"रानी रूपमती-बाज़ बहादुर": अवतरणों में अंतर
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'''रानी रूपमती-बाज बहादुर''' एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक प्रेमकथा है। रूपमती [[मालवा]] की गायिका थीं और सुल्तान [[बाजबहादुर|बाज बहादुर]] उनसे प्रेम करते थे। यह अंतर्धार्मिक विवाह था। युद्ध, प्रेम, संगीत और कविता का अद्भुत सम्मिश्रण है यह जादुई प्रेम कहानी। बाज बहादुर मांडु के अंतिम स्वतंत्र शासक थे। रूपमती किसान पुत्री और गायिका थीं। उनकी आवाज के मुरीद बाज बहादुर उन्हें दरबार में ले गए। दोनों परिणय सूत्र में बंध गए, लेकिन यह प्रेम कहानी जल्दी ही खत्म हो गई, जब | '''रानी रूपमती-बाज बहादुर''' एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक प्रेमकथा है। रूपमती [[मालवा]] की गायिका थीं और सुल्तान [[बाजबहादुर|बाज बहादुर]] उनसे प्रेम करते थे। यह अंतर्धार्मिक विवाह था। युद्ध, प्रेम, संगीत और कविता का अद्भुत सम्मिश्रण है यह जादुई प्रेम कहानी। बाज बहादुर मांडु के अंतिम स्वतंत्र शासक थे। रूपमती किसान पुत्री और गायिका थीं। उनकी आवाज के मुरीद बाज बहादुर उन्हें दरबार में ले गए। दोनों परिणय सूत्र में बंध गए, लेकिन यह प्रेम कहानी जल्दी ही खत्म हो गई, जब मुग़ल सम्राट [[अकबर]] ने मांडु पर चढाई करने के लिए अधम खान को भेजा। बाज बहादुर ने अपनी छोटी-सी सेना के साथ उसका मुकाबला किया किंतु हार गए। अधम खान रानी रूपमती के सौंदर्य पर मर-मिटा, इससे पूर्व कि वह मांडु के साथ रूपमती को भी अपने कब्जे में लेता, रानी रूपमती ने विष सेवन करके मौत को गले लगा लिया। | ||
==अमर प्रेमकथा का साक्षी माण्डू== | ==अमर प्रेमकथा का साक्षी माण्डू== | ||
[[माण्डू]], [[मध्य प्रदेश]] का एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जो रानी रूपमती और बादशाह बाज बहादुर के अमर प्रेम का साक्षी है। यहाँ के खंडहर व इमारतें हमें इतिहास के उस झरोखे के दर्शन कराते हैं, जिसमें हम मांडू के शासकों की विशाल समृद्ध विरासत व शानो-शौकत से रूबरू होते हैं। रानी रूपमती का किला इनके प्यार का साक्षी है। रानी रूपमती को राजा बाज बहादुर इतना प्यार करते थे कि रानी रूपमती के बिना कुछ कहे ही वो उनके दिल की बात को समझ जाते थे। राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्यार के साक्षी मांडू में 3500 फीट की ऊंचाई पर बना रानी रुपमती का किला है। कहते हैं कि रानी रूपमती [[नर्मदा नदी]] को देखे बिना भोजन ग्रहण नहीं करती थीं। इसलिए राजा बाज बहादुर ने रानी रूपमती की इच्छा का ध्यान रखते हुए रानी रूपमती किले का निर्माण करवाया। रानी रूपमती के किले से नर्मदा नदी नजर आती है। कहा जाता है कि रानी रूपमती प्रतिदिन स्नान के बाद यहां पहुंचतीं और नर्मदा जी के दर्शन उपरांत अन्न ग्रहण करती थीं। राजा बाज बहादुर रानी रूपमती को बेहद ही प्यार करते थे शायद इसलिए रानी रूपमती के महल तक पहुंचने से पहले राजा बाज बहादुर के महल को पार करना होता था। राजा बाज बहादुर रानी रूपमती की रक्षा के लिए यह सब करते थे। इसलिए शायद आज भी रानी रूपमती के किले को राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी का प्रतीक समझा जाता है।<ref>{{cite web |url=http://infotainment.jagranjunction.com/2012/10/05/%E0%A4%8F%E0%A4%95-%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%96%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80-12-%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A4%BE/ |title=एक अनोखी प्रेम कहानी: 12 दरवाजों का रहस्य |accessmonthday=15 अक्टूबर |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=जागरण जंक्शन |language=हिंदी }}</ref> | [[माण्डू]], [[मध्य प्रदेश]] का एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जो रानी रूपमती और बादशाह बाज बहादुर के अमर प्रेम का साक्षी है। यहाँ के खंडहर व इमारतें हमें इतिहास के उस झरोखे के दर्शन कराते हैं, जिसमें हम मांडू के शासकों की विशाल समृद्ध विरासत व शानो-शौकत से रूबरू होते हैं। रानी रूपमती का किला इनके प्यार का साक्षी है। रानी रूपमती को राजा बाज बहादुर इतना प्यार करते थे कि रानी रूपमती के बिना कुछ कहे ही वो उनके दिल की बात को समझ जाते थे। राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्यार के साक्षी मांडू में 3500 फीट की ऊंचाई पर बना रानी रुपमती का किला है। कहते हैं कि रानी रूपमती [[नर्मदा नदी]] को देखे बिना भोजन ग्रहण नहीं करती थीं। इसलिए राजा बाज बहादुर ने रानी रूपमती की इच्छा का ध्यान रखते हुए रानी रूपमती किले का निर्माण करवाया। रानी रूपमती के किले से नर्मदा नदी नजर आती है। कहा जाता है कि रानी रूपमती प्रतिदिन स्नान के बाद यहां पहुंचतीं और नर्मदा जी के दर्शन उपरांत अन्न ग्रहण करती थीं। राजा बाज बहादुर रानी रूपमती को बेहद ही प्यार करते थे शायद इसलिए रानी रूपमती के महल तक पहुंचने से पहले राजा बाज बहादुर के महल को पार करना होता था। राजा बाज बहादुर रानी रूपमती की रक्षा के लिए यह सब करते थे। इसलिए शायद आज भी रानी रूपमती के किले को राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी का प्रतीक समझा जाता है।<ref>{{cite web |url=http://infotainment.jagranjunction.com/2012/10/05/%E0%A4%8F%E0%A4%95-%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%96%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80-12-%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A4%BE/ |title=एक अनोखी प्रेम कहानी: 12 दरवाजों का रहस्य |accessmonthday=15 अक्टूबर |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=जागरण जंक्शन |language=हिंदी }}</ref> |
13:51, 13 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
रानी रूपमती-बाज बहादुर एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक प्रेमकथा है। रूपमती मालवा की गायिका थीं और सुल्तान बाज बहादुर उनसे प्रेम करते थे। यह अंतर्धार्मिक विवाह था। युद्ध, प्रेम, संगीत और कविता का अद्भुत सम्मिश्रण है यह जादुई प्रेम कहानी। बाज बहादुर मांडु के अंतिम स्वतंत्र शासक थे। रूपमती किसान पुत्री और गायिका थीं। उनकी आवाज के मुरीद बाज बहादुर उन्हें दरबार में ले गए। दोनों परिणय सूत्र में बंध गए, लेकिन यह प्रेम कहानी जल्दी ही खत्म हो गई, जब मुग़ल सम्राट अकबर ने मांडु पर चढाई करने के लिए अधम खान को भेजा। बाज बहादुर ने अपनी छोटी-सी सेना के साथ उसका मुकाबला किया किंतु हार गए। अधम खान रानी रूपमती के सौंदर्य पर मर-मिटा, इससे पूर्व कि वह मांडु के साथ रूपमती को भी अपने कब्जे में लेता, रानी रूपमती ने विष सेवन करके मौत को गले लगा लिया।
अमर प्रेमकथा का साक्षी माण्डू
माण्डू, मध्य प्रदेश का एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जो रानी रूपमती और बादशाह बाज बहादुर के अमर प्रेम का साक्षी है। यहाँ के खंडहर व इमारतें हमें इतिहास के उस झरोखे के दर्शन कराते हैं, जिसमें हम मांडू के शासकों की विशाल समृद्ध विरासत व शानो-शौकत से रूबरू होते हैं। रानी रूपमती का किला इनके प्यार का साक्षी है। रानी रूपमती को राजा बाज बहादुर इतना प्यार करते थे कि रानी रूपमती के बिना कुछ कहे ही वो उनके दिल की बात को समझ जाते थे। राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्यार के साक्षी मांडू में 3500 फीट की ऊंचाई पर बना रानी रुपमती का किला है। कहते हैं कि रानी रूपमती नर्मदा नदी को देखे बिना भोजन ग्रहण नहीं करती थीं। इसलिए राजा बाज बहादुर ने रानी रूपमती की इच्छा का ध्यान रखते हुए रानी रूपमती किले का निर्माण करवाया। रानी रूपमती के किले से नर्मदा नदी नजर आती है। कहा जाता है कि रानी रूपमती प्रतिदिन स्नान के बाद यहां पहुंचतीं और नर्मदा जी के दर्शन उपरांत अन्न ग्रहण करती थीं। राजा बाज बहादुर रानी रूपमती को बेहद ही प्यार करते थे शायद इसलिए रानी रूपमती के महल तक पहुंचने से पहले राजा बाज बहादुर के महल को पार करना होता था। राजा बाज बहादुर रानी रूपमती की रक्षा के लिए यह सब करते थे। इसलिए शायद आज भी रानी रूपमती के किले को राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी का प्रतीक समझा जाता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ एक अनोखी प्रेम कहानी: 12 दरवाजों का रहस्य (हिंदी) जागरण जंक्शन। अभिगमन तिथि: 15 अक्टूबर, 2013।
बाहरी कड़ियाँ
- बाज बहादुर और रूपमती की प्रेम-कथा
- अमर प्रेम कहानी का साक्षी मांडू (वेबदुनिया)
- अमर प्रेम कहानी का साक्षी मांडू (द संडे इंडियन)
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