"मैं तो आरती उतारूँ": अवतरणों में अंतर
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|अन्य जानकारी=कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप [[हिंदी साहित्य]] जगत् और हिंदी फ़िल्म जगत् के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप '[[ऐ मेरे वतन के लोगों]]' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं। | |||
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जय जय संतोषी माता जय जय मां | जय जय संतोषी माता जय जय मां | ||
बड़ी ममता है बड़ा प्यार | बड़ी ममता है बड़ा प्यार माँ की आँखों में | ||
बड़ी करुणा माया दुलार | बड़ी करुणा माया दुलार माँ की आँखों में | ||
क्यूं न देखूं बारम्बार | क्यूं न देखूं बारम्बार माँ की आँखों में | ||
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार | दिखे हर घड़ी नया चमत्कार माँ की आँखों में | ||
नृत्य करूं छुम छुम झम झम झम झुम झुम | नृत्य करूं छुम छुम झम झम झम झुम झुम | ||
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जय जय संतोषी माता जय जय मां | जय जय संतोषी माता जय जय मां | ||
सदा होती है जय जयकार | सदा होती है जय जयकार माँ के मन्दिर में | ||
नित झांझर की हो झंकार | नित झांझर की हो झंकार माँ के मन्दिर में | ||
सदा मंजीरे करते पुकार | सदा मंजीरे करते पुकार माँ के मन्दिर में | ||
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार | दिखे हर घड़ी नया चमत्कार माँ के मन्दिर में | ||
दीप धरुं धूप धरुं प्रेम सहित भक्ति करूं | दीप धरुं धूप धरुं प्रेम सहित भक्ति करूं |
13:46, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
मैं तो आरती उतारूँ
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विवरण | मैं तो आरती उतारूँ एक प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत है। |
रचनाकार | कवि प्रदीप |
फ़िल्म | जय संतोषी माँ (1975) |
संगीतकार | सी. अर्जुन |
गायक/गायिका | उषा मंगेशकर |
अन्य जानकारी | कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप हिंदी साहित्य जगत् और हिंदी फ़िल्म जगत् के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं। |
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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