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जे गरीब सों हित करें, धनि ‘रहीम’ ते लोग।<br />
जे ग़रीब सों हित करें, धनि ‘रहीम’ ते लोग।<br />
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण-मिताई-जोग॥
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण-मिताई-जोग॥


;अर्थ
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धन्य हैं वे, जो गरीबों से प्रीति जोड़ते है! बेचारा [[सुदामा]] क्या [[कृष्ण|द्वारिकाधीश कृष्ण]] की मित्रता के योग्य था?
धन्य हैं वे, जो ग़रीबों से प्रीति जोड़ते है! बेचारा [[सुदामा]] क्या [[कृष्ण|द्वारिकाधीश कृष्ण]] की मित्रता के योग्य था?


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11:04, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

जे ग़रीब सों हित करें, धनि ‘रहीम’ ते लोग।
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण-मिताई-जोग॥

अर्थ

धन्य हैं वे, जो ग़रीबों से प्रीति जोड़ते है! बेचारा सुदामा क्या द्वारिकाधीश कृष्ण की मित्रता के योग्य था?


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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