"पहेली 8 मई 2016": अवतरणों में अंतर

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{'राजनीतिक स्वतन्त्रता राष्ट्र की प्राण वायु है", यह कथन निम्न में से किसका है?
{'राजनीतिक स्वतन्त्रता राष्ट्र की प्राण वायु है।" यह कथन किस महापुरुष का है?
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-[[मोतीलाल नेहरू]]
-[[मोतीलाल नेहरू]]
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+[[अरबिंदो घोष]]
+[[अरबिंदो घोष]]
-[[महात्मा गाँधी]]
-[[महात्मा गाँधी]]
||[[चित्र:Aurobindo-Ghosh.jpg|right|120px|अरबिंदो घोष]][[आधुनिक काल]] में [[भारत]] में अनेक महान क्रांतिकारी और योगी हुए, [[अरबिंदो घोष]] उनमें अद्वितीय थे। अरविंदो घोष [[कवि]] और भारतीय राष्ट्रवादी थे, जिन्होंने आध्यात्मिक विकास के माध्यम से सार्वभौमिक मोक्ष का [[दर्शन]] प्रतिपादित किया। उनके लिए [[1902]] से [[1910]] के [[वर्ष]] हलचल भरे थे, क्योंकि उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त कराने का बीड़ा उठाया था। बड़ौदा कॉलेज की नौकरी छोड़कर वह [[कोलकाता]] चले गए और कोलकाता के 'नेशनल कॉलेज' के प्रिंसीपल बने। इस समय तक उन्होंने 'सादा जीवन और उच्च विचार' जीवन अपना लिया। [[अरबिंदो घोष]] पर [[रामकृष्ण परमहंस]] और [[स्वामी विवेकानंद]] के [[साहित्य]] का बहुत गहन प्रभाव हुआ। सन [[1905]] में [[लॉर्ड कर्ज़न]] ने पूर्वी बंगाल और पश्चिमी बंगाल के रूप में [[बंगाल]] के दो टुकड़े कर दिए ताकि [[हिन्दू]] और मुसलमानों में फूट पड़ सके। इस बंग-भंग के कारण बंगाल में जन जन में असंतोष फैल गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अरबिंदो घोष]]
||[[चित्र:Aurobindo-Ghosh.jpg|right|120px|अरबिंदो घोष]][[आधुनिक काल]] में [[भारत]] में अनेक महान् क्रांतिकारी और योगी हुए, [[अरबिंदो घोष]] उनमें अद्वितीय थे। अरविंदो घोष [[कवि]] और भारतीय राष्ट्रवादी थे, जिन्होंने आध्यात्मिक विकास के माध्यम से सार्वभौमिक मोक्ष का [[दर्शन]] प्रतिपादित किया। उनके लिए [[1902]] से [[1910]] के [[वर्ष]] हलचल भरे थे, क्योंकि उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त कराने का बीड़ा उठाया था। बड़ौदा कॉलेज की नौकरी छोड़कर वह [[कोलकाता]] चले गए और कोलकाता के 'नेशनल कॉलेज' के प्रिंसीपल बने। इस समय तक उन्होंने 'सादा जीवन और उच्च विचार' जीवन अपना लिया। [[अरबिंदो घोष]] पर [[रामकृष्ण परमहंस]] और [[स्वामी विवेकानंद]] के [[साहित्य]] का बहुत गहन प्रभाव हुआ। सन [[1905]] में [[लॉर्ड कर्ज़न]] ने पूर्वी बंगाल और पश्चिमी बंगाल के रूप में [[बंगाल]] के दो टुकड़े कर दिए ताकि [[हिन्दू]] और मुसलमानों में फूट पड़ सके। इस बंग-भंग के कारण बंगाल में जन जन में असंतोष फैल गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अरबिंदो घोष]]
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14:04, 30 जून 2017 के समय का अवतरण