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==भारतीय इतिहास — पुनरावलोकन==
====ईसा पूर्व====
{| width=100% class="wikitable" border="1"
|-
!क्रम
!ईसवी/वर्ष
!विवरण
|-
|1
|7000 ई.पू.
|[[राजस्थान]] ([[साम्भर]]) में पौधे बोने के प्रथम साक्ष्य।
|-
|2
|6000 ई.पू.
|[[मेहरगढ़]] ([[सिंध]]-[[बलूचिस्तान]] सीमा), [[बुर्जहोम]] ([[कश्मीर]]) में भारत के प्राचीनतम आवास, कृषि तथा पशुपालन के अवशेष।
|-
|3
|5000–4000 ई.पू.
|[[बागोर]] ([[भीलवाड़ा]]) तथा [[आदमगढ़]] ([[होशंगाबाद]]) के निकट आखेटकों द्वारा भेड़-बकरी पालन के प्रथम अवशेष।
|-
|4
|4000–3000 ई.पू.
|खेतिहारों-पशुपालकों की स्थानीय सभ्यताएँ।
|-
|5
|2500 ई.पू.
|[[सिंधु घाटी]] में पूर्व-[[हड़प्पा]] सभ्यता के नगरों का विकास, अस्थि एवं प्रस्तर उपकरण तथा मनकों के आभूषण के अवशेष।
|-
|6
|2500–1750 ई.पू.
|रेडिया-कार्बन तिथि-निर्धारण के आधार पर हड़प्पा सभ्यता का काल-विस्तार।
|-
|7
|2250–2000 ई.पू.
|[[हड़प्पा]] सभ्यता का पूर्ण-विकसित दौर, विघटन तथा स्थानीय सभ्यताओं का उदय।
|-
|8
|1500 ई.पू.
|भारत में आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, [[गंगा मैदान]] में आर्योत्तर ताम्र सभ्यता।
|-
|9
|1000 ई.पू.
|आर्यों का (गंगा मैदान) विस्तार, उत्तर वैदिक काल प्रारम्भ, 'ब्राह्मण ग्रन्थों' की रचना, वर्ण-व्यवस्था का बीजारोपण, लौह धातु का प्रयोग प्रारम्भ।
|-
|10
|950 ई.पू.
|[[महाभारत]] का युद्ध।
|-
|11
|800 ई.पू.
|महर्षि [[व्यास]] के द्वारा [[महाभारत]] महाकाव्य की रचना, आर्यों का दक्षिण-पूर्व ([[पश्चिम बंगाल|बंगाल]]) की ओर विस्तार, [[रामायण]] का प्रथम वृत्तान्त।
|-
|12
|600–550 ई.पू.
|उपनिषदों की रचना, आर्यों का विदर्भ तथा [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] तक दक्षिण-विस्तार। सोलह महाजनपदों की स्थापना, आर्य सभ्यता में कर्मकाण्डीय अनुष्ठान प्रतिष्ठित।
|-
|13
|563–483 ई.पू
|[[बौद्ध धर्म]] के संस्थापक [[गौतम बुद्ध]] की जीवन काल, जन्म-[[लुम्बिनी]], मृत्यु-[[कुशीनगर]]।
|-
|14
|599–257 ई.पू
|[[जैन धर्म]] के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल (जन्म-[[कुन्डग्राम]], [[वैशाली]]), मृत्यु-[[पावापुरी]], [[कुशीनगर]]।
|-
|15
|544–492 ई.पू
|[[गौतम बुद्ध]] के समकालिक बिम्बिसार ([[हर्यक वंश]]) का राज्यकाल, [[मगध]] राज्य की श्रेष्ठता।
|-
|16
|517–509 ई.पू
|[[हखमनी वंश]] ([[ईरान]]) के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा [[सिन्धु नदी]] पर गवेषण अभियान।
|-
|17
|492–460 ई.पू
|[[बिम्बिसार]] के पुत्र [[अजातशत्रु]] का राज्यकाल।
|-
|18
|412–344 ई.पू
|[[शिशुनाग वंश]] का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का [[मगध]] साम्राज्य में विलय।
|-
|18
|400 ई.पू
|सम्पूर्ण दक्षिण भारत में आर्यों का प्रभुत्व एवं सम्भवतः [[श्रीलंका]] तक विस्तार।
|-
|19
|344 ई.पू
|महापद्मनन्द द्वारा [[मगध]] में [[नंदवंश]] की स्थापना।
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|20
|326 ई.पू
|[[नंदवंश|नंद वंशी]] राजा [[घनानंद]] की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर [[सिकन्दर]] के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में [[बेबीलोन]] में सिकन्दर की मृत्यु।
|-
|21
|322 ई.पू
|[[चंद्रगुप्त मौर्य]] द्वारा (कौटिल्य की मदद से) नंद शासक [[घनानंद]] को पराजित कर [[मौर्य वंश]] की स्थापना।
|-
|22
|315 ई.पू
|[[इण्डिका]] के लेखक तथा [[सेल्युकस]] (यूनानी शासक) के दूत [[मेगस्थनीज]] का भारत में आगमन।
|-
|23
|298–273 ई.पू
|[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] के पुत्र [[बिन्दुसार]] का राज्य काल।
|-
|24
|273–232 ई.पू
|[[अशोक]] का शासनकाल, [[मौर्यवंश]] का स्वर्णयुग, अशोक के द्वारा [[कलिंग]] विजय (262-61)।
|-
|25
|185 ई.पू
|अन्तिम मौर्य शासक [[बृहद्रथ]] की हत्या कर मौर्य सेनापति [[पुष्यमित्र शुंग]] द्वारा [[शुंग वंश]] की स्थापना।
|-
|26
|190–171 ई.पू
|यवन शासक [[डेमेट्रियस]] का राज्यकाल।
|-
|27
|165 ई.पू
|[[कलिंग]] शासक [[खारवेल]] द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय।
|-
|28
|155–130 ई.पू
|सबसे प्रसिद्ध यवन शासक [[मिनान्डर]] (मिलिन्द) का राज्यकाल।
|-
|30
|145 ई.पू
|चोल राजा [[एलारा]] की [[श्रीलंका]] के शासक असेल पर विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन।
|-
|31
|128 ई.पू
|यूची आक्रमण के भय से शक क़बीलों का भारत में पंजाब से प्रवेश।
|-
|32
|71 ई.पू
|[[शुंग वंश]] के अन्तिम सम्राट [[देवभूति]] की हत्या, [[वसुदेव]] के द्वारा [[कण्व वंश]] की स्थापना।
|-
|33
|60 ई.पू
|[[आंध्र प्रदेश|आन्ध्र]] में [[सिमुक]] द्वारा [[सातवाहन वंश]] की स्थापना।
|-
|34
|58 ई.पू
|[[उज्जैन]] के शासक [[विक्रमादित्य]] द्वारा [[विक्रम संवत्]] का प्रारम्भ।
|-
|35
|50 ई.पू - 250 ई.
|'''दक्षिण भारत''' (दक्कन) में [[सातवाहन वंश]]।
|-
|36
|22 ई.पू
|[[रोम]] के शासक आगस्टस के दरबार में पाण्ड्य राजदूत पहुँचा, चोल, पाण्ड्यों का रोम में व्यापारिक सम्बन्ध।
|}


====पश्चिमी भारत====
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|-
!क्रम
!ईसवी/वर्ष
!विवरण
|-
|1
|490–766 ई.
|[[सौराष्ट्र]] के [[बल्लभी]] क्षेत्र में मैत्रक (सम्भवतः विदेशी मूल) आक्रामकों का शासन।
|-
|2
|550–861 ई.
|मध्य राजपूताना में मध्य एशिया में आये हुए गुर्जर खानाबदोश दलों का शासन स्थापित।
|-
|3
|712 ई.
|[[मुहम्मद बिन क़ासिम]] के नेतृत्व में भारत पर प्रथम अरब आक्रमण, मैत्रक राज्य का पतन।
|-
|4
|740–1036 ई.
|उत्तर भारत में [[गुर्जर]]-प्रतिहारों का आधिपत्य, अरबों का प्रतिरोध।
|-
|5
|746–974 ई.
|छाप या छापौटकट्ट, गुर्जर क़बीले द्वारा 746 के आसपास [[अन्हिलपुर]] (आनन्दपुर) की स्थापना, जो 15वीं शती तक पश्चिम भारत का प्रमुख नगर रहा।
|-
|6
|831–1310 ई.
|चन्देलों द्वारा [[बुंदेलखण्ड]] में स्वतंत्र राज्य की स्थापना, अनेक [[विष्णु]] मन्दिरों और [[खजुराहों]] के मन्दिरों का भी निर्माण।
|-
|7
|840–890 ई.
|[[सतलुज नदी|सतलुज]] से [[नर्मदा नदी]] तक [[मिहिरभोज]] या [[भोज]] का शासन।
|-
|8
|950–1200 ई.
|[[इंदौर]] के पास धारा में परमारों का राज्य, जिनमें मुंज (974-994) तथा भोज प्रसिद्ध राजा हुए, भोज ज्योतिष, काव्यशास्त्र, वास्तुकला तथा संस्कृति का विद्वान था।
|-
|9
|974–1240 ई.
|चालुक्यों का अन्हिलपुर, सौराष्ट्र तथा [[माउंट आबू|आबू]] क्षेत्र में प्रभुत्व, [[चालुक्य शासक]] [[मूलराज]] का शासन काल (974-995)।
|}

14:17, 7 जुलाई 2012 के समय का अवतरण