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*कनारा और मालाबार से | '''कुंबी''' अथवा '''कुम्भी''' (वानस्पतिक नाम: ''Careya arborea'') एक पर्णपाती [[वृक्ष]] है, जो समस्त [[भारत]] में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई 9 से 18 मीटर तक होती है। इसका अंतकाष्ठ हल्का या गहरे [[लाल रंग]] का होता है। कुंबी की लकड़ी भारी तथा कठोर होती है।<ref name="nn">{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%AC%E0%A5%80|title=कुंबी|accessmonthday=8 अगस्त|accessyear=2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज|language=हिन्दी}}</ref> | ||
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*कनारा और मालाबार से काफ़ी मात्रा में लकड़ी प्राप्त होती है। | |||
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12:23, 25 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
कुंबी अथवा कुम्भी (वानस्पतिक नाम: Careya arborea) एक पर्णपाती वृक्ष है, जो समस्त भारत में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई 9 से 18 मीटर तक होती है। इसका अंतकाष्ठ हल्का या गहरे लाल रंग का होता है। कुंबी की लकड़ी भारी तथा कठोर होती है।[1]
- कुंबी की लकड़ी का उपयोग कृषि औज़ारों, अलमारियों, बंदूक के कुंदों, घरों के खंभों और तख्तों के बनाने के काम आता है, यह परिरक्षी उपचार के बाद रेल के स्लीपर बनाने के लिए अच्छी मानी गई है।
- कनारा और मालाबार से काफ़ी मात्रा में लकड़ी प्राप्त होती है।
- कुंबी का छाल रेशेदार होती है, जिसका उपयोग भूरे कागज और घटिया जहाजी रस्सों के बनाने में होता है।
- इसकी छाल ठंड में शामक के रूप में दी जाती है।
- इसका उपयोग चेचक एवं ज्वरहारी खुजली को नष्ट करने में होता है।
- फूलों की पर्णयुक्त कलियों में श्लेष्मा होता है। फल सुंगधित और खाद्य होते हैं। फल का काढ़ा पाचक होता है।
- इसमें कषाय गोंद पाए जाते हैं।
- कुंबी के बीज विषैले होते हैं। इसकी पत्तियों में 19 प्रतिशत टैनिन पाया जाता है।
- इनका उपयोग चुरुट और बीड़ी बनाने में होता है। पौधों में टसर रेशम के कीड़े पाले जाते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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