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| | class="headbg8" style="border:1px solid #D0D09D;padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg7" style="padding-left:8px;"><span style="color: rgb(153, 51, 0);">'''सूक्ति और विचार'''</span></div> | | | style="background:transparent;"| |
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| *जब तक जीना, तब तक सीखना - अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। '''-स्वामी विवेकानन्द'''
| | |+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| <font color="#003366">सूक्ति और कहावत</font> |
| *यह मनुष्य अन्तकाल में जिस-जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर को त्याग करता है, वह उस-उस को ही प्राप्त होता हैं; क्योंकि वह सदा उसी भाव से भावित रहा है । '''- श्रीमद्भागवत गीता'''
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| *इतिहास याने अनादिकाल से अब तक का सारा जीवन । पुराण याने अनादि काल से अब तक टिका हुआ अनुभव का अमर अंश। '''-विनोबा भावे'''
| | {{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}} |
| *जीवन का कार्यक्रम है रचनात्मक, विनाशात्मक नहीं;<br /> मनुष्य का कर्तव्य है अनुराग, विराग नहीं। '''-भगवतीचरण वर्मा'''
| | {{project:Quotations/{{CURRENTDAYNAME}}}} |
| *ईमानदारी और बुद्धिमानी के साथ किया हुआ काम कभी व्यर्थ नहीं जाता । - '''हजारीप्रसाद द्विवेदी'''
| | |}<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude> |
| *शब्द खतरनाक वस्तु हैं । सर्वाधिक खतरे की बात तो यह है कि वे हमसे यह कल्पना करा लेते हैं कि हम बातों को समझते हैं जबकि वास्तव में हम नहीं समझते । - '''चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य'''<br />
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| *Give accordings to your means, or God will make your means according to your giving.- '''John Hall'''<br> अपने साधनों के अनुरूप दान करो अन्यथा ईश्वर तुम्हारे दान के अनुरूप तुम्हारे साधन बना देगा। - '''जॉन हाल'''<br />
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| [[सूक्ति और कहावत|.... और पढ़ें]] | |
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