"रत्नावती": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''रत्नावती''' गुजरात की एक प्राचीन नगरी थी। पश्चिमी ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''रत्नावती''' [[गुजरात]] की एक प्राचीन नगरी थी। पश्चिमी रेलवे के रांतेज स्टेशन के निकट ही यह प्राचीन नगरी बसी हुई थी। | '''रत्नावती''' [[गुजरात]] की एक प्राचीन नगरी थी। पश्चिमी रेलवे के रांतेज स्टेशन के निकट ही यह प्राचीन नगरी बसी हुई थी। | ||
*यहाँ जैन धर्म के कई प्राचीन मंदिर थे, जिनके [[खंडहर]] आज भी देखे जा सकते हैं। | *यहाँ [[जैन धर्म]] के कई प्राचीन मंदिर थे, जिनके [[खंडहर]] आज भी देखे जा सकते हैं। | ||
*रांतेज संभवतः रत्नावती का ही [[अपभ्रंश]] है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=777|url=}}</ref> | *रांतेज संभवतः रत्नावती का ही [[अपभ्रंश]] है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=777|url=}}</ref> | ||
14:06, 31 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण
रत्नावती गुजरात की एक प्राचीन नगरी थी। पश्चिमी रेलवे के रांतेज स्टेशन के निकट ही यह प्राचीन नगरी बसी हुई थी।
- यहाँ जैन धर्म के कई प्राचीन मंदिर थे, जिनके खंडहर आज भी देखे जा सकते हैं।
- रांतेज संभवतः रत्नावती का ही अपभ्रंश है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 777 |