"भारतीय जनसंघ": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "डा." to "डॉ.") |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 28: | पंक्ति 28: | ||
|अद्यतन= | |अद्यतन= | ||
}} | }} | ||
'''भारतीय जनसंघ''' [[भारत]] के एक राजनीतिक दल [[भारतीय जनता पार्टी]] का पुराना नाम है। इसकी स्थापना [[श्यामा प्रसाद मुखर्जी]] द्वारा [[21 अक्टूबर]] [[1951]] को [[दिल्ली]] में की गयी थी। इस पार्टी का चुनाव चिह्न दीपक था और इसने 1952 के संसदीय चुनाव मे 2 सीटें हासिल की थी जिसमें डॉ. मुखर्जी स्वयं भी शामिल थे। | '''भारतीय जनसंघ''' [[भारत]] के एक राजनीतिक दल [[भारतीय जनता पार्टी]] का पुराना नाम है। इसकी स्थापना [[श्यामा प्रसाद मुखर्जी]] द्वारा [[21 अक्टूबर]] [[1951]] को [[दिल्ली]] में की गयी थी। इस पार्टी का चुनाव चिह्न दीपक था और इसने [[1952]] के संसदीय चुनाव मे 2 सीटें हासिल की थी जिसमें डॉ. मुखर्जी स्वयं भी शामिल थे। | ||
==स्थापना में श्यामा प्रसाद मुखर्जी का योगदान== | ==स्थापना में श्यामा प्रसाद मुखर्जी का योगदान== | ||
[[चित्र:Shyam-Prasad-Mukherjee.jpg|thumb|left|[[श्यामा प्रसाद मुखर्जी]]]] | [[चित्र:Shyam-Prasad-Mukherjee.jpg|thumb|left|[[श्यामा प्रसाद मुखर्जी]]]] | ||
[[भारत का विभाजन|भारत विभाजन]] की योजना को जब स्वीकार कर लिया गया तब डॉ मुखर्जी ने [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] और [[पंजाब]] के विभाजन की मांग उठाकर प्रस्तावित [[पाकिस्तान]] का विभाजन कराया और आधा बंगाल और आधा पंजाब खंडित भारत के लिए बचा लिया। [[महात्मा गांधी]] और [[सरदार पटेल]] के अनुरोध पर वे खंडित भारत के पहले मंत्रिमण्डल में शामिल हुए, और उन्हें उद्योग जैसे महत्त्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। संविधान सभा और प्रांतीय संसद के सदस्य और केंद्रीय मंत्री के नाते श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शीघ्र ही अपना विशिष्ट स्थान बना लिया। किन्तु उनके हिंदू राष्ट्रवादी चिंतन के साथ-साथ अन्य नेताओं से मतभेद बने रहे। फलत: श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मंत्रिमण्डल से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने प्रतिपक्ष के सदस्य के रूप में अपनी भूमिका निर्वहन को चुनौती के रूप में स्वीकार किया, और शीघ्र ही अन्य हिंदू राष्ट्रवादी दलों और तत्वों को मिलाकर एक नई पार्टी बनाई जो कि विरोधी पक्ष में सबसे बडा दल था। अक्टूबर, 1951 में भारतीय जनसंघ का उद्भव हुआ। जिसके संस्थापक अध्यक्ष, डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी रहे।<ref>{{cite web |url=http://arvindsisodiakota.blogspot.in/2012/03/blog-post_26.html |title=भाजपा : | [[भारत का विभाजन|भारत विभाजन]] की योजना को जब स्वीकार कर लिया गया तब डॉ मुखर्जी ने [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] और [[पंजाब]] के विभाजन की मांग उठाकर प्रस्तावित [[पाकिस्तान]] का विभाजन कराया और आधा बंगाल और आधा पंजाब खंडित भारत के लिए बचा लिया। [[महात्मा गांधी]] और [[सरदार पटेल]] के अनुरोध पर वे खंडित भारत के पहले मंत्रिमण्डल में शामिल हुए, और उन्हें उद्योग जैसे महत्त्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। संविधान सभा और प्रांतीय संसद के सदस्य और केंद्रीय मंत्री के नाते श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शीघ्र ही अपना विशिष्ट स्थान बना लिया। किन्तु उनके हिंदू राष्ट्रवादी चिंतन के साथ-साथ अन्य नेताओं से मतभेद बने रहे। फलत: श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मंत्रिमण्डल से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने प्रतिपक्ष के सदस्य के रूप में अपनी भूमिका निर्वहन को चुनौती के रूप में स्वीकार किया, और शीघ्र ही अन्य हिंदू राष्ट्रवादी दलों और तत्वों को मिलाकर एक नई पार्टी बनाई जो कि विरोधी पक्ष में सबसे बडा दल था। अक्टूबर, 1951 में भारतीय जनसंघ का उद्भव हुआ। जिसके संस्थापक अध्यक्ष, डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी रहे।<ref>{{cite web |url=http://arvindsisodiakota.blogspot.in/2012/03/blog-post_26.html |title=भाजपा : डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी : जनसंघ के संस्थापक |accessmonthday=9 सितम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=जय जय भारत |language=हिन्दी }}</ref> | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
पंक्ति 37: | पंक्ति 37: | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://www.bjp.org/ | *[http://www.bjp.org/ भारतीय जनता पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट] | ||
*[http://ennapadampanchajanya.blogspot.in/2011/06/ dr-s-p-mookerjee-defiant-lamp-of.html DR S P MUKHERJEE] | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{राजनीतिक दल}} | {{राजनीतिक दल}} |
10:04, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
भारतीय जनसंघ
| |
विवरण | 'भारतीय जनसंघ' भारत के एक राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी का पुराना नाम है। |
गठन | 21 अक्टूबर 1951 |
संस्थापक | श्यामा प्रसाद मुखर्जी |
चुनाव चिह्न | दीपक |
विशेष | वर्ष 1980 में इस पार्टी को समाप्त करके भारतीय जनता पार्टी का गठन किया गया। |
अन्य जानकारी | भारतीय जनसंघ ने 1952 के संसदीय चुनाव मे 2 सीटें हासिल की थी जिसमें डॉ. मुखर्जी स्वयं भी शामिल थे। |
भारतीय जनसंघ भारत के एक राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी का पुराना नाम है। इसकी स्थापना श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में की गयी थी। इस पार्टी का चुनाव चिह्न दीपक था और इसने 1952 के संसदीय चुनाव मे 2 सीटें हासिल की थी जिसमें डॉ. मुखर्जी स्वयं भी शामिल थे।
स्थापना में श्यामा प्रसाद मुखर्जी का योगदान
भारत विभाजन की योजना को जब स्वीकार कर लिया गया तब डॉ मुखर्जी ने बंगाल और पंजाब के विभाजन की मांग उठाकर प्रस्तावित पाकिस्तान का विभाजन कराया और आधा बंगाल और आधा पंजाब खंडित भारत के लिए बचा लिया। महात्मा गांधी और सरदार पटेल के अनुरोध पर वे खंडित भारत के पहले मंत्रिमण्डल में शामिल हुए, और उन्हें उद्योग जैसे महत्त्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। संविधान सभा और प्रांतीय संसद के सदस्य और केंद्रीय मंत्री के नाते श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शीघ्र ही अपना विशिष्ट स्थान बना लिया। किन्तु उनके हिंदू राष्ट्रवादी चिंतन के साथ-साथ अन्य नेताओं से मतभेद बने रहे। फलत: श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मंत्रिमण्डल से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने प्रतिपक्ष के सदस्य के रूप में अपनी भूमिका निर्वहन को चुनौती के रूप में स्वीकार किया, और शीघ्र ही अन्य हिंदू राष्ट्रवादी दलों और तत्वों को मिलाकर एक नई पार्टी बनाई जो कि विरोधी पक्ष में सबसे बडा दल था। अक्टूबर, 1951 में भारतीय जनसंघ का उद्भव हुआ। जिसके संस्थापक अध्यक्ष, डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी रहे।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भाजपा : डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी : जनसंघ के संस्थापक (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) जय जय भारत। अभिगमन तिथि: 9 सितम्बर, 2012।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख