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||[[चित्र:Lord-Rama.jpg|right|100px|श्रीराम]][[हिन्दू धर्म]] के कई त्योहार, जैसे- [[दशहरा]] और [[दीपावली]] आदि, [[राम]] की जीवन-कथा से जुडे हुए हैं। माना जाता है कि राम का जन्म प्राचीन भारत में हुआ था। उनके जन्म के समय का अनुमान सही से नहीं लगाया जा सका है। आज के युग में राम का जन्म '[[रामनवमी]]' के रूप में मनाया जाता है। श्रीराम के परमधाम गमन के विषय में कहा जाता है कि जब प्रभु [[श्रीराम]], [[भरत (दशरथ पुत्र)|भरत]] और [[शत्रुघ्न]] ने [[सरयू नदी]] के 'गोप्रतार घाट' पर [[विष्णु]] स्वरूप में प्रवेश किया तो उनके साथ गया समस्त समूह अर्थात [[राक्षस]], मनुज, रीछ, पक्षी, वानर और यशस्वी व | ||[[चित्र:Lord-Rama.jpg|right|100px|श्रीराम]][[हिन्दू धर्म]] के कई त्योहार, जैसे- [[दशहरा]] और [[दीपावली]] आदि, [[राम]] की जीवन-कथा से जुडे हुए हैं। माना जाता है कि राम का जन्म प्राचीन भारत में हुआ था। उनके जन्म के समय का अनुमान सही से नहीं लगाया जा सका है। आज के युग में राम का जन्म '[[रामनवमी]]' के रूप में मनाया जाता है। श्रीराम के परमधाम गमन के विषय में कहा जाता है कि जब प्रभु [[श्रीराम]], [[भरत (दशरथ पुत्र)|भरत]] और [[शत्रुघ्न]] ने [[सरयू नदी]] के 'गोप्रतार घाट' पर [[विष्णु]] स्वरूप में प्रवेश किया तो उनके साथ गया समस्त समूह अर्थात [[राक्षस]], मनुज, रीछ, पक्षी, वानर और यशस्वी व महान् मनुष्य आदि सभी को प्रभु का परमधाम मिला। [[ब्रह्मा|ब्रह्माजी]] ये सब देखकर बहुत आह्लादित हुए और अपने धाम को चले गए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्रीराम]] | ||
{[[विश्वामित्र|महर्षि विश्वामित्र]] का [[क्षत्रिय]] दशा का क्या नाम था? | {[[विश्वामित्र|महर्षि विश्वामित्र]] का [[क्षत्रिय]] दशा का क्या नाम था? | ||
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-[[केसरी वानर राज|केसरी]] | -[[केसरी वानर राज|केसरी]] | ||
-[[जामवन्त]] | -[[जामवन्त]] | ||
||ऋक्षराज एक प्रसिद्ध पौराणिक चरित्र है। [[रामायण]] में वर्णित [[बालि]] और [[सुग्रीव]] के [[पिता]] [[ऋक्षराज]] थे। चिरकाल तक राज्य करने के | ||ऋक्षराज एक प्रसिद्ध पौराणिक चरित्र है। [[रामायण]] में वर्णित [[बालि]] और [[सुग्रीव]] के [[पिता]] [[ऋक्षराज]] थे। चिरकाल तक राज्य करने के पश्चात् जब ऋक्षराज का देहान्त हुआ, तब उनका बड़ा पुत्र बालि राजा बना। बालि और सुग्रीव में बचपन से ही बहुत प्रेम था। ऋक्षराज के जन्म के विषय में कहा जाता है कि एक बार [[मेरु पर्वत]] पर तपस्या करते समय [[ब्रह्मा]] की [[आँख|आँखों]] से गिरे हुए आँसुओं से एक बंदर उत्पन्न हुआ, जिसका नाम 'ऋक्षराज' था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ऋक्षराज]] | ||
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07:34, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
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