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11:14, 24 दिसम्बर 2017 के समय का अवतरण

संघ लोक सेवा आयोग ('यूपीएससी' अर्थात 'यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन') भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक ऐसी संस्था है, जो भारत सरकार के लोक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाएँ संचालित करती है। संविधान के अनुच्छेद 315-323 में एक 'संघीय लोक सेवा आयोग' और राज्यों के लिए ' राज्य लोक सेवा आयोग' के गठन का प्रावधान है। प्रथम लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अक्टूबर, 1926 ई. को हुई थी। आयोग की मुख्य भूमिका केंद्र तथा राज्यों (अर्थात अखिल भारतीय सेवा) के लिए सामान्य विभिन्न केंद्रीय सिविल सेवाओं तथा पदों एवं सेवाओं में नियुक्ति के लिए व्यक्तियों का चयन करना है।

कार्यालय स्थल

भारत के संघ लोक सेवा आयोग का मुख्यालय कार्यालय स्थल धौलपुर हाउस नई दिल्ली है। कुंडलाकार की यह सुन्दर इमारत इंडिया गेट के बगल में शाहजहां रोड पर स्थित है। पहले यह धौलपुर राजघराने का निवास हुआ करता था और इसका निर्माण भी नई दिल्ली के निर्माण के दौरान 1920 के दशक में किया गया था।

कार्य एवं भूमिका

संघ लोक सेवा आयोग को संविधान के अनुच्छेद 320 और 321 के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य एवं भूमिकाएँ सौंपी गई हैं-

  1. संघ के अधीन सेवाओं और पदों पर प्रतियोगिता परीक्षाओं के आयोजन के माध्यम से भर्ती।
  2. केंद्र सरकार के अधीन सेवाओं तथा पदों पर साक्षात्कार के माध्यम से चयन द्वारा भर्ती।
  3. पदोन्नति पर नियुक्ति के साथ-साथ प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरण के लिए अधिकारियों की उपयुक्तता पर परामर्श देना।
  4. विभिन्न सेवाओं तथा पदों पर भर्ती की पद्धति से सम्बध्द सभी मामलों पर सरकार को परामर्श देना।
  5. विभिन्न सिविल सेवाओं से सम्बद्ध अनुसानिक मामले।
  6. असाधारण पेंशन प्रदान करने, विधिक व्यय आदि की प्रतिपूर्ति से संबंधित विविध मामले आदि।

सदस्य

आयोग के सदस्य भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं। कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य[1] होते हैं, जो न्यूनतम 10 वर्षों के अनुभव प्राप्त हों। इनका कार्यकाल 6 वर्षों या 65 वर्ष की उम्र[2] तक का होता है। ये कभी भी अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को दे सकते हैं। इससे पहले राष्ट्रपति इन्हें पद की अवमानना या अवैध कार्यों में लिप्त होने के लिए बर्ख़ास्त कर सकता है।

आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाएँ

संघ लोक सेवा आयोग निम्नलिखित परीक्षाएँ आयोजित करता है-

लोक सेवाएँ

  1. लोक सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा
  2. लोक सेवा (मुख्य) परीक्षा

अखिल भारतीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से आईएफएस, आईएएस, आईपीएस और केंद्रीय सेवाओं के समूह 'अ' और समूह 'ब' में प्रवेश दिया जाता है।

भारतीय वन सेवा परीक्षा

भारत विश्व में पहले ऐसे देशों में से एक है, जिसने अपने वनों का वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन शुरू किया है। 'संघ लोक सेवा आयोग' (यूपीएससी) प्रतिवर्ष वन संसाधनों की रक्षा और संरक्षण करने वाले 'भारतीय वन सेवा' अधिकारियों की भर्ती के लिए 'भारतीय वन सेवा परीक्षा' का आयोजन करता है।

भारतीय अर्थ एवं भारतीय सांख्यिकी सेवा

संघ लोक सेवा आयोग, भारतीय अर्थ एवं सांख्यिकी सेवा के माध्यम से आईएसएस (भारतीय सांख्यिकी सेवा) एवं आईईएस (भारतीय अर्थ सेवा) अधिकारियों की नियुक्ति करता है। इन अधिकारियों को केंद्र एवं राज्य के विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्त किया जाता है। इसके साथ ही इनकी सेवाएँ योजना आयोग, राज्यों के विभिन्न मंडलों एवं निकायों में भी ली जाती हैं।

तकनीकी/चिकत्सीय सेवाएँ

इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा

इंजीनियरिंग सेवाओं की चार श्रेणियों में भर्ती के लिए 'संघ लोक सेवा आयोग' प्रतिवर्ष 'संयुक्त इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा' आयोजित करता है।

  1. सिविल इंजीनियरिंग
  2. मैकेनिकल इंजीनियरिंग
  3. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
  4. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग
भू-विज्ञानी परीक्षा

इस परीक्षा को भूवैज्ञानिक और जलीय भूवैज्ञानिक इन दो श्रेणियों के लिए भर्ती हेतु आयोजित किया जाता है-

  • श्रेणी-I (भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में पद)
  • श्रेणी-II (केंद्रीय भूमि जल बोर्ड में पद)
सम्मिलित चिकित्सा सेवा परीक्षा

'सम्मिलित चिकित्सा सेवा परीक्षा' का आयोजन 'संघ लोक सेवा आयोग' द्वारा निम्न पाँच श्रेणियों में भर्ती के लिए किया जाता है-

  1. रेलवे के सहायक प्रभागीय चिकित्सा अधिकारी
  2. भारतीय आयुध कारखाना स्वास्थ्य सेवा के कनिष्ठ वेतनमान पद
  3. केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के कनिष्ठ वेतनमान पद
  4. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चिकित्सा अधिकारी
  5. नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) में सामान्य कार्य चिकित्सा अधिकारी

रक्षा सेवाएँ

भारतीय रक्षा की नौकरियाँ एक व्यापक श्रेणी के अंतर्गत आती हैं। संघ लोक सेवा आयोग नौसेना, थल सेना और वायु सेना के अधिकारी कैडर में भर्ती के लिए वर्ष में दो बार 'संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा' आयोजित करता है।

डिग्री या समकक्ष परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवार भी प्रतियोगिता में भाग लेने के पात्र होते हैं। ऐसे उम्मीदवारों को परीक्षा के संबंध में आयोग द्वारा जारी की गई अधिसूचना में निर्दिष्ट दिनांक तक अपेक्षित अर्हक परीक्षा पास करने का प्रमाण प्रस्तुत करना होता है।

  1. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा
  2. सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा

रेल

'स्पेशल क्लास रेलवे प्रशिक्षु परीक्षा' का आयोजन भारतीय रेल के मैकेनिकल विभाग में उम्मीदवारों की भर्ती के लिए किया जाता है। यह प्रथम श्रेणी की सेवा है और इन अधिकारियों से ही भारतीय रेल के यांत्रिक विभाग की शीर्ष पंक्ति के संवर्ग का गठन होता है।

'रेलवे भर्ती नियंत्रण बोर्ड' विभिन्न क्षेत्रीय/उत्पादन इकाईयों में 'स' श्रेणी (तृतीय श्रेणी) के कर्मचारियों की भर्ती करता है। इस तरह यहाँ कुल 19 रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) हैं, जो अपनी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संबंधित क्षेत्रीय कर्मचारियों की भर्ती करते हैं। ये भर्तियाँ मांग के आधार पर की जाती हैं, इसके लिए रोज़गार अधिसूचना रोज़गार समाचार[3] और अन्य समाचार पत्रों में विज्ञापन के रूप में जारी की जाती है। सामान्यतः एक वर्ष में प्रत्येक आरआरबी इस प्रकार की दो अधिसूचनाएँ जारी करता है।

पुलिस बल

'संघ लोक सेवा आयोग' निम्नलिखित सेवाओं के लिए सहायक कमांडेंट (समूह अ) की भर्ती के लिए 'केंद्रीय पुलिस बल' (सहायक कमांडेंट) परीक्षा का आयोजन करता है-

  1. केंद्रीय पुलिस बल (सीपीएफ)
  2. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ)
  3. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)
  4. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ)
  5. भारत-तिब्बल सीमा पुलिस (आईटीबीपी)
  6. सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी)
  7. केन्द्रीय पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा

गैर तकनीकी परीक्षा

विभागीय अधिकारी/आशुलिपिक (श्रेणी 'ख'/श्रेणी-I) परिसीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कार्यरत या अवकाशप्राप्त
  2. जो भी पहले आए
  3. भारत सरकार का एक प्रकाशन

बाहरी कड़ियाँ

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