"प्रयोग:कविता बघेल 6": अवतरणों में अंतर

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{सर्वप्रथम अल्तामिरा गुफ़ा में चित्रों की खोज किसने की? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-4
|type="()"}
-डी. पिरानी
+मारिया सातुओला
-ई. रेवियर
-एच. ब्रुइल
||प्रागैतिहासिक मानव द्वारा अंकित सर्वप्रथम चित्र उत्तरी स्पेन में अल्तामिरा गुफ़ा की गीली दीवार पर हाथ की अंगुलियों द्वारा बनाई गई फीते के समान टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं हैं। यह गुफ़ा सेंतेंदर से 31 किमी. दूर उत्तरी स्पेन में स्थित है। यहां की गुफ़ाएं सर्वोत्कृष्ट शिल्प का उदाहरण हैं। गुफ़ा की छत कहीं-कहीं 6-7 फ़ीट ऊंची है, अत: छत पर अंकित चित्रों को देखने हेतु भूमि पर लेटना ठीक रहता है। यही कारण है कि इन्हें सर्वप्रथम 'मारिया सातुओला' नामक एक पांच वर्षीय बालिका ने देखा था।
{[[महात्मा बुद्ध]] के पूर्व जन्मों की काल्पनिक कथाएं किससे संबंधित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-66
|type="()"}
-[[पंचतंत्र]]
+[[जातक कथा|जातक कथाएं]]
-[[हितोपदेश]]
-इनमें से कोई नहीं
||[[जातक कथा|जातक कथाओं]] का अर्थ है-'पूर्वजन्म की कथाएं'। यह जातक कथाएं [[महात्मा बुद्ध]] के जन्म-जन्मान्तर की कथाएं हैं, जिनको उन्होंने स्वयं अपने उपदेशों में सुनाया। जातक कथा में 547 जन्मों का उल्लेख है। यद्यपि [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता]] में जीवन तथा [[धर्म]] दोनों से संबंधित चित्र हैं परंतु फिर भी विशेष रूप से जातक कथाओं या बुद्ध के जीवन की कथाओं का अंकन है। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है- (1) अप्रत्यक्ष रूप से जातक कथाओं में महात्मा बुद्ध का एक संदेश छिपा है। (2) इन कथाओं को वेदिका स्तंभों पर सूचिकाओं पर अथवा दीवारों पर सांची, [[अमरावती]] आदि स्थानों पर तथा गांधार कला में जातक कथाओं के दृश्य अंकित हैं।
{[[गोथिक कला]] शैली मुख्यत: किस प्रकार की शैली है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-38,प्रश्न-8
|type="()"}
-चित्र शैली
-मूर्ति शैली
+[[स्थापत्य कला|स्थापत्य शैली]]
-इनमें से कोई नहीं
||[[गोथिक कला]] शैली मुख्यत: स्थापत्य शैली है परंतु साथ ही साथ इस कला ने मूर्तिकला, रंजित कांच एवं पाण्डुलिपि अलंकरण को भी प्रोत्साहित किया।
{पिछवई लोक चित्र कहां मिलता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-4
|type="()"}
+[[राजस्थान]]
-[[गुजरात]]
-[[बिहार]]
-[[कर्नाटक]]
||'पट-चित्र' [[राजस्थान]] की नाथद्वारा शैली में अधिक बने थे। इस उप-शैली का अद्भव एवं विकास श्रीनाथ जी की मूर्ति प्रतिष्ठित किए जाने के अनंतर हुआ। इस शैली की सबसे बड़ी देन पिछवई चित्रण है। भगवान श्रीनाथ जी के स्वरूप सज्जा हेतु मंदिर में उनके मूर्ति के पीछे लगाए जाने वाले पट-चित्रों की कलात्मकता के कारण ये पिछवई बहुत प्रसिद्ध है।
{प्रख्यात चित्र वीनस के चित्रकार कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-112,प्रश्न-68
|type="()"}
+बोत्तिचेल्ली
-रुबेंस
-राफेल
-वान डेर वाइडन
{बाज नामक चित्र के चित्रकार का नाम क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-61,प्रश्न-42
|type="()"}
+[[मंसूर]]
-[[अबुल हसन]]
-फ़ारुख़ बेग
-[[दौलत चित्रकार|दौलत]]
{अंडाकार रूप में व्यक्ति चित्रण किस शैली में हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-4
|type="()"}
-[[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी शैली]]
-[[कंपनी शैली]]
-[[अपभ्रंश चित्रकला|अपभ्रंश शैली]]
+[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी शैली]]
||अंडाकार रूप में व्यक्ति चित्रण [[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी शैली]] में हुआ है। पहाड़ी चित्रकला की [[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा शैली]] में अंग तथा भाव-भंगिमाओं का सजीव चित्रण प्राप्त होता है। इस शैली में नारी चित्रण को विशेष महत्त्व प्रदान किया गया है। लंबी पतली भौंह, चमकीली आंखें, अंडाकार भरे हुए चेहरे, पतली कमर, लंबी-पतली उंगलियां, लहराते बाल आदि का चित्रण कांगड़ा शैली की प्रमुख विशेषताएं रही हैं।
{"शकुंतला वियोग" किसकी कृति है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-21
|type="()"}
-[[रामचंद्रन]]
-[[शैलेंद्रनाथ डे]]
-[[अबनींद्रनाथ ठाकुर]]
+[[राजा रवि वर्मा]]
{बाइजेन्टाइन-कला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण किसमें पाया जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-101,प्रश्न-5
|type="()"}
-[[बेसिलिका ऑफ़ बोम जीसस|बेसिलिका गिर्जा]]
+सान विताले गिर्जा
-सेंट मार्क गिर्जा
-सेंट बसील गिर्जा
||रैवेन्ना के सान विताले के महामंदिर में (गिर्जा में) सम्राट जस्टीनियन व साम्राज्ञी थियोडोरा के परिचारकों सहित बने पच्चीकारी (मोजैक) चित्र इसके विश्व प्रसिद्ध उदाहरण हैं। इस [[कला]] के चरम उन्नति रैवेन्न के सान विताले नाम अष्टभुजी बाइजेन्टाइन भवन में दिखाई देती है।
{मानवतावाद किसकी कुंजी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-104,प्रश्न-4
|type="()"}
+पुनरुत्थानवाद
-स्वच्छंदवाद
-यथार्थवाद
-उत्तर प्रभाववाद
||पुनर्जागरण कला शैली की तिथि निर्धारण कठिन है तथापि जिओत्तो की कला से ही इसका आरंभ मानने पर जिओत्तो एक ओर [[गोथिक कला]] का अंतिम कलाकार और दूसरी ओर पुनरुत्थान का आरंभिक कलाकार हो जाता है। शास्त्रीय दृष्टि अर्थात मानववादी वैज्ञानिक दृष्टि इसके मूल में रही है। इसका प्रथम चरण मोटे तौर पर [[इटली]] में सन् 1420 से समझा जाता है। जिओत्तो को शामिल कर लेने पर पुनर्जागरण काल को 1340-30 से 1520-30 तक अथवा अंतिम चरण 1600 ई. तक माना जा सकता है। इस अवधि में रीतिवाद ही प्रचलित था। मनुष्य को इसका केंद्र बनाया गया। धार्मिक विषयों को मानवीय दृष्टि से अंकित किया गया।
{[[भारत]] में प्रागैतिहासिक चित्र कहां प्राप्त हुए है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-5,प्रश्न-5
{[[भारत]] में प्रागैतिहासिक चित्र कहां प्राप्त हुए है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-5,प्रश्न-5
|type="()"}
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-खुर्जापुर
-खुर्जापुर
+[[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]]
+[[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]]
||दिए गए विकल्पों में [[भारत]] में प्रागैतिहासिक चित्र [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]] से प्राप्त हुए हैं। यह वर्तमान में [[छत्तीसगढ़ |छत्तीसगढ़ राज्य]] में स्थित है।
||[[भारत]] में प्रागैतिहासिक चित्र [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]] से प्राप्त हुए हैं। यह वर्तमान में [[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] में स्थित है।


{अल्तामिरा की गुफ़ाएं किस देश में हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-5
{अल्तामिरा की गुफ़ाएं किस देश में हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-5
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-[[इंग्लैंड]]
-[[इंग्लैंड]]
-[[फ़्राँस]]
-[[फ़्राँस]]
+स्पेन
+[[स्पेन]]
||प्रागैतिहासिक मानव द्वारा अंकित सर्वप्रथम चित्र उत्तरी स्पेन में अल्तामिरा गुफ़ा की गीली दीवाए पर हाथ की अंगुलियों द्वारा बनाई गई फीते के समान टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं हैं। यह गुफ़ा सेंतेंदर से 31 किमी. दूर उत्तरी स्पेन में स्थित है। यहां की गुफ़ाएं सर्वोत्कृष्ट शिल्प का उदाहरण हैं। गुफ़ा की छत कहीं-कहीं 6-7 फ़ीट ऊंची है, अत: छत पर अंकित चित्रों को देखने हेतु भूमि पर लेटना ठीक रहता है। यही कारण है कि इन्हें सर्वप्रथम 'मारिया सातुओला' नामक एक पांच वर्षीय बालिका ने देखी थी।
||प्रागैतिहासिक मानव द्वारा अंकित सर्वप्रथम चित्र उत्तरी स्पेन में अल्तामिरा गुफ़ा की गीली दीवार पर हाथ की अंगुलियों द्वारा बनाई गई फीते के समान टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं हैं। यह गुफ़ा सेंतेंदर से 31 कि.मी. दूर उत्तरी स्पेन में स्थित हैं। यहां की गुफ़ाएं सर्वोत्कृष्ट शिल्प का उदाहरण हैं। गुफ़ा की छत कहीं-कहीं 6-7 फ़ीट ऊंची है, अत: छत पर अंकित चित्रों को देखने हेतु भूमि पर लेटना ठीक रहता है। यही कारण है कि इन्हें सर्वप्रथम 'मारिया सातुओला' नामक एक पांच वर्षीय बालिका ने देखी थी।


{निम्न में से कौन-सी चित्रकला [[बौद्ध धर्म]] से सम्बधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-68
{निम्न में से कौन-सी चित्रकला [[बौद्ध धर्म]] से सम्बधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-68
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-[[कांगड़ा चित्रकला]]
-[[कांगड़ा चित्रकला]]
+अजंता चित्रकला
+अजंता चित्रकला
||अजंता चित्रकला शैली भित्तिचित्र कला का अप्रतिम नमूना है। इसकी विषय-वस्तु मुख्यत: [[बौद्ध धर्म]] से संबंधित रही है। इसके विपरीत [[मुग़ल चित्रकला]], [[राजस्थानी चित्रकला]] तथा [[कांगड़ा चित्रकला]] लद्यु चित्र शैली का प्रतिनिधित्व करती हैं तथा अजंता चित्र शैली से काफी बाद की हैं।
||अजंता चित्रकला शैली भित्तिचित्र कला का अप्रतिम नमूना है। इसकी विषय-वस्तु मुख्यत: [[बौद्ध धर्म]] से संबंधित रही है। इसके विपरीत [[मुग़ल चित्रकला]], [[राजस्थानी चित्रकला]] तथा [[कांगड़ा चित्रकला]] लद्यु चित्र शैली का प्रतिनिधित्व करती हैं तथा अजंता चित्र शैली से काफ़ी बाद की हैं।


{गोथिक स्थापत्य शैली का प्रमुख निदर्शन कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-9
{[[गोथिक शैली|गोथिक स्थापत्य शैली]] का प्रमुख निदर्शक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-9
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-सेंट डेनिस कैथेड्रल
-सेंट डेनिस कैथेड्रल
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-मॅन्स गिर्जा
-मॅन्स गिर्जा
-फ्लोरेन्स का गिर्जा
-फ्लोरेन्स का गिर्जा
||गोथिक स्थापत्य शैली का प्रमुख निदर्शन चार्ट्रेस कैथेड्रल थे।


{पिछवई किसके लिए चित्रित की गई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-5
{पिछवई किसके लिए चित्रित की गई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-5
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-महल
-महल
-गुहा
-गुहा
||'पट-चित्र' [[राजस्थान]] की नाथद्वारा शैली में अधिक बने थे। इस उप-शैली का अद्भव एवं विकास श्रीनाथ जी की मूर्ति प्रतिष्ठित किए जाने के अनंतर हुआ। इस शैली की सबसे बड़ी देन पिछवई चित्रण है। भगवान श्रीनाथ जी के स्वरूप सज्जा हेतु मंदिर में उनके मूर्ति के पीछे लगाए जाने वाले पट-चित्रों की कलात्मकता के कारण ये पिछवई बहुत प्रसिद्ध हैं।
||'पट-चित्र' [[राजस्थान]] की नाथद्वारा शैली में अधिक बने थे। इस उप-शैली का उद्भव एवं विकास श्रीनाथ जी की मूर्ति प्रतिष्ठित किए जाने के अनंतर हुआ। इस शैली की सबसे बड़ी देन पिछवई चित्रण है। भगवान श्रीनाथ जी के स्वरूप सज्जा हेतु मंदिर में उनके मूर्ति के पीछे लगाए जाने वाले पट-चित्रों की कलात्मकता के कारण ये पिछवई बहुत प्रसिद्ध हैं।


{[[हुमायूं]] का मकबरा किसने वनवाया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-56,प्रश्न-5
 
 
{[[हुमायूं का मक़बरा]] किसने बनवाया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-56,प्रश्न-5
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|type="()"}
+[[अकबर]]
+[[अकबर]]
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-[[जहांगीर]]
-[[जहांगीर]]
-[[शाहजहां]]
-[[शाहजहां]]
||[[हुमांयू]] का मकबरा [[दिल्ली]] में स्थित है, जो हमायूं की पत्नी के संरक्षण में निर्मित हुआ तथा मीरक मिर्ज़ा ग़ियास के द्वारा इसका डिज़ाइन तैयार किया गया। यह मकबरा भारतीय-फ़ारसी वास्तुकला शैली का उदाहरण है। विकल्प में उपर्युक्त में से किसी का नाम न होने के कारण [[अकबर]] माना जा सकता है क्योंकि हुमायूं की [[मृत्यु]] के बाद शासन कार्य अकबर के हाथों में आ गया था।
||[[हुमांयू का मक़बरा]] [[दिल्ली]] में स्थित है, जो हमायूं की पत्नी के संरक्षण में निर्मित हुआ तथा मीरक मिर्ज़ा ग़ियास के द्वारा इसका डिज़ाइन तैयार किया गया। यह मक़बरा भारतीय-फ़ारसी वास्तुकला शैली का उदाहरण है।


{[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी चित्रों]] का निर्माण कब से प्रारंभ हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-5
{[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी चित्रों]] का निर्माण कब से प्रारंभ हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-5
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-11वीं शताब्दी
-11वीं शताब्दी
-21वीं शताब्दी
-21वीं शताब्दी
||[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी चित्रों]] का निर्माण 18 वीं शताब्दी से (1700 ई. से 1900 ई. तक) प्रारंभ हुआ। आर्चर महोदय के अनुसार, 17वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तक पश्चिम्मी-हिमालय के क्षेत्र प्रकार की कला विकसित नहीं हुई थी।
||[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी चित्रों]] का निर्माण 18वीं शताब्दी से (1700 ई. से 1900 ई. तक) प्रारंभ हुआ। आर्चर महोदय के अनुसार, 17वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तक पश्चिमी-हिमालय के क्षेत्र प्रकार की कला विकसित नहीं हुई थी।


{राजा रवि वर्मा का जन्म किस [[राज्य]] में हुआ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-5
{फ़िल्म 'रंग रसिया' निम्न में से किस कलाकार के जीवन पर आधारित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-22
|type="()"}
|type="()"}
-[[उड़ीसा]]
-अकबर पदमसी
-[[मध्य प्रदेश]]
-[[जामिनी राय]]
+[[केरल]]
+[[राजा रवि वर्मा]]
-[[गुजरात]]
-साबाबाला
||[[राजा रवि वर्मा]] का जन्म [[29 अप्रैल]], 1848 को [[केरल]] के एक छोटे कस्बे किलिमनूर ([[त्रावणकोर]]) में हुआ था। वे अपने विस्मय पेंटिंग के लिए जाने जाते हैं जो मुख्यत: [[रामायण]] एवं [[महाभारत]] महाकाव्यों के इर्द-गिर्द घूमता है। इनकी मृत्यु [[2 अक्टूबर]], [[1906]] को हुई थी।


{बाइजेन्टाइन-कला की क्या विशेषताएं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-6
{बाइजेन्टाइन-कला की क्या विशेषताएं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-6
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-टेराकोटा भित्तिचित्र
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||रैवेन्ना के सान विताले के महामंदिर में (गिर्जा में) सम्राट जस्टीनियन व साम्राज्ञी थियोडोरा के परिचारकों सहित बने पच्चीकारी (मोजैक) चित्र इसके विश्व प्रसिद्ध उदाहरण हैं। इस [[कला]] के चरम उन्नति रैवेन्न के सान विताले नाम अष्टभुजी बाइजेन्टाइन भवन में दिखाई देती है।
||रैवेन्ना के सान विताले के महामंदिर में (गिर्जा में) सम्राट जस्टीनियन व साम्राज्ञी थियोडोरा के परिचारकों सहित बने पच्चीकारी (मोजैक) चित्र इसके विश्व प्रसिद्ध उदाहरण हैं। इस [[कला]] के चरम उन्नति रैवेन्ना के सान विताले नाम अष्टभुजी बाइजेन्टाइन भवन में दिखाई देती है।


{पुनरुत्थान कला का केंद्र कहाँ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-104,प्रश्न-5
{पुनरुत्थान कला का केंद्र कहाँ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-104,प्रश्न-5
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+[[इटली]]
+[[इटली]]
-[[फ़्राँस]]
-[[फ़्राँस]]
||[[इटली]] 16वीं सदी की यूरोपीय उच्च पुनर्जागरण (हाई रेनेसां) कालीन [[कला]] का केंद्र था। इसके बाद [[जर्मनी]], फ्लैंर्ड्स, हॉलैंड, स्पेन व [[फ़्राँस]] में भी इस पुनर्जागरण का प्रभाव फैल गया और समग्र यूरोपियन कला को नई चेतना मिली। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है- (1) पुनरुत्थान कला की सबसे प्रमुख विशेषता थी 'घनत्वांकन' जिसके कारण चित्रित मानवों, प्राणियों व वस्तुओं के आकार ठोस प्रतीत होते हैं। (2) रंगों का गौण स्थान था। मानवाकृतियों को आदर्श, कुलीन, व्यक्तिदर्शी रूप में व भावपूर्ण मुद्रा में अंकित करना इस समय के कलाकारों ने प्रारंभ किया। (3) इस समय के प्रमुख चित्रकार लियोनार्दो द विंसी, माइकेल एंजेलो व राफेल थे। तीनों कलाकारों (चरम पुनरुत्थान काल के तीनों कलाकार) में सबसे छोटा राफेल था। (4) राफेल की सर्वाधिक प्रसिद्ध 'मैडोना' चित्रों से है। (5) राफेल को 'डिवाइन पेंटर' कहा गया है।
||[[इटली]] 16वीं सदी की यूरोपीय उच्च पुनर्जागरण (हाई रेनेसां) कालीन [[कला]] का केंद्र था। इसके बाद [[जर्मनी]], फ्लैंर्ड्स, हॉलैंड, स्पेन व [[फ़्राँस]] में भी इस पुनर्जागरण का प्रभाव फैल गया और समग्र यूरोपियन कला को नई चेतना मिली। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं- (1) पुनरुत्थान कला की सबसे प्रमुख विशेषता थी 'घनत्वांकन' जिसके कारण चित्रित मानवों, प्राणियों व वस्तुओं के आकार ठोस प्रतीत होते हैं। (2) रंगों का गौण स्थान था। मानवाकृतियों को आदर्श, कुलीन, व्यक्तिदर्शी रूप में व भावपूर्ण मुद्रा में अंकित करना इस समय के कलाकारों ने प्रारंभ किया। (3) इस समय के प्रमुख चित्रकार लियोनार्दो द विंसी, माइकेल एंजेलो व राफेल थे। तीनों कलाकारों (चरम पुनरुत्थान काल के तीनों कलाकार) में सबसे छोटा राफेल था। (4) राफेल की सर्वाधिक प्रसिद्ध 'मैडोना' चित्रों से है। (5) राफेल को 'डिवाइन पेंटर' कहा गया है।
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12:38, 15 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण

1 भारत में प्रागैतिहासिक चित्र कहां प्राप्त हुए है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-5,प्रश्न-5

मुजफ़्फ़रपुर
बिन्दकी
खुर्जापुर
सरगुजा

2 अल्तामिरा की गुफ़ाएं किस देश में हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-17,प्रश्न-5

इटली
इंग्लैंड
फ़्राँस
स्पेन

3 निम्न में से कौन-सी चित्रकला बौद्ध धर्म से सम्बधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-37,प्रश्न-68

मुग़ल चित्रकला
राजस्थानी चित्रकला
कांगड़ा चित्रकला
अजंता चित्रकला

4 गोथिक स्थापत्य शैली का प्रमुख निदर्शक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-9

सेंट डेनिस कैथेड्रल
चार्ट्रेस कैथेड्रल
मॅन्स गिर्जा
फ्लोरेन्स का गिर्जा

5 पिछवई किसके लिए चित्रित की गई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-47,प्रश्न-5

मंदिर
स्तूप
महल
गुहा

6 हुमायूं का मक़बरा किसने बनवाया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-56,प्रश्न-5

अकबर
बाबर
जहांगीर
शाहजहां

7 पहाड़ी चित्रों का निर्माण कब से प्रारंभ हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-5

20 वीं शताब्दी
18वीं शताब्दी
11वीं शताब्दी
21वीं शताब्दी

8 फ़िल्म 'रंग रसिया' निम्न में से किस कलाकार के जीवन पर आधारित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-92,प्रश्न-22

अकबर पदमसी
जामिनी राय
राजा रवि वर्मा
साबाबाला

9 बाइजेन्टाइन-कला की क्या विशेषताएं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-6

मोजैक भित्तिचित्र
चित्रित भित्तिचित्र
टेराकोटा भित्तिचित्र
फ्रेस्को भित्तिचित्र

10 पुनरुत्थान कला का केंद्र कहाँ था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-104,प्रश्न-5

जर्मनी
इंग्लैंड
इटली
फ़्राँस