"कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 25": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रिंकू बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ") |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 14: | पंक्ति 14: | ||
-[[काशी]] | -[[काशी]] | ||
-[[उज्जैन]] | -[[उज्जैन]] | ||
||[[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|right|100px|प्रयाग]]'प्रयाग' का आधुनिक नाम [[इलाहाबाद]] है। [[प्रयाग]] [[उत्तर प्रदेश]] का प्राचीन तीर्थस्थान है, जिसका नाम [[अश्वमेध यज्ञ|अश्वमेध]] आदि अनेक [[यज्ञ]] होने से पड़ा था। यह [[गंगा]]-[[यमुना]] के [[संगम (इलाहाबाद)|संगम]] पर स्थित है तथा यहाँ का [[स्नान]] "त्रिवेणी स्नान" कहा जाता है। [[प्रयाग]] का [[मुस्लिम]] शासन में 'इलाहाबाद' नाम कर दिया गया था, परंतु 'प्रयाग' नाम आज भी प्रचलित है। यहाँ [[उत्तर प्रदेश]] का उच्च न्यायालय और एजी कार्यालय भी है। [[रामायण]] में इलाहाबाद, प्रयाग के नाम से वर्णित है। [[ब्रह्मपुराण]] का कथन है- 'प्रकृष्टता के कारण यह 'प्रयाग' है और प्रधानता के कारण यह 'राज' शब्द | ||[[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|right|100px|प्रयाग]]'प्रयाग' का आधुनिक नाम [[इलाहाबाद]] है। [[प्रयाग]] [[उत्तर प्रदेश]] का प्राचीन तीर्थस्थान है, जिसका नाम [[अश्वमेध यज्ञ|अश्वमेध]] आदि अनेक [[यज्ञ]] होने से पड़ा था। यह [[गंगा]]-[[यमुना]] के [[संगम (इलाहाबाद)|संगम]] पर स्थित है तथा यहाँ का [[स्नान]] "त्रिवेणी स्नान" कहा जाता है। [[प्रयाग]] का [[मुस्लिम]] शासन में 'इलाहाबाद' नाम कर दिया गया था, परंतु 'प्रयाग' नाम आज भी प्रचलित है। यहाँ [[उत्तर प्रदेश]] का उच्च न्यायालय और एजी कार्यालय भी है। [[रामायण]] में इलाहाबाद, प्रयाग के नाम से वर्णित है। [[ब्रह्मपुराण]] का कथन है- 'प्रकृष्टता के कारण यह 'प्रयाग' है और प्रधानता के कारण यह 'राज' शब्द अर्थात् 'तीर्थराज' से युक्त है। ऐसा माना जाता है कि इस संगम पर भूमिगत रूप से [[सरस्वती नदी]] भी आकर मिलती है। इलाहाबाद का उल्लेख [[भारत]] के धार्मिक ग्रन्थों में भी मिलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रयाग]], [[कुम्भ मेला]], [[कल्पवास]] | ||
{निम्न में से किस राज्य में '[[जगन्नाथ रथयात्रा]]' निकाली जाती है? | {निम्न में से किस राज्य में '[[जगन्नाथ रथयात्रा]]' निकाली जाती है? | ||
पंक्ति 38: | पंक्ति 38: | ||
-[[रामकृष्ण परमहंस]] | -[[रामकृष्ण परमहंस]] | ||
+[[दयानन्द सरस्वती]] | +[[दयानन्द सरस्वती]] | ||
||[[चित्र:Dayanand-Saraswati.jpg|right|90px|दयानन्द सरस्वती]]'स्वामी दयानन्द सरस्वती' [[आर्य समाज]] के प्रवर्तक और प्रखर सुधारवादी | ||[[चित्र:Dayanand-Saraswati.jpg|right|90px|दयानन्द सरस्वती]]'स्वामी दयानन्द सरस्वती' [[आर्य समाज]] के प्रवर्तक और प्रखर सुधारवादी संन्यासी थे। प्राचीन [[ऋषि|ऋषियों]] के वैदिक सिद्धांतों के पक्षपाती [[दयानन्द सरस्वती]] का जन्म [[गुजरात]] की छोटी-सी रियासत 'मोरवी' के [[टंकारा]] नामक गाँव में हुआ था। [[मूल नक्षत्र]] में पैदा होने के कारण ही इनका नाम 'मूलशंकर' रखा गया था। स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपने विचारों के प्रचार के लिए [[हिन्दी भाषा]] को अपनाया। उनकी सभी रचनाएँ और सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ 'सत्यार्थ प्रकाश' मूल रूप में हिन्दी भाषा में लिखा गया है। स्वामीजी का कहना था- "मेरी [[आँख]] तो उस दिन को देखने के लिए तरस रही है, जब [[कश्मीर]] से [[कन्याकुमारी]] तक सब भारतीय एक ही [[भाषा]] बोलने और समझने लग जाएँगे।"{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दयानन्द सरस्वती]] | ||
{[[ब्रह्मा]] के मुख से किस देवी की उत्पत्ति मानी जाती है? | {[[ब्रह्मा]] के मुख से किस देवी की उत्पत्ति मानी जाती है? |
07:51, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
पन्ने पर जाएँ
|
पन्ने पर जाएँ
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान