"पहेली 13 जनवरी 2018": अवतरणों में अंतर

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-[[माखन लाल चतुर्वेदी]]
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-[[जयशंकर प्रसाद]]
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||[[चित्र:Dr.Dharamvir-Bharati.jpg|right|100px|border|धर्मवीर भारती]]'धर्मवीर भारती' आधुनिक [[हिन्दी साहित्य]] के प्रमुख लेखक, [[कवि]], नाटककार और सामाजिक विचारक थे। वे साप्ताहिक पत्रिका '[[धर्मयुग पत्रिका|धर्मयुग]]' के प्रधान संपादक भी रहे। [[धर्मवीर भारती|डॉ. धर्मवीर भारती]] को [[1972]] में '[[पद्मश्री]]' से सम्मानित किया गया था। उनका [[उपन्यास]] '[[गुनाहों का देवता-धर्मवीर भारती|गुनाहों का देवता]]' हिन्दी साहित्य के इतिहास में सदाबहार माना जाता है। धर्मवीर भारती ने कुछ समय तक 'हिंदुस्तानी एकेडेमी' में भी काम किया था। उन्हीं दिनों ख़ूब कहानियाँ भी लिखीं। 'मुर्दों का गाँव' और 'स्वर्ग और पृथ्वी' नामक दो कहानी संग्रह छपे। छात्र जीवन में भारती जी पर [[शरत चंद्र चट्टोपाध्याय]], [[जयशंकर प्रसाद]] और ऑस्कर वाइल्ड का बहुत प्रभाव था। उन्ही दिनों वे [[माखन लाल चतुर्वेदी]] के सम्पर्क में आये और उन्हें पिता तुल्य मानने लगे। दादा माखनलाल चतुर्वेदी ने उनको बहुत प्रोत्साहित किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[धर्मवीर भारती]]
||[[चित्र:Dr.Dharamvir-Bharati.jpg|right|100px|border|धर्मवीर भारती]]'धर्मवीर भारती' आधुनिक [[हिन्दी साहित्य]] के प्रमुख लेखक, [[कवि]], नाटककार और सामाजिक विचारक थे। वे साप्ताहिक पत्रिका '[[धर्मयुग पत्रिका|धर्मयुग]]' के प्रधान संपादक भी रहे। [[धर्मवीर भारती|डॉ. धर्मवीर भारती]] को [[1972]] में '[[पद्मश्री]]' से सम्मानित किया गया था। उनका [[उपन्यास]] '[[गुनाहों का देवता-धर्मवीर भारती|गुनाहों का देवता]]' हिन्दी साहित्य के इतिहास में सदाबहार माना जाता है। धर्मवीर भारती ने कुछ समय तक 'हिंदुस्तानी एकेडेमी' में भी काम किया था। उन्हीं दिनों ख़ूब कहानियाँ भी लिखीं। 'मुर्दों का गाँव' और 'स्वर्ग और पृथ्वी' नामक दो कहानी संग्रह छपे। छात्र जीवन में भारती जी पर [[शरत चंद्र चट्टोपाध्याय]], [[जयशंकर प्रसाद]] और ऑस्कर वाइल्ड का बहुत प्रभाव था। उन्हीं दिनों वे [[माखन लाल चतुर्वेदी]] के सम्पर्क में आये और उन्हें पिता तुल्य मानने लगे। दादा माखनलाल चतुर्वेदी ने उनको बहुत प्रोत्साहित किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[धर्मवीर भारती]]
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