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| [[भास्कराचार्य]] द्वारा एक प्रमुख ग्रन्थ की रचना की गई जिसका नाम है '''‘लीलावती’'''। कहा जाता है कि इस ग्रन्थ का नामकरण उन्होंने अपनी लाडली पुत्री '''लीलावती''' के नाम पर किया था। | | #REDIRECT [[लीलावती -भास्कराचार्य]] |
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| इस [[ग्रन्थ]] में गणित और खगोल विज्ञान सम्बन्धी विषयों पर प्रकाश डाला गया था।
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| ==भाषा==
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| भास्कराचार्य द्वारा लिखित ग्रन्थों का अनुवाद अनेक विदेशी भाषाओं में किया जा चुका है। भास्कराचार्य द्वारा लिखित ग्रन्थों ने अनेक विदेशी विद्वानों को भी शोध का रास्ता दिखाया है। कई शताब्दी के बाद केपलर तथा [[न्यूटन]] जैसे यूरोपीय वैज्ञानिकों ने जो सिद्धान्त प्रस्तावित किए उन पर भास्कराचार्य द्वारा प्रस्तावित सिद्धान्तों की स्पष्ट छाप मालूम पड़ती है। ऐसा लगता है जैसे अपने सिद्धान्तों को प्रस्तुत करने के पूर्व उन्होंने अवश्य ही भास्कराचार्य के सिद्धान्तों का अध्ययन किया होगा।
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| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/>
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| ==संबंधित लेख==
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| {{संस्कृत साहित्य2}}
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| [[Category:संस्कृत साहित्य]]
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| [[Category:साहित्य कोश]]
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