
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| -सन [[1890]]
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| -सन [[1947]]
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| -सन [[1860]]
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| {'[[गुरु घासीदास विश्वविद्यालय]]' को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा कब प्रदान किया गया?
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| -[[2008]]
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| -[[2007]]
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| -[[2006]]
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| +[[2009]]
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| ||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|100px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में शिक्षा के स्तर को और ऊँचा उठाने के लिए यहाँ विश्वविद्यालयों की भी स्थापना हुई हैं। 'गुरु घासीदास विश्वविद्यालल' को राज्य का पहला विश्वविधालय बनने का गौरव प्राप्त हुआ, जिसकी स्थापना [[16 जून]], सन् [[1983]] को [[मध्य प्रदेश]] के [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में हुई थी। बाद में मध्य प्रदेश का विभाजन हो गया और यह विश्वविद्याल्य छत्तीसगढ़ में शामिल हो गया। जनवरी [[2009]] में केंद्र सरकार द्वारा [[संसद]] में पेश 'केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम-2009' के माध्यम से इसे 'केंद्रीय विश्वविद्यालय' का दर्जा दिया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
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| {[[छत्तीसगढ़]] में सर्वाधिक घनी आबादी वाला ज़िला कौन-सा है?
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| -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
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| -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]
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| -[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]]
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| +[[जंजगीर-चम्पा ज़िला|जंजगीर-चम्पा]]
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| {[[छत्तीसगढ़]] में 'रजिम' किस नदी के तट पर स्थित है?
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| |type="()"}
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| +[[महानदी]]
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| -[[हसदो नदी]]
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| -[[मनियारी नदी]]
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| -उपरोक्त में से कोई नहीं
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| ||[[चित्र:Rajiv-Lochan-Mandir.jpg|right|120px|राजीवलोचन मन्दिर, रजिम (छत्तीसगढ़)]]'रजिम' [[छत्तीसगढ़]] के [[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] में [[महानदी]] के तट पर स्थित है। यह अपने शानदार मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध है। रजिम का प्रमुख मन्दिर 'राजीवलोचन' है, जो भगवान [[विष्णु]] को समर्पित है। इसका निर्माण आठवीं शताब्दी में हुआ था। इस मन्दिर में बारह स्तम्भ हैं। इन स्तम्भों पर 'अष्टभुजा' वाली [[दुर्गा]], [[गंगा]]-[[यमुना]] और विष्णु के विभिन्न [[अवतार|अवतारों]], जैसे- [[राम]], [[वराह अवतार|वराह]] और [[नरसिंह अवतार|नरसिंह]] आदि के चित्र बने हुए हैं। 'राजीवलोचन' मन्दिर के पास ही 'बोधि वृक्ष' के नीचे तपस्या करते [[बुद्ध]] की प्रतिमा भी स्थापित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रजिम]]
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| {[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]] की ऐतिहासिक बंगाल-नागपुर कॉटन मिल्स की स्थापना कब और किसने की थी?
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| -राजा दिग्विजय दास ने, [[1958]] ई. में
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| +महन्त घासीदास ने, [[1870]] ई. में
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| -सॉ वॉलेश कम्पनी ने, [[1906]] ई. में
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| -राजा बलराम दास ने, [[1894]] ई. में
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| {'अमरदीप टॉकीज' को किस महाविद्यालय को दान कर दिया गया था? | | {'अमरदीप टॉकीज' को किस महाविद्यालय को दान कर दिया गया था? |
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| +दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय | | +दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय |
| -बजरंगदास उच्चतर माध्यमिक विद्यालय | | -बजरंगदास उच्चतर माध्यमिक विद्यालय |
| ||[[चित्र:Hill-Myna.jpg|right|100px|पहाड़ी मैना, छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी]]ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो [[छत्तीसगढ़]] की शिक्षा पद्धति में [[संस्कृत]] का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। 'महंत वैष्णवदास' जी संस्कृत शिक्षा के बड़े प्रेमी थे। शिक्षा के प्रसार-प्रचार के लिए उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया। सन् [[1955]] में [[रायपुर ज़िला|रायपुर]] में 'श्री दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय' खुलवाने के लिए 3.5 लाख रुपये नगद और 100 एकड़ ज़मीन दान में दी। आगे चलकर 'अमरदीप टॉकिज' को भी इस महाविद्यालय को दान कर दिया। इस कार्य में देश के प्रथम [[राष्ट्रपति]] [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] का विशेष योगदान था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | | || ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो [[छत्तीसगढ़]] की शिक्षा पद्धति में [[संस्कृत]] का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। 'महंत वैष्णवदास' जी संस्कृत शिक्षा के बड़े प्रेमी थे। शिक्षा के प्रसार-प्रचार के लिए उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया। सन् [[1955]] में [[रायपुर ज़िला|रायपुर]] में 'श्री दूधाधारी वैष्णव संस्कृत महाविद्यालय' खुलवाने के लिए 3.5 लाख रुपये नगद और 100 एकड़ ज़मीन दान में दी। आगे चलकर 'अमरदीप टॉकिज' को भी इस महाविद्यालय को दान कर दिया। इस कार्य में देश के प्रथम [[राष्ट्रपति]] [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] का विशेष योगदान था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] |
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| {[[छत्तीसगढ़]] प्रदेश के प्रथम औद्योगिक क्षेत्र 'रानी दुर्गावती औद्योगिक क्षेत्र' की स्थापना किस ज़िले में की गई है? | | {[[छत्तीसगढ़]] प्रदेश के प्रथम औद्योगिक क्षेत्र 'रानी दुर्गावती औद्योगिक क्षेत्र' की स्थापना किस ज़िले में की गई है? |