"आज तुम मेरे लिए हो -हरिवंश राय बच्चन": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - " जगत " to " जगत् ") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - " शृंगार " to " श्रृंगार ") |
||
पंक्ति 36: | पंक्ति 36: | ||
प्राण, कह दो, आज तुम मेरे लिए हो। | प्राण, कह दो, आज तुम मेरे लिए हो। | ||
रात मेरी, रात का | रात मेरी, रात का श्रृंगार मेरा, | ||
आज आधे विश्व से अभिसार मेरा, | आज आधे विश्व से अभिसार मेरा, | ||
तुम मुझे अधिकार अधरों पर दिए हो | तुम मुझे अधिकार अधरों पर दिए हो |
08:52, 17 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
| ||||||||||||||||||
|
प्राण, कह दो, आज तुम मेरे लिए हो।
|
|
|
|
|
|
संबंधित लेख