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| {{सूचना बक्सा कलाकार | | {| class="bharattable-pink" width="100%" |
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| |चित्र का नाम= | | | valign="top"| |
| |पूरा नाम=रॉबर्ट जॉन क्रिस्टो
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| |जन्म= [[1938]]
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| |मृत्यु=[[20 मार्च]], [[2011]]
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| |मृत्यु स्थान=[[बैंगलोर]]
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| |कर्म भूमि=[[मुंबई]]
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| |कर्म-क्षेत्र=अभिनेता | |
| |मुख्य रचनाएँ= | |
| |मुख्य फ़िल्में=कालिया (1981), मर्द (1985), नास्तिक (1983), कुर्बानी (1981), | |
| |विषय= | |
| |शिक्षा=सिविल इंजीनियर | |
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| |अन्य जानकारी=बोब क्रिस्टो परवीन बॉबी से मिलने के लिए [[भारत]] आए थे लेकिन उन्हें संजय खान की फ़िल्म अब्दुल्ला में ब्रेक मिल गया।
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| | {[[भारतीय संविधान]] को निम्नलिखित में से कौन-सी अनुसूची राज्यसभा में स्थानों के आवंटन से संबंधित है? |
| | |type="()"} |
| | -[[भारत का संविधान- तीसरी अनुसूची |तीसरी अनुसूची]] |
| | +[[भारत का संविधान- चौथी अनुसूची|चौथी अनुसूची]] |
| | -[[भारत का संविधान- पांचवीं अनुसूची|पांचवीं अनुसूची]] |
| | -[[भारत का संविधान- छठी अनुसूची|छठीं अनुसूची]] |
| | ||[[भारतीय संविधान]] की चौथी अनुसूची [[राज्य सभा]] में स्थानों के आवंटन से संबंधित है। |
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| '''रॉबर्ट जॉन क्रिस्टो''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Robert John Christo''; जन्म- [[1938]], सिरका; मृत्यु- [[20 मार्च]], [[2011]], [[बैंगलोर]]) [[भारतीय सिनेमा]] के खलनायक [[अभिनेता]] तथा ऑस्ट्रेलियाई-भारतीय सिविल इंजीनियर भी थे। दो दशको तक करीब 200 हिंदी फ़िल्मों में मुख्य खलनायक या उसके सहायक के किरदार में अभिनय करते नजर आये।
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| == परिचय ==
| | {'पैकेज डील' का संबंध है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-121,प्रश्न-25 |
| {{main|बोब क्रिस्टो का परिचय}}
| | |type="()"} |
| रॉबर्ट जॉन क्रिस्टो का जन्म [[1938]] को सिरका में हुआ था। ये [[हिंदी सिनेमा]] में बॉब क्रिस्टो के नाम से मशहूर थे। बॉब मूल रूप से इंजीनियर थे, लेकिन अच्छी कदकाठी के बदौलत उन्हें माडलिंग के कई ऑफर मिल चुके थे।
| | -[[भारत]]-[[चीन]] वार्ता से |
| | -[[भारत]]-[[पाक]] वार्ता से |
| | +[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की सदस्यता से |
| | -कॉमनवेल्थ की सदस्यता से |
| | ||पैकेज डील का संबंध संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता से था। |
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| == फ़िल्मी कॅरियर ==
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| {{main|बोब क्रिस्टो का फ़िल्मी कॅरियर}}
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| बोब क्रिस्टो परवीन बॉबी से मिलने के लिए [[भारत]] आए थे लेकिन उन्हें संजय खान की फ़िल्म अब्दुल्ला में ब्रेक मिल गया। उन्होंने इस फ़िल्म में खलनायक का किरदार निभाया। इस फ़िल्म के बाद से क्रिस्टो को ज्यादातर फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाओं के ऑफर मिलने लगे और उन्होंने भारत में ही रहने का फैसला कर लिया। फिल्म कालिया, मर्द, नास्तिक, कुर्बानी, मि. इंडिया, रूप की रानी चोरों का राजा और गुमराह समेत उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था।
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| ==निधन==
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| हिंदी फिल्मों के 72 वर्षीय खलनायक बॉब क्रिस्टो का बेंगलुरू में दिल का ऑपरेशन हुआ था। लेकिन ऑपरेशन के बाद भी उनकी तबियत में कोई सुधार नही हुआ और [[20 मार्च]], [[2011]], [[सोमवार]] को उनका निधन हो गया।
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| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | | {सर आइवर जेनिंग्स द्वारा लिखित पुस्तक कौन नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-205,प्रश्न-34 |
| | |type="()"} |
| | -सम कैरेक्टरस्टिक्स ऑफ़ दि इंडियन कांस्टीट्यूशन |
| | -दी लॉ एंड दी कांस्टीट्यूशन |
| | +माडर्न कांस्टीट्यूशन |
| | -कैबिनेट गवर्नमेंट |
| | ||'मॉडर्न कांस्टीट्यूशन' नामक पुस्तक के.सी. व्हीयर द्वारा लिखी गई है। शेष पुस्तकों को सर आइवर जेनिंग्स द्वारा लिखा गया है। |
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
| | {यदि राज्य सभा किसी संविधान संशोधन विधेयक पर लोक सभा से असहमत हो तो ऐसी स्थिति में-(नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-141,प्रश्न-25 |
| <references/>
| | |type="()"} |
| ==बाहरी कड़ियाँ==
| | +संशोधन विधेयक पारित नहीं माना जाता |
| {{अभिनेता}} | | -दोनों सदनों की संयुक्त बैठक द्वारा इसका निर्णय होगा |
| [[Category:सिनेमा कोश]][[Category:सिनेमा]][[Category:कला कोश]]
| | -लोक सभा द्वारा दो-तिहाई बहुमत से यह विधेयक पारित कर दिया जाएगा |
| __INDEX__
| | -लोक सभा राज्य सभा के मत को अस्वीकृत कर देगी |
| __NOTOC__
| | ||संविधान संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से स्वीकृत किया जाना आवश्यक है। दोनों सदनों में असहमति की स्थिति में विधेयक अंतिम रूप से समाप्त हो जाएगा क्योंकि संविधान संशोधन के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की संविधान में कोई व्यवस्था नहीं हैं। |
| | | </quiz> |
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| {{सूचना बक्सा कलाकार
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| |चित्र=
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| |चित्र का नाम=
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| |पूरा नाम=रॉबर्ट जॉन क्रिस्टो
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| |प्रसिद्ध नाम=बोब क्रिस्टो
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| |अन्य नाम=
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| |जन्म= [[1938]]
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| |जन्म भूमि=सिरका
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| |मृत्यु=[[20 मार्च]], [[2011]]
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| |मृत्यु स्थान=[[बैंगलोर]]
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| |अभिभावक=
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| |पति/पत्नी=नरगिस
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| |संतान=पुत्र- सुनील और दोरियस
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| |कर्म भूमि=[[मुंबई]]
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| |कर्म-क्षेत्र=अभिनेता
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| |मुख्य रचनाएँ= | |
| |मुख्य फ़िल्में=कालिया (1981), मर्द (1985), नास्तिक (1983), कुर्बानी (1981),
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| |विषय=
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| |शिक्षा=सिविल इंजीनियर
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| |विद्यालय=
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| |पुरस्कार-उपाधि=
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| |अन्य जानकारी=बोब क्रिस्टो परवीन बॉबी से मिलने के लिए [[भारत]] आए थे लेकिन उन्हें संजय खान की फ़िल्म अब्दुल्ला में ब्रेक मिल गया।
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| }}
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| रॉबर्ट जॉन क्रिस्टो का जन्म [[1938]] को सिरका में हुआ था। भारतीय सिनेमा के खलनायक [[अभिनेता]] तथा ऑस्ट्रेलियाई-भारतीय सिविल इंजीनियर भी थे। इनका असली नाम रॉबर्ट जॉन क्रिस्टो था। ये हिंदी सिनेमा में बॉब क्रिस्टो के नाम से मशहूर थे। बोब क्रिस्टो के दो भाई हेल्मुट और माइक थे। इनके परिवार में पत्नी नरगिस, दो पुत्र सुनील और दोरियस हैं।
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| ==परवीन बॉबी से भेंट ==
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| आस्ट्रेलियाई मूल के बॉब [[भारत]] में जानी-मानी अभिनेत्री [[परवीन बॉबी]] से मिलने आये थे और वह यही के होकर रह गए। बॉब को पहला ब्रेक संजय खान द्वारा निर्मित फिल्म 'अब्दुल्ला' (1980) में बतौर खलनायक मिला। जिसमें उनके अभिनय की खूब तारीफ की गयी। इसके बाद बॉब ने [[भारत]] में ही रुकने का निर्यण किया। दो दशको तक करीब 200 हिंदी फिल्मों में मुख्य खलनायक या उसके सहायक के किरदार में [[अभिनय]] करते रहे। बोब क्रिस्टो को अच्छी कदकाठी के बदौलत माडलिंग के कई ऑफर मिल चुके थे। बॉब क्रिस्टो के हट्टे कट्टे शरीर और टूटी-फूटी [[हिन्दी]] में संवाद बोलने के तरीके को लोगों ने काफी पसंद किया।
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| == विदेशी अंदाज ==
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| सर से गंजे, हाथ में वाइन का ग्लास और स्टाइलिस्ट विदेशी लिबाज में वह फ़िल्मी परदे पर नजर आते थे। उनके हिंदी संवाद को विदेशी लहजे में बोलने का अंदाज लोगो को खूब भाता था।
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/> | |
| ==बाहरी कड़ियाँ==
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| {{अभिनेता}}
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| [[Category:सिनेमा कोश]][[Category:सिनेमा]][[Category:कला कोश]]
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| __INDEX__
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| __NOTOC__
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| बोब क्रिस्टो को पहला ब्रेक संजय खान द्वारा निर्मित फिल्म 'अब्दुल्ला' {१९८०} में बतौर खलनायक मिला। जिसमें उनके अभिनय की खूब तारीफ की गयी. इसके बाद बॉब ने भारत में ही रुकने का निर्यण किया। दो दशको तक करीब २०० हिंदी फिल्मों में मुख्य खलनायक या उसके सहायक के किरदार में अभिनय करते नजर आये।
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| बॉब ने हिंदी फिल्मों के अलावा तमिल,तेलगु और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया। बॉब को ज्यादा बड़े रोल नहीं मिले लेकिन फिर भी वह अपनी पहचान गढने में कामयाब रहे। इन्होंने उस दौर में सुपर स्टार [[अमिताभ बच्चन]] से लेकर तमिल स्टार [[रजनीकांत]] के साथ काम किया। फिल्म 'मिस्टर इंडिया' (1987) का मिस्टर वोल्कोट वाला किरदार आज भी लोगो की जेहन में है, जिसमें उनके द्वारा बोला गया डॉयलाग 'जय बजरंग बली' व 'सॉरी बजरंग बली' पर उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी।
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| कुर्बानी'(1980) 'कालिया'(1981), 'नास्तिक'(1983), 'मर्द' (1985), 'गिरिफ्तार'(1985), 'मिस्टर इंडिया' (1993), 'गुमराह' (1993) और 'प्रेम' (1995) आदि फिल्मों में उनकी भूमिका को काफी सराहा गया। इस नयी सदी में उन्होंने कुछ गिनी चुनी फ़िल्में 'वीर सावरकर' (2001),'कसम' (2001),'अमन के फ़रिश्ते' (2003) की। और फिल्मों से दूर हो गए तथा बेंगलूर में वह योगा इंस्ट्रक्टर के रूप में जीवन यापन करने लगे.
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