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'''अनिल कपूर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Anil Kapoor'', जन्म- [[24 दिसम्बर]], [[1959]], चेंबूर, [[मुम्बई]]) भारतीय फिल्‍म अभिनेता और निर्माता हैं, जो कि बाॅलीवुड और हॉलीवुड फिल्‍मों में अपने अभिनय और डायलॉग बोलने के अंदाज से जाने जाते हैं। उन्होंने अपने कॅरियर में बहुत सी फ़िल्में कीं। वह हर शैली की फिल्‍मों में काम कर चुके हैं और उन्‍हें दर्शकों से काफ़ी सराहना भी मिली है। उन्हें कई फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
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==परिचय==
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अनिल कपूर का जन्‍म  [[24 दिसम्बर]], [[1959]], चेंबूर, [[मुंबई]] में हुआ था। उनके पिता का नाम सुरिंदर कपूर और मां का नाम निर्मला कपूर है। उनके दो भाई भी हैं- बड़े भाई का नाम बोनी कपूर और छोटे भाई का नाम संजय कपूर है।
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===शिक्षा===
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उन्‍होंने ऑवर लेडी ऑफ परपिच्‍युल सकर हाईस्‍कूल, चेंबूर से पढ़ाई की थीा। इसके बाद उन्‍होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से पढ़ाई की।
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===विवाह===
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अनिल कपूर का [[विवाह]] [[1984]] सुनीता कपूर के साथ हुआ, जिनसे उन्‍हें तीन बच्‍चे हैं- दो बेटियाँ- सोनम कपूर और रिया कपूर और एक बेटा- हर्षवर्धन।
{[[महाभारत]] में [[कीचक वध]] किस पर्व के अंतर्गत आता है?
==कॅरियर==
|type="()"}
अनिल कपूर ने अपने फ़िल्मी कॅरियर की शुरुआत उमेश मेहरा की फिल्म ‘हमारे तुम्हारे’ ([[1979]]) के साथ एक सहायक अभिनेता की भूमिका में की थी। फ़िल्म ‘हम पाँच’ ([[1980]]) और ‘शक्ति’ ([[1982]]) में कुछ मामूली भूमिकाओं के बाद उन्हें [[1983]] में ‘वो सात दिन’ में अपनी पहली प्रमुख भूमिका मिली, जिसमें उन्होंने एक उत्कृष्ट एवं स्वाभाविक प्रदर्शन किया। अनिल कपूर ने बाद में टॉलीवुड (दक्षिण भारतीय सिनेमा) में अभिनय करने की कोशिश की और तेलुगू फिल्म ‘वम्सावृक्षं’ और 'मणिरत्नम' में काम किया। उन्होंने अपने कॅरियर की पहली कन्नड़ फिल्म ‘पल्लवी अनुपल्लवी’ की। इसके बाद उन्होंने [[यश चोपड़ा]] की ‘मशाल’ में एक बेहतरीन प्रदर्शन किया जहां उन्होंने [[दिलीप कुमार]] के साथ अभिनय कौशल दिखाया।
+[[विराट पर्व महाभारत|विराट पर्व]]
-[[अनुशासन पर्व महाभारत|अनुशासन पर्व]]
-[[आदि पर्व महाभारत |आदि पर्व]]
-[[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]]
||[[विराट पर्व महाभारत|विराट पर्व]] में [[अज्ञातवास]] की अवधि में [[विराट नगर]] में रहने के लिए गुप्तमन्त्रणा, धौम्य द्वारा उचित आचरण का निर्देश, [[युधिष्ठिर]] द्वारा भावी कार्यक्रम का निर्देश, विभिन्न नाम और रूप से विराट के यहाँ निवास, [[भीमसेन]] द्वारा जीमूत नामक मल्ल तथा [[कीचक]] और उपकीचकों का वध, [[दुर्योधन]] के गुप्तचरों द्वारा [[पाण्डव|पाण्डवों]] की खोज तथा लौटकर [[कीचक वध]] की जानकारी देना, त्रिगर्तों और [[कौरव|कौरवों]] द्वारा [[मत्स्य]] देश पर आक्रमण, कौरवों द्वारा [[विराट]] की गायों  का हरण, पाण्डवों का कौरव-सेना से युद्ध, [[अर्जुन]] द्वारा विशेष रूप से युद्ध और कौरवों की पराजय, अर्जुन और कुमार उत्तर का लौटकर विराट की सभा में आना, विराट का युधिष्ठिरादि पाण्डवों से परिचय तथा अर्जुन द्वारा [[उत्तरा]] को पुत्रवधू के रूप में स्वीकार करना वर्णित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[विराट पर्व महाभारत]], [[कीचक वध]]


[[1985]] में ‘मेरी जंग’ जैसी फिल्म में न्याय के लिए लड़ रहे एक नाराज़ युवा वकील की भूमिका की, जिसने उन्हें एक परिपक्व अभिनेता के रूप में स्थापित कर दिया। इसके अलावा अनिल कपूर ने ‘कर्मा’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘तेज़ाब’, ‘राम लखन’ जैसी प्रसिद्ध फिल्में कीं जिन्होंने उन्हें स्टारडम की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। फिल्म ‘बेटा’ में निभाए गए उनके किरदार ने सभी को भावनात्‍मक कर दिया था और ऐसा कहा जाने लगा था कि बेटा हो तो ऐसा। व‍हीं फिल्‍म ‘नायक’ में निभाए गए उनके एक दिन के [[मुख्‍यमंत्री]] के किरदार को खूब प्रशंसा मिली थी। यह फिल्म सुपर-डूपर हिट रही थी। इसके बाद उन्‍होंने कई फिल्‍मों में छोटी-बड़ी भूमिकाएं निभाईं और आलोचकों के साथ साथ दर्शकों का काफ़ी मनोरंजन और पसंद किया।
{[[महाभारत]] युद्ध में कौन-से दिन [[श्रीकृष्ण]] ने [[शस्त्र]] न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ा?
==प्रमुख फिल्‍म==
|type="()"}
'मेरी जंग', 'चमेली की शादी', 'जांबाज', 'कर्मा', 'मिस्टर इंडिया', 'तेज़ाब', 'राम लखन', 'घर हो तो ऐसा', 'बेटा', '1942 ए लव स्‍टोरी', 'विरासत', 'हम आपके दिल में रहते हैं', 'ताल', 'बुलंदी', 'पुकार', 'नायक', 'वेलकम', 'रेस', 'स्‍लमडॉग मिलेनियर' जैसी फिल्‍मों में उन्‍होंने अपने अभिनय का जलवा बिखेरा। फिल्म बेटा में निभाए गए उनके किरदार ने सभी को भावनात्‍मक कर दिया था और ऐसा कहा जाने लगा था कि बेटा हो तो ऐसा व‍हीं फिल्‍म 'नायक' में निभाए गए उनके 1 दिन के मुख्‍यमंत्री के किरदार को खूब प्रशंसा मिली।
-[[महाभारत युद्ध आठवाँ दिन|आठवें दिन]]
==सम्मान और पुरस्कार==
-[[महाभारत युद्ध दसवाँ दिन|दसवें दिन]]
*'''राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार-'''
-[[महाभारत युद्ध ग्यारहवाँ दिन|ग्यारहवें दिन]]
#[[2001]] - सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - '''पुकार'''
+[[महाभारत युद्ध नौवाँ दिन|नौवें दिन]]
#[[2008]] - स्पेशल ज्यूरी अवार्ड - '''गांधी माय फादर'''
||[[महाभारत युद्ध नौवाँ दिन|नौवें दिन]] के युद्ध में [[भीष्म]] के [[बाण अस्त्र|बाणों]] से [[अर्जुन]] घायल हो गए। भीष्म की भीषण बाण-वर्षा से [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के अंग भी जर्जर हो गए। तब श्रीकृष्ण अपनी प्रतिज्ञा भूलकर रथ का एक चक्र उठाकर भीष्म को मारने के लिए दौड़े। अर्जुन भी रथ से कूदे और कृष्ण के पैरों से लिपट पड़े। वे श्रीकृष्ण को अपनी प्रतिज्ञा का स्मरण दिलाते हैं कि वे युद्ध में [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्र]] नहीं उठायेंगे।
*'''फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार-'''
 
#[[1985]] - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार - '''मशाल'''
</quiz>
#[[1989]] - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - '''तेज़ाब'''
|}
#[[1993]] - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - '''बेटा'''
|}
#[[1998]] - फ़िल्मफ़ेयर क्रिटिक्स सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - '''विरासत'''
#[[2000]] - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार - '''ताल'''
*'''अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार-'''
#[[2000]] - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार - '''बीवी नम्बर वन'''
#2000 - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार - '''ताल'''
#[[2006]] - आई आई एफ ए वाल ऑफ़ फेम
#[[2010]] - आई आई एफ ए असाधारण उपलब्धि

12:40, 7 जनवरी 2018 के समय का अवतरण

2 महाभारत युद्ध में कौन-से दिन श्रीकृष्ण ने शस्त्र न उठाने की अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ा?

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